(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लोकसभा चुनाव से पहले 3 राज्यों के विधानसभा इलेक्शन पर मायावती की नजर, भतीजे आनंद के लिए ये है BSP सुप्रीमो का प्लान
लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के कंधे पर हाथ रखकर बड़ा सियासी संदेश दिया है. ये इसलिए भी खास है कि वर्तमान समय में बसपा को एक ऐसे युवा चेहरे की आवश्यकता है, जो जमीन पर उतरकर बसपा के परंपरागत वोट बैंक को फिर से जोड़ सके और पार्टी के समर्थकों में ऊर्जा ला सके. आकाश आनंद राजस्थान में सड़क पर उतरकर कार्यकर्ताओं और पार्टी वर्कर्स को जोड़ने का काम कर रहे हैं. आकाश ने राजस्थान में 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' भी शुरू की है, जो राजस्थान की 150 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी. इसे बहुजन अधिकार यात्रा भी नाम दिया गया है.
भतीजे को ही देंगी कमान
मायावती ने आनंद को चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी दी है. आकाश इन राज्यों में अगर बसपा को कुछ सीटें दिलाने में कामयाब होते हैं और युवाओं को जोड़ने में सफल होते हैं तो वह संकट के दौर से गुजर रही बसपा के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरेंगे. अगर इन चार राज्यों की बसपा के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनावों में एमपी में बसपा को 2 सीटें, राजस्थान में 6 सीटें, छत्तीसगढ़ में 2 और मिजोरम में एक सीट पर जीत मिली थी. वहीं तेलंगाना में पार्टी एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई थी, जबकि 2013 में तेलंगाना में बसपा ने 2 सीटें जीती थी. राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में जो 6 विधायक बसपा से चुनकर आये थे, वह सारे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. पिछले दिनों आकाश आनंद ने इन विधायकों के लिए कहा था कि जो पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल नहीं किया जाएगा.
राजनीति में पहले से एक्टिव हैं आनंद
बहुजन समाज पार्टी, डिजिटलाइजेशन के काफी समय बाद सोशल मीडिया पर एक्टिव हुई. ऐसा इसलिए क्योंकि बसपा सुप्रीमो का मानना था कि बसपा का परंपरागत वोटर की सोशल मीडिया पर पहुंच नहीं है. लेकिन समय बदला, नजरिया बदला और खुद बहन जी को सोशल मीडिया पर आना पड़ा. मोबाइल क्रांति एवं सस्ते इंटरनेट के जमाने में गांवों तक सोशल मीडिया की पहुंच हो गयी है तो बसपा का परंपरागत वोटर इससे अछूता नहीं रहा. इसलिए अक्टूबर 2018 में मायावती ने ट्विटर जॉइन क़िया. इसके पीछे की वजह आकाश आनंद को बताया जा रहा था, क्योंकि 2017 में आकाश के राजनीति में आने के बाद उन्होंने इन विषयों को मॉनिटर किया और सोशल मीडिया के माध्यम से बसपा, उसकी विचारधारा से जुड़े अन्य लोगों को जोड़ने की दिशा में काम क़िया. आकाश आनंद बसपा की राजनीति को सोशल मीडिया पर धारदार तरीक से रखते आ रहे हैं.
युवाओं और सोशल मीडिया पर कारगर आनंद
युवाओं को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया बेहद कारगर है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि इसी को देखते हुए आकाश आनंद ने पर्दे के पीछे से बहुजन समाज पार्टी की विचारधारा को सोशल मीडिया पर प्लानिंग से एक्टिव किया. आज बड़ी संख्या में सोशल मीडिया के भी माध्यम से युवा बसपा से जुड़ रहे हैं. बसपा का सोशल मीडिया पर छाए जाने की वजह आजाद समाज पार्टी का सोशल मीडिया पर प्रो-एक्टिव होना भी है. आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर रावण भी दलितों की राजनीति करते हैं और सोशल मीडिया पर लगातार छाए रहते हैं. इसलिए बसपा के लिए ये जरूरी हो गया था. अभी पिछले दिनों आकाश आनंद ने चंद्रशेखर आजाद रावण के एक सवाल पर उन्हें पहचानाने से ही इंकार कर दिया था, जिस पर चंद्रशेखर ने जवाब देते हुए कहा था कि मैं बहनजी का बहुत सम्मान करता हूँ. उन्होंने हमारे समाज के लिए बहुत कुछ किया. किसी नौसिखिये के कारण मेरे मन में उनके सम्मान में कोई कमी नहीं हो सकती.
जमीनी तैयारी बसपा के लिए जरूरी
2014, 2019 और 2022 के चुनाव में बसपा अपने सबसे बुरे राजनीतिक दौर से गुजर चुकी है. इस परिस्थिति में उसे एक ऐसे चेहरे की जरूरत है जो जमीन पर उतरकर पार्टी के लिए काम कर सके, जो युवा हो, नौजवान बहुजनों की दिक्कतें समझता हो, अभी का एक दलित युवक किन सपनों को पाल रहा है, उन सबको समझकर कार्यकर्ताओं के बीच जा सके. खुद मायावती पार्टी में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने की अपील कर चुकी हैं. इसलिए शायद 2019 से मायावती ने आकाश आनंद को सक्रिय किया और वह खुलकर जमीन पर उतरे. फिलहाल आकाश आनंद 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों और आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण साबित होंगे, ये तो समय बतायेगा, लेकिन आकाश आनंद के रूप में बसपा को एक युवा चेहरा मिल चुका है.
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