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BLOG: क्यों मुन्ना बजरंगी का हत्यारा सुनील राठी अदालत में कत्ल के जुर्म से बच सकता है? जानें वजह
बयान के पहले हिस्से में सुनील राठी नें कहा कि ये पिस्टल उसकी नहीं थी, बल्कि ये मुन्ना बजरंगी की थी. यानी अदालत में जब इस हत्याकांड का ट्रायल होगा उस वक्त सुनील राठी आर्म्स एक्ट से बचने की कोशिश करेगा, और ये बयान उसी की तैयारी दिखाता है.
![BLOG: क्यों मुन्ना बजरंगी का हत्यारा सुनील राठी अदालत में कत्ल के जुर्म से बच सकता है? जानें वजह Munna Bajrangi murder case: know the reason Why Sunil Rathi escaped the crime of murder in court BLOG: क्यों मुन्ना बजरंगी का हत्यारा सुनील राठी अदालत में कत्ल के जुर्म से बच सकता है? जानें वजह](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/07/12092442/munna.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सुनील राठी नें मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद पुलिस को दिए बयान में बताया कि ये पिस्तौल मुन्ना बजरंगी की थी, और मुन्ना बजरंगी नें सुनील राठी पर पिस्टल तानी,जिसके बाद सुनील राठी नें पिस्टल छीन कर मुन्ना को गोली मार दी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये बयान सिर्फ बयान नहीं है. इस बयान के पीछे एक कहानी है.
बयान के पहले हिस्से में सुनील राठी नें कहा कि ये पिस्टल उसकी नहीं थी, बल्कि ये मुन्ना बजरंगी की थी. यानी अदालत में जब इस हत्याकांड का ट्रायल होगा उस वक्त सुनील राठी आर्म्स एक्ट से बचने की कोशिश करेगा, और ये बयान उसी की तैयारी दिखाता है. अब पुलिस और जांचकर्ता सुनील राठी के इस दांव को कैसे फेल करेंगें ये अदालत में चार्जशीट पेश होने के बाद ही तय होगा.
अब बयान के दूसरे हिस्से को देखते हैं, इसमें सुनील राठी ने कहा है कि मुन्ना बजरंगी ने उसको मारने के लिए पिस्टल तानी, सुनील राठी नें अपनी जान बचाने के लिए मुन्ना बजरंगी से पिस्टल छीन कर गोली मार दी. अब इस बयान का मतलब समझिए. आईपीसी की धारा 96 और 97 कहती है कि अगर किसी को जान का खतरा होता है, और इस खतरे से बचने के लिए अगर किसी की जान ले ली जाती है या हत्या कर दी जाती है, तो उसे कानूनन हत्या का गुनेहगार नहीं माना जाएगा. सुनील राठी के बयान देखकर लगता है कि, हत्या से पहले बयान और कहानी की स्क्रिप्ट तैयार कर ली गई थी. इस तैयारी का मकसद था कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे.
चलिए अब इस घटनाक्रम के एक तीसरे तथ्य पर नज़र डालते हैं,पिस्टल को हत्या के बाद सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया. यानी अब सुनील राठी और हत्या में प्रयुक्त हथियार के बीच एवीडेंस एक्ट के तहद संबंध स्थापित करना मुश्किल होगा. ना तो इस हथियार पर फिंगरप्रिंट मिलेंगें और ना ही उसे राठी के पास मौज़ूद दिखाया जा सकेगा.
रही बात चश्मदीदों की तो जेल में बंद कौन सा अपराधी सुनील राठी के खिलाफ अदालत में चश्मदीद बन कर उसे फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए खड़ा रहेगा और ट्रायल के अन्त तक टिकेगा, ये वक्त ही बताएगा.
जानकारों का मानना है कि मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद के घटनाक्रम बताते हैं कि इस हत्या की तैयारी और स्क्रिप्ट पूरी तरह तैयार थी.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
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डॉ ख्याति पुरोहित
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