इस घटना को सुनकर और उसका वीडियो देखकर हर समझदार इंसान ये सोचने पर मजबूर हो जाएगा कि वो आज़ाद भारत में जी रहा है या फिर सदियों पुराने किसी कबीले में रहते हुए अपनी सांसें गिनने पर मजबूर हो चुका है? मध्यप्रदेश के नीमच जिले में शनिवार 21 मई को मिली 65 साल के एक बुजुर्ग की लाश पूरे समाज के मुंह पर ऐसा तमाचा है, जो हम सबको एक बार तो ये सोचने पर मजबूर करेगी ही कि हमारी रगों में दौड़ने वाला लहू कहीं पानी तो नहीं बन चुका है?
धर्म के नाम पर वहशीपन
ये सवाल हर इंसान को खुद से पूछना भी चाहिए और हुक्मरानों से इसका जवाब मांगने की हिम्मत भी दिखानी चाहिए कि धर्म के नाम पर वे कौन-सा और कैसा 'नया इंडिया' बनाना चाहते हैं, जहां अल्पसंख्यक तो दूर की बात, अब बहुसंख्यक भी सुरक्षित नहीं हैं. आमतौर पर मध्यप्रदेश को एक शांत व अमन-भाईचारा कायम रखने वाला प्रदेश समझा जाता है और वहां के तकरीबन हर शहर में इसकी अनगिनत मिसाल भी देखने को मिलती हैं. वह भी तब जबकि शिवराज सिंह चौहान के कुर्सी संभालने से पहले कट्टर हिंदुत्व का एक बड़ा चेहरा मानी जाने वाली साध्वी उमा भारती उस प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. उस दौरान भी धर्म के नाम पर ऐसे वहशीपन की कोई घटना देखने-सुनने को नहीं मिली थी.
लेकिन फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि मज़हबी जुनून में पगलाए लोगों को भंवरलाल जैन नाम के शख्स में मोहम्मद दिखाई देने लगा. अगर मान भी लें कि गलती से उन बुजुर्ग का नाता मुस्लिम समुदाय से ही होता, तब भी एक शख्स को पीट-पीटकर मार देने का लाइसेंस आखिर उन्हें किस कानून ने दे दिया? इसलिए ये दरिंदगी का वो नमूना है,जिसे अगर वक़्त रहते नहीं थामा गया,तो आने वाले दिनों में मुल्क का क्या मंज़र होगा, इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते.
वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन
सवाल ये नहीं है कि गलती से या अनजाने में एक हिन्दू बुजुर्ग की हत्या हो गई. बड़ा सवाल ये है कि एक मुसलमान को मारने के लिए ही आखिर क्यों खोजा जा रहा था? मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो बीजेपी का स्थानीय नेता बताया जा रहा है. लेकिन सूत्रों की मानें, तो इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जब वो रायसीना हिल्स में साउथ ब्लॉक और नार्थ ब्लॉक के गलियारों में पहुंचा, तो एमपी की शिवराज सरकार के लिए सिर्फ एक ही फरमान था- "हर हाल में आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करके हमें बताया जाए" इस संदेश का मतलब साफ था कि आरोपी भले ही बीजेपी का स्थानीय नेता हो या कार्यकर्ता, उसे गिरफ्तार किया जाए.
दरअसल,ये अपनी तरह का पहला और ऐसा अनूठा मामला है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि के लिए एक बदनुमा दाग़ लगाता है. इसलिये कि संयुक्त राष्ट्र के मंच पर जाकर जो लोग ये आरोप लगाते हैं कि, भारत में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की मॉब लिंचिंग हो रही है, उनके लिए ये मामला बेहद अहम बन जाता है. उन्हें तो बैठे-बिठाये ये मुद्दा मिल गया है कि देखिये, एक मुसलमान को मारने के चक्कर मे उन्होंने एक हिन्दू को ही मार डाला.
बार-बार पूछा, क्या तुम मुसलमान हो?
मुसलमान की गलतफहमी में एक हिंदू बुजुर्ग की पिटाई करते हुए उन्हें मौत की नींद सुला देने वाला ये वीडियो नीमच जिले के मनासा क्षेत्र का है. मार खा रहे व्यक्ति का नाम भंवरलाल चत्तर जैन है, उनकी उम्र 65 वर्ष है,जो रतलाम जिले के सरसी तहसील, जावरा के निवासी थे. उसी पिटाई से उनकी मौत हो गई. उनसे पूछा जा रहा है कि 'क्या तुम मुसलमान हो'? तुम जावरा से आये हो? अपना आधार कार्ड बताओ. पिटाई करने का आरोप मनासा में पूर्व पार्षद बीना कुशवाहा के पति दिनेश कुशवाहा पर है.
हैरानी की बात ये है कि सोशल मीडिया पर पुलिस की तरफ से मृतक का फोटो डालने के बाद ही उसके परिवार को इसकी जानकारी मिली. बताया जा रहा है कि मारपीट वाला वीडियो आरोपी दिनेश ने खुद ही 'स्वच्छ भारत' ग्रुप में पोस्ट किया था. उसके बाद ये वायरल हो गया. यही वीडियो अन्य ग्रुप में होते हुए मृतक भंवरलाल के परिजनों तक पहुंचा. जाहिर है कि अपने हुक्मरानों से सवाल करने की हिम्मत हरेक में नहीं होती, लेकिन खुद से ये सवाल तो कर ही सकते हैं कि आख़िर हम जा कहां रहे हैं?
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)