हम सभी ने कहानी सुनी होगी एक राजा की उसके राजपाठ कि कैसे वो अपने राज्य के लिए काम करता.. राज्य का विस्तार करता ... हर रोज दरबार लगाकर लोगों का बात सुनता... लेकिन आज के दौर में ना राजा है ना रानी है... ना राजाओं का राजपाट.. लेकिन लोकशाही है...और इस लोकशाही की शान होता है उसका सेवक. और इस बात को सार्थक चरितार्थ किया है दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री  नरेंद्र भाई दामोदरदास  मोदी ने. 75 साल की इस यात्रा में पहला एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसने खुद को देशवासियों के चौकीदार, सेवक के रूप स्वयं से स्वीकारा और उनकी इसी स्वीकृति ने उन्हें भारत के हर जन से जोड़ा.        


3 अक्टूबर 2014 से आकाशवाणी के दिल्ली केंद्र से शुरु हुई मन की बात अपनी शतकीय पारी पूरी कर चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 100वें एपिसोड पूरे होने पर देशवासियों का धन्यवाद प्रकट करते हुए ट्वीट किया, आपके मिले लाखों पत्रों को पढ़कर मैं बहुत भावुक हुआ. पीएम ने कहा कि मेरे लिए मन की बात एक पर्व बन गया है. इस कार्यक्रम ने मुझे आप से जोड़े रखा. यह एक ऐसा कार्यक्रम बन गया, जिससे मैं आपके विचार, आपकी सोच से वाकिफ हो सका. आपके संदेश मेरे तक पहुंचते थे. मुझे महसूस ही नहीं हुआ कि मैं आपसे दूर हूं. ये मेरे लिए एक कार्यक्रम नहीं बल्कि पूजा है. 



मन की बात कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के उन नायकों तक पहुंचे जो कहीं शोहरत की चमक से दूर बेहतर भविष्य की भारत की तैयारी में लगे हैं. उनके द्वारा किए जा रहे नवाचार, जनकल्याण के कार्यों पर सकारात्मक दृष्टिकोण से चर्चा का एक मात्र उद्देश्य ही कि सूरत बदलना व प्रगतिपथ पर आगे बढ़ना है ताकि छोटा, बड़ा, कमज़ोर, पिछड़ा सब साथ चले सके. 


     रेडियो के 'अच्छे दिन'' 


बहुत पीड़ा होती है जब कोई कहता है कि रेडियो के दिन लद गए, न्यू मीडिया के दौर में रेडियो के अस्तित्व गहराया संकट जैसे किसी ने हर लिया हो. नि:सन्देह संवाद के सबसे पुराने और बेजान होते जा रहे माध्यम को मन की बात ने फ़िर से जीवंत कर दिया. पहले 15 मिनट की बात से शुरू हुआ कारवां आज 40 मिनट तक पहुंच गया है. महज 6 महीने के भीतर ही संचार के सबसे पुराने माध्यम को संवाद का सबसे ताकतवर व प्रभावशाली माध्यम बना दिया. नतीजतन रेडियो पर प्रसारित मन की बात को सभी टीवी चैनलों ने दिखाया, अखबारों ने छापा तो वहीं यह कार्यक्रम सोशल मीडिया पर ख़ूब ट्रेंड हुआ. डिजिटल क्रांति के इस दौर में किसने सोचा होगा कि आकाशवाणी के दिल्ली केंद्र से प्रसारित होने वाला कार्यक्रम मन की बात लोगों की जुबा पर चढ़ जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ और अब तो आकाशवाणी की गूंज दिल्ली से यूएन तक सुनाई दी.


30 अप्रैल 2023 को मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित हुआ. यह एपिसोड पूरे देश के लिए खास रहा क्योंकि इसका प्रसारण यूएन हेडक्वार्टर में भी किया गया. इसी सेंचुरी एपिसोड में " कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया जिन्होंने अपने काम से देश में स्वालंबन व स्वाभिमान की मिसाल पेश की है. विजयशांति देवी, सुनील जागलान, प्रदीप सांगवान और मंजूर अहमद के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी अपने इस कार्यक्रम में इन लोगों की बात की है और मन की बात में इनके जिक्र के बाद इन लोगों को और इनके काम को बहुत ज्यादा पहचान मिली. सही मायनों में यह मन की बात कार्यक्रम का वो इंपेक्ट फैक्टर है जो बताता है कि सफलता प्रमाणिक है.


इच्छाएं जो कभी विराम नहीं लेती.. लेकिन हर बार दोबारा मिलने का वादा होता है..पिछले  9 साल से देश के 140 करोड़ लोगों को बस इंतज़ार होता है.. हर महीने के आखिरी रविवार के सुबह 11 बजे का... जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो के जरिए अपने मन की बात जन-जन से करते हैं...ये कुछ वैसा ही है जैसे एक वक्त में लोगों में हर रविवार को सुबह 9 बजे रामायण का इंतज़ार रहता था... मन की बात आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम बन चुका है... 23 भारतीय भाषाओं... 29 बोलियों में अनुवाद.. 11 विदेशी भाषाओं में सुना जाने वाला कार्यक्रम मन की बात आज एक विचार से जनआंदोलन बन गया है...


पिछले 9 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हर मिशन से देश के आखिरी शख्स को जोड़ दिया है... स्वच्छ भारत मिशन.. जन धन योजना.... बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ.... हर घर नल जल... परीक्षा पर चर्चा....विकलांग को दिव्यांग कहना... कोरोना से जंग वैक्सीन के संग, एवरी पर्सन इज इंपार्टेन्ट एन्ड एवरी प्रॉब्लम नीड सॉल्यूशन,ये तो महज चंद नाम भर हैं.. फेहरिस्त बहुत लंबी है. पीएम मोदी ने मन की बात के ऐसे जन आंदोलन खड़ा किया है.. कि आज लोग उन्हें कॉपी कर रहे हैं ... दुनिया के दिग्गज राजनेता, कारोबारी, वैज्ञानिक, छात्र, किसान, मजदूर, महिलाएं, बेटिया हर कोई पीएम मोदी के मन की बात को आत्म सात कर लेते हैं...इस बात में कोई दोराय नहीं है कि मन की बात के जरिए जन की उम्मीदों की पिच पर बेमिसाल शतकीय रिकॉर्ड दर्ज किया है. और उम्मीद है आगे अभी कई और कीर्तिमान दर्ज करेगा.


[ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है.]