साइबर क्राइम का स्वरूप लगातार बदल रहा है. पहले WhatsApp पर कॉल आते थे, उसको उठाने के बाद लोगों को फंसाया जाता था. धीरे-धीरे जब लोगों में जागरूकता आई, तो उन्होंने अजनबियों के WhatsApp वीडियो या नॉर्मल कॉल भी उठाने बंद कर दिए. अब बदमाशों ने इसका तोड़ निकाला है. वह भी सोचते हैं कि अब इतना भी समय बर्बाद क्यों किया जाए, जितनी कम मेहनत लगे उतना ही अच्छा है.


लगातार इनोवेट करते हैं साइबर क्रिमिनल


अब वो WhatsApp पर मिस्ड कॉल देते हैं. अधिकतर लोग उत्सुकतावश कॉल बैक कर लेते हैं. एक बार जब आप कॉल करते हैं, तो फंसने के आसार बढ़ जाते हैं और फिर तब कई तरह के क्राइम को अंजाम दिया जाता है. कभी आपको वे इनवेस्टमेंट का लालच देते हैं, कभी पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देते हैं, कभी लोन के लोभ में फंसाते हैं. वे  WhatsApp पर अपना बिजनेस अकाउंट क्रिएट करते हैं, उसके बाद जैसे ही आपने उनको फोन किया तो उनके बिजनेस वाले फोन आने लगते हैं. अब मान लीजिए कि उन्होंने अगर 100 लोगों को फोन किया और 5 से 6 लोग भी उस जाल में फंस गए, तो उनके लिए तो बड़ा अमाउंट हो जाता है.


WhatsApp से सबसे बड़ा जो क्राइम हो रहा है, वह 'सेक्सटॉर्शन' का है. सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म... फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम...पर वे आपसे दोस्ती करते हैं. फिर धीरे-धीरे अच्छी बातें कर आपको मोहते हैं और फिर वीडियो कॉल करते हैं. वीडियो कॉल करेंगे तो दूसरे एंड पर पूरी तरह नेकेड लड़की या लड़का रहेगा. अगर आप लड़के हैं तो दूसरी तरफ लड़की होगी और आप अगर लड़की हैं तो दूसरी तरफ लड़का होगा. इस वीडियो कॉल को, चाहे वह 5 सेकेंड का हो, 20 सेकेंड का हो या पांच मिनट का हो, उसको रिकॉर्ड कर लेंगे. व्यक्ति जितना अधिक कॉम्प्रोमाइज होता है, ड्यूरेशन उतना ही होता है. रिकॉर्ड करने के बाद वो धमकाना शुरू करते हैं और फिर ब्लैकमेलिंग और सेक्सटॉर्शन शुरू होता है. इसलिए, WhatsApp कॉल को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है.


किसी हाल में किसी से साझा न करें ओटीपी


सिर्फ कॉल रिसीव करने से सेक्सटॉर्शन करना थोड़ा मुश्किल है. या तो आपको पहले से उन्होंने फंसा लिया है, या फिर जब आपने कॉल रिसीव कर ली, तो आपके किसी पुराने वीडियो के साथ वो खेलते हैं. कोई छोटी सी रिकॉर्डिंग वगैरह लेकर वो उसको गलत तरीके से मॉर्फ करके वीडियो बना लेते हैं. यह जो सिंथेटिक वीडियो वाला मामला है, यह बहुत कम होता है, क्योंकि इसको बहुत ही सॉफिस्टिकेटेड गैंग ही कर पाते हैं. विदेशी नंबरों से फोन करना या जो भी तरीका हो, वीडियो बनाकर सेक्सटॉर्शन करना बहुत प्रचलित है.


कोई भी बैंक हो, इंश्योरेंस कंपनी हो, सर्विस प्रोवाइडर हो, एजेंसी हो, या कहीं से आपने सामान खरीदा और वहां नंबर दिया हो, कोई भी मतलब कोई भी...अगर आपसे OTP मांग रहे हैं, तो कतई ना दें. हजारों-लाखों बदमाश हैं, जो इसी के लिए बैठे हैं. वह आपको किसी भी तरह फंसाकर आपसे ओटीपी मांगना चाहते हैं. अगर आपने ओटीपी दे दिया, तो वो आपका WhatsApp भी अपने फोन पर इनेबल कर लेते हैं, ओटीपी से तो वह कुछ भी कर सकते हैं. ओटीपी पर तो दुनिया भर के व्यापार चल रहे हैं, इसलिए ओटीपी कभी भी शेयर न करें, जब तक वह आपका बिल्कुल परिचित यानी बेटा या बेटी वगैरह न हो. उसमें भी जहां पैसे का ट्रांसफर हो, या पर्सनल रिकॉर्ड हो, तो केवल मैसेज आने से आप उसे शेयर न करें, बल्कि फोन वगैरह कर के जब कंफर्म हों, तभी शेयर कीजिए. आप जब बिल्कुल निश्चिंत हों कि आप उसी आदमी को ओटीपी दे रहे हैं, जो लक्षित है, तभी उसे बांटें.


सरकार कर रही है सभी जरूरी काम


साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता अभियान सरकार चला रही है. स्कूलों-कॉलेजों में हम जाते हैं, हमारे जैसे अधिकारी मीडिया के हरेक प्लेटफॉर्म पर अपनी बात कहते हैं, रखते हैं, साइबर क्राइम से कैसे बचें, इस पर हम जागरूक करते हैं, क्योंकि यही मुख्य बात है. अगर आप जागरूक नहीं हैं, तो आप पढ़े-लिखे हों या अनपढ़, आप इसके शिकार हो सकते हैं. आज हरेक आदमी के पास डेबिट कार्ड है, क्रेडिट कार्ड है. बदमाश भी लगातार तरीका बदलते रहते हैं. कभी वो कहेंगे कि आपकी बिजली कट सकती है, कभी कहेंगे कि आपका डेबिट कार्ड की मान्यता खत्म होनेवाली है, तो किसी भी तरह से वो ओटीपी जानना चाहते हैं और अगर आपने वो शेयर कर दिया तो आप कॉम्प्रमाइज़ हो गए. इसलिए, जब तक आप बदमाशी के तरीके या बदमाशी को नहीं जानते, आप बच नहीं सकते. इसलिए, कभी बच्चों का, कभी महिलाओं का, कभी बुजुर्गों का अवेयरनेस कैंप हम लगाते हैं. यूपी में तो 18 साइबर क्राइम थाने भी खोले गए हैं.


यह नंबर 1930 है जादुई, याद रखें


इसके अलावा 1930 जो नंबर है, वह याद रखने लायक है. अगर आपसे किसी भी तरह की ठगी हो गयी है, आपके पैसे निकाल लिए गए हैं और आपने इस नंबर 1930 पर फोन किया, तो स्वतः ही इस नंबर से उस बैंक को फोन चला जाता है, जहां आपका खाता है. बैंक को कहा जाता है कि यह धोखाधड़ी का पैसा है, फ्रॉड हुआ है तो बैंक ही उस ट्रांजैक्शन को रोक देता है. इसलिए, किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में पहला काम आपको करना है कि इस नंबर पर कॉल करें. इस नंबर ने करोड़ों रुपया बचाया है. इसके अलावा आप घर बैठे भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सरकार ने cybercrime.gov.in की सुविधा दी है. आप इस पर घर बैठे अपने मोबाइल से शिकायत दर्ज कर सकते हैं और वह आपके थाने पहुंच जाएगा.


युवा वर्ग से हमारी अपील है कि वह सतर्कता बरतें. हमारे पास इस तरह की हजारों लाखों शिकायतें हैं, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए ठगी की गई. आप फेसबुक पर दोस्त बनाते हैं, इंस्टा पर दोस्त बनाते हैं, तो आप फोटो पर विश्वास करते हैं. सच बिल्कुल अलग हो सकता है. हजारों क्रिमिनल्स आपकी इसी मानसिकता का फायदा उठाकर आपको ठगने को बैठे हैं. मेरठ से एक लड़की ने शिकायत की जो एक करोड़ बीस लाख रुपये गंवा चुकी थी, क्योंकि उसने फेसबुक पर दोस्ती की और शादी तक को तैयार हो गई थी. प्रोफेसर रैंक के लोग, डीन बनने वाले लोग तक 50 लाख, 60 लाख रुपये गंवा चुके हैं.


सतर्कता ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है. सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल फोटो कभी शेयर न करें, दूसरे फेसबुक या किसी भी प्रोफाइल के आदमी को वेरिफाई जरूर कर लें. अच्छा, क्रिमिनल्स अधिकतर बात नहीं करते. वे अधिकतर चैट करते हैं, तो बात करने की कोशिश कीजिए. वे दिल्ली में रहते हुए फॉरेन का नंबर लेकर आपसे चैटिंग शुरू करते हैं. तो, सतर्कता रखें. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर आप जिसको नहीं जानते हैं, उसको अनफॉलो करें, अनफ्रेंड करें.


(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित)