दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया है. मुझे लगता है कि देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता इसलिए दी कि वे यहां की जो समस्याएं हैं उस पर काम करे. बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर काम करे. लेकिन बीजेपी विपक्षी दलों को डराने का काम कर रही है और जो पार्टियां अच्छा काम कर रही हैं उनके काम का श्रेय लेने का काम कर रही है.
देश की जनता सब कुछ देख रही है. वे इस पर माकूल जवाब देगी क्योंकि जब-जब इस देश में कोई तानाशाह बनने की कोशिश किया है, जनतंत्र को कमजोर करने की साजिश की है तो देश की जनता ने इसका माकूल जवाब दिया है.
सत्य को दबा तो सकते हैं, लेकिन सत्य फिर उतनी ही ताकत से दोबारा वापस आती है, उसे आप खत्म नहीं कर सकते हैं. मुझे लगता है कि ये बहुत गलत काम किया है कि एक ईमानदार नेता, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है, जिससे दिल्ली के 12 लाख बच्चों का भविष्य सध रहा है, जिससे पूरे देश के बच्चों की उम्मीदें जगी हैं, आज उस उम्मीद पर पानी फेरने का काम बीजेपी की सरकार ने किया है.
चूंकि अभी मैं छत्तीसगढ़ का ही प्रभारी हूं. वहां मैं रात में एक किसी कार्यक्रम में गया था. वहां पर बीजेपी के भी एक नेता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का अब सर्वनाश हो जाएगा जैसा वे काम कर रहे हैं. ये वे हैं जो बीजेपी के नेता हैं, पार्टी के समर्थकों का ये कहना है. मुझे ये लगता है कि जब किसी के दिन बुरे आ जाते हैं, तो काम बुरे होने लगते हैं. बीजेपी जो कर रही है, ये संकेत हैं कि इनके बुरे दिन आ गए हैं. आज उन्होंने पूरे देश के लोगों की आत्मा को झकझोरा है.
दिल्ली के 12 लाख अभिभावकों की आंखें आज नम हैं, जिनके बच्चों के भविष्य ठीक हुए हैं. पूरे देश के लोग कह रहे हैं कि एक ईमानदार शिक्षा मंत्री को इस तरह से जेल में बंद नहीं करना चाहिए, वो भी तब जब वे वित्त मंत्री भी हैं. दिल्ली को बजट भी मिलने वाला है. आज दिल्ली की जनता को उनके बजट से महरूम किया जा रहा है. जनता इतनी नासमझ नहीं हैं. मैं बार-बार ये कह रहा हूं कि ये साजिशें पहले भी हुई हैं. पहले भी कांग्रेस के समय में तानाशाह बनने की कोशिश की गई है और उसका क्या हश्र हुआ ये सारी बातें इतिहास में दर्ज है.
बीजेपी पूछ रही है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई तो इस्तीफा क्यों नहीं होना चाहिए. आप के करीब 200 नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज है, ऐसे में तो सबको इस्तीफा दे देना चाहिए. आज हमारे शायद ऐसे दो-चार विधायक या मंत्री ही बचे होंगे जिनपर इन्होंने एफआईआर नहीं कराए हों. 200 प्राथमिकी हमारे पार्षदों और विधायकों पर दर्ज हो चुके हैं. अगर कोई गूगल कर ले और लिम्का वाले इसकी जांच कर लें, तो ये वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा.
दूसरी बात उनमें से 145 पर एफआईआर के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा कि ये तो बेबुनियाद प्राथमिकी हैं. पुलिस पार्टी बनकर काम कर रही है. तीसरी बात ये कि आज अगर इस तरह से एफआईआर होने पर इस्तीफा दे देते तब तो एक भी आदमी नहीं बचता सब के सब इस्तीफा दे दिए होते.
ईडी के कन्विक्शन रेट हीं देख लें तो वो 1 प्रतिशत से भी नीचे है. इनका लक्ष्य यही है कि वे किसी तरह से इस्तीफा दे दें, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में काम नहीं हो. सत्येंद्र जैन को बिना कोई कारण जेल में बंद करके रखे हुए हैं, जिन्होंने मोहल्ला क्लीनिक का मॉडल बनाया है. उसकी चर्चा न हो ताकि काम की बात हो जाए, लेकिन मैं बार-बार कह रहा हूं कि जनता सब देख रही है और वो इसका माकूल जवाब देगी. रश्मिरथी में रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा है कि कृष्ण कहते हैं कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है, तो ये इनका नाश का वक्त आ गया है.
एजेंसियां स्वतंत्र हो कर काम नहीं कर रहीं
आज जितनी भी जांच एजेंसी हैं, वो बीजेपी के कहने पर नहीं काम करे तो काम करना मुश्किल हो जाएगा. आप देखिये कि बहुत सारे अफसरों को खुदकुशी करना पड़ रहा है. परिस्थितियां ऐसी हैं, प्रेशर बहुत है, ऊपर से प्रेशर दिया जा रहा है. इस लजह से कई लोगों को तो नौकरी छोड़नी पड़ रही है. आज ये सारी एजेंसियां बीजेपी की प्रकोष्ठ की तरह काम कर रही हैं. सारी बातें पहले बीजेपी के मुख्यालय में लिखी जाती है और उस पर फिर ये एजेंसी कार्रवाई कर रहे हैं. वे स्वतंत्र होकर काम नहीं कर रहे हैं. इसका कारण ये है कि जितने भी विपक्ष के लोग हैं केवल उन्हीं को जेल में डाला जा रहा है. कहीं चुनाव हो तो वहां ईडी पहुंच जाती है.
कभी कोई विपक्ष इनके खिलाफ बोल दे तो ईडी पहुंच जाती है. हद तो तब हो गई की जब अगर कोई आलोचक कुछ बोल दे, उसके घर नोटिस पहुंच जाती है. देश की जनता ने इसलिए सत्ता थोड़ी नहीं दिया था. रोजगार के अवसर बढ़ाने, महंगाई को कम करने और स्वास्थ्य की व्यवस्था बनाने और देश को आगे बढ़ाने के लिए जनता ने इन्हें मौका दिया था. देश की तो इन्हें परवाह है नहीं, उसके विपरीत ये पूरे सिस्टम को बर्बाद करने में जुटे हैं.
देश की जनता इनको माकूल जवाब देगी
हमलोग आंदोलन से आये हुए लोग हैं. हमने खूब लाठियां भी खाई हैं और जेल भी गए हुए हैं. हमें इनकी लाठी से डर नहीं है, जेल में भेजे जाने का डर नहीं है और मुझे लगता है कि हम लोग तो बहुत छोटे लोग हैं और नई-नई पार्टी में आए हुए लोग हैं. हमे लगता है कि आज जनता हमलोगों के साथ इसलिए खड़ी है कि हम सत्य के साथ खड़े हैं. हम जनता की जो समस्याएं हैं उसके साथ खड़े हैं. 75 साल में एक स्कूल नहीं बन पाया, एक अस्पताल ढंग का नहीं बना पाए तो आज हम स्कूल और अस्पताल के जरिये देश के गरीबों को अच्छी सुविधा देने की कोशिश कर रहे हैं, दिल्ली की जनता इसलिए हमारे साथ खड़ी है. मुझे लगता है कि देश की जनता इनको माकूल जवाब देगी.
पहले भी जब सत्येंद्र जैन के साथ जो कुछ हो रहा था, तब भी अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी होने वाली है. चूंकि हर एजेंसी में भी इंसान हीं काम करते हैं. उनको भी तो लगता है कि ये अच्छे और सच्चे लोग हैं. जो हमारे सूत्र हैं, वे बता देते हैं कि हमसे ये काम करवाया जा रहा है. हमारी मजबूरियां हैं हम क्या करें. वे सब लोग बताते हैं कि इस तरह की बातें होने वाली हैं और जानकारी में आ जाती है. देखिए कोई भी एजेंसी में कुछ लोग हो सकते हैं कि चापलूस होंगे और कुछ लोगों को हो सकता है कि उनको अलग से वजीफा मिलता होगा, लेकिन बहुत सारे लोग कर्तव्यनिष्ठ होते हैं. वो चाहते हैं कि देश का भला हो, देश आगे बढ़े. देश नफरत से आगे नहीं बढ़ेगा. बदले की भावना से आगे नहीं बढ़ेगा. अगर मनीष सिसोदिया ने अच्छा काम किया है तो उसको सीख कर कॉपी करके काम करने से देश आगे बढ़ेगा. सबको जेल में बंद कर देने से सिर्फ़ देश का नुकसान ही होगा.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये आर्टिकल विधायक संजीव झा से बातचीत पर आधारित है.)