एक्सप्लोरर

मिजोरम विधानसभा चुनाव 2018- क्या उत्तर-पूर्व में ढह जाएगा कांग्रेस का आखिरी किला?

मिजोरम में 28 नवंबर को होने जा रहा मतदान कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गया है, क्योंकि भाजपा की सुनामी के चलते पूर्वोत्तर में पार्टी के पास यही एकमात्र राज्य बचा रह गया है.

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि भारत का पूर्वोत्तर हिस्सा शेष भारत के लिए तभी समाचार बनता है, जब वहां कोई हिंसक वारदात होती है, आर्थिक ब्लॉकेड होता है, भीषण बाढ़ आती है, बड़ी घुसपैठ होती है या युद्ध छिड़ने की स्थिति बन जाती है! इन दिनों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के साथ-साथ 40 सीटों वाले छोटे-से पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन शेष भारत में उसे लेकर वैसी सुगबुगाहट नहीं है, जैसी कि अन्य राज्यों के चुनावो को लेकर देखी जा रही है. इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि मैदानी और दिल्ली की सनातन उठापटक वाली राजनीति में इसकी कोई घुसपैठ नहीं है. लोकसभा और राज्यसभा में ये राज्य मात्र एक-एक ही सांसद भेज पाता है.

लेकिन, मिजोरम में 28 नवंबर को होने जा रहा मतदान कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गया है, क्योंकि भाजपा की सुनामी के चलते पूर्वोत्तर में पार्टी के पास यही एकमात्र राज्य बचा रह गया है. यह सच है कि मिजोरम में 1993 से अपनी किस्मत आजमा रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज तक अपना खाता नहीं खोल पाई है लेकिन इस बार उसने कांग्रेस की संभावनाओं पर पलीता लगाने की पूरी तैयारी कर ली है. हालांकि, प्रमुख विपक्षी दल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने भाजपा के साथ चुनावी तालमेल से इंकार कर दिया है. लेकिन वर्तमान कांग्रेसी मुख्यमंत्री ललथनहवला का सीधा आरोप है कि एमएनएफ भाजपा की डमी है और भाजपा की अगुवाई वाले नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) में शामिल है. पिछली बार मात्र 5 सीटों पर सिमट जाने वाली एमएनएफ का उत्साह इसलिए बढ़ा हुआ है कि कांग्रेस के दो कद्दावर विधायक उसमें शामिल हो चुके हैं. पार्टी अध्यक्ष जोरामथांगा खुद को भाजपा की ‘बी’ टीम मानने से साफ इंकार कर रहे हैं.

उधर त्रिपुरा में प्रदेश भाजपा महासचिव प्रतिमा भौमिक ने संकेत दिया है कि चुनाव के बाद खंडित जनादेश की स्थिति में एमएनएफ सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठजोड़ कर सकती है. फिलहाल एमएनएफ भले ही बहुसंख्यक मिजो मतदाताओं की नाराजगी के डर से राज्य में चुनाव पूर्व गठजोड़ करने से बच रही हो, लेकिन जब सरकार गठित करने का प्रश्न उठेगा तो चुनाव बाद गठबंधन करने में उसे दिक्कत नहीं होगी. भाजपा महासचिव और उत्तर-पूर्व के प्रभारी राम माधव कुछ दिनों पहले स्पष्ट कर ही चुके हैं कि मिजोरम में चुनाव के बाद अगर जरूरत पड़ी तो समान विचारों वाले दलों के साथ भाजपा अवश्य हाथ मिला लेगी.

दरअसल, मिजोरम की राजनैतिक लड़ाई दो धुरियों पर ही घूमती रही है, कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट. 2013 के चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी और लालथनहवला को मुख्यमंत्री चुना गया था. फरवरी 1987 में भारत का 23वां राज्य बनने के बाद मिजोरम में इससे पहले 6 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें चार बार कांग्रेस और दो बार मिजो नेशनल फ्रंट को जीत हासिल हुई है. मिजोरम के करिश्माई नेता और कांग्रेस के भीष्म पितामह ललथनहवला चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस बार अपने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पिछली बार की ही तरह दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. चूंकि भाजपा कांग्रेस मुक्त पूर्वोत्तर अभियान के तहत अपने पांव पसारने में जुटी हुई है, इसलिए राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस का मिजोरम किला 2018 में एनकेनप्रकारेण ढहा देना उसकी प्राथमिकता में आ गया है.

कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती सत्ता विरोधी लहर से मुकाबला करना है. उसके कई मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. खदानों के डिप्टी कंट्रोलर ने खुद मिजोरम के मुख्यमंत्री ललथनहवला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें ये भी शामिल है कि मुख्यमंत्री कोलकाता में निजी बहुमंजिला इमारत का निर्माण करा रहे हैं. हाल ही में राज्य के किसान राजधानी आइजवाल की सड़कों पर उतरकर भूमि सुधार और बाजार को नियंत्रित करने की मांग कर चुके हैं. राज्य में करीब 11 लाख किसान है और ये राज्य की करीब 70 फीसदी आबादी है.

उधर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भी चुनाव की पूरी तैयारी कर ली है. ये पार्टी मेघालय में सत्ता पर काबिज है और मणिपुर व नागालैंड में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल है. मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा ने हाल ही में अपनी मिजोरम यूनिट का गठन किया है. क्षेत्रीय दलों पीपुल्स रिप्रजेंटेशन फॉर आइडेंडिटी एंड स्टेटस ऑफ मिजोरम, मिजोरम छंटू पॉल,  सेव मिजोरम फ्रंट और ऑपरेशन मिजोरम ने चुनाव से पहले गठबंधन कर लिया है. इसके साथ ही जोराम राष्ट्रवादी पार्टी और जोराम एक्सोडस मूवमेंट राज्य के सत्ता समीकरणों को बदलने के लिए एक साथ आ गए हैं. यानी कांग्रेस को चौतरफा घेरने की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं.

एक बात और गौर करने लायक है कि मैदानी भारत की चुनावी बीमारियां मिजोरम तक भी पहुंच गई हैं. मिजोरम के मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ललथनहवला ने आरोप लगाया है कि 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए भाजपा यहां भारी मात्रा में नकदी जुटा रही है. उनके मुताबिक, इस रकम को यहां केंद्रीय सुरक्षा बलों के मुख्यालय में रखा जा रहा है. कांग्रेस भवन में उन्होंने दावा किया है कि भाजपा यहां भी वही करेगी जो उसने मेघालय में किया था. इसके जवाब में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीवी लूना ने कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए विकास कार्यों के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है, पैसों या बाहुबल के आधार पर नहीं.

करीब 90 फीसदी साक्षरता दर वाला मिजोरम चुनावी दृष्टि से भले ही बहुत दिलचस्पी वाला राज्य न लगता हो लेकिन इसकी विशिष्टता ये है कि यहां की 40 में से 39 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इस ईसाई बहुल राज्य की कुल जनसंख्या में से लगभग 92% जनता अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखती है और पूर्ण रूप से खेती-किसानी पर आश्रित है. मिजो मूलनिवासियों का यह प्राकृतिक पर्वतीय भूखंड देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से करीब 10000 अधिक है. ऐसे में सत्ता किसी भी दल या गठबंधन की आए, अधिसूचित रूप से इस पिछड़े क्षेत्र की विशिष्टताओं का ध्यान रखने हुए ही सरकार चलाई जानी चाहिए.

लेखक से ट्विटर पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://twitter.com/VijayshankarC

और फेसबुक पर जुड़ने के लिए क्लिक करें-  https://www.facebook.com/vijayshankar.chaturvedi

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
ABP Premium

वीडियोज

Bangladesh priest arrested: Chinmay Das के वकीलों पर हमले का दावा, जमानत की सुनवाई में नहीं हुए शामिल | Janhitकभी थे सूबे के सरकार, सुखबीर सिंह बादल अब बने पहरेदार! | Bharat Ki BaatBharat Ki Baat: Eknath Shinde की भूमिका पर इतना सस्पेंस क्यों? | Mahayuti | BJP | Maharashtra New CMSandeep Chaudhary: EVM से तौबा-तौबा...तो ही चुनाव निष्पक्ष होगा? | Maharashtra | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
संभल हिंसा: तलाशी में मिले पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
संभल हिंसा: पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
Embed widget