एक्सप्लोरर

जोशीमठ में दरार लेकिन उतनी तेज एक्शन में अब भी क्यों नहीं है सरकार?

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला जिस तेजी से बढ़ता जा रहा है, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में वहां स्थिति विस्फोटक रूप ले सकती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार एक्शन में दिख तो रही है लेकिन बड़े पैमाने पर अगर लोगों का विस्थापन सुरक्षित स्थानों पर जल्द ही नहीं किया गया, तो किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा आने और उससे होने वाली तबाही की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए सरकार को इसका इंतजार नहीं करना चाहिए कि जब घरों में दरारें आने लगेंगीं, तभी उन परिवारों को वहां से बाहर निकाला जाएगा बल्कि अब तक तो युद्ध स्तर पर इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए थी.

हालांकि ये मौका आरोप लगाने या आलोचना की राजनीति करने का नहीं है लेक़िन सरकार को इसका जवाब तो देना होगा कि उसने अपने ही विशेषज्ञों की चेतावनी देने वाली ताजा रिपोर्ट पर गौर आखिर क्यों नहीं किया? बताया गया है कि कुछ विशेषज्ञों ने बीते साल 16 से 20 अगस्त 2022 के दौरान जोशीमठ का दौरा कर पहली रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इस इलाके में सुरक्षा कार्य करने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को दूसरी जगह विस्थापित करना होगा. लेकिन सरकार ने शायद उस रिपोर्ट को हल्के में ही लिया.

सच तो ये है कि पहाड़ों पर कोई भी प्राकृतिक आपदा यों ही नहीं आ जाती, जब तक कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ न की जाए. केदारनाथ यात्रा और हेमकुंठ साहिब जाने वाले यात्रियों का बेस कैम्प जोशीमठ ही है और औली जाने वाले अन्य पर्यटक भी बड़ी संख्या में जोशीमठ में ही  रुकते हैं. लिहाजा, पिछले कुछ सालों में वहां पहाड़ों का सीना काटकर बेतहाशा होटल और रिसॉर्ट बन चुके है. इसके अलावा एनटीपीसी की बिजली परियोजना और अन्य निर्माण कार्य भी घरों-मंदिरों की जमीन धंसने की बड़ी वजह है, जिसका दुष्परिणाम सामने है.

हालांकि जोशीमठ मे जो हुआ है वह पहली बार नहीं है, इससे पहले 1970 में जोशीमठ में भू-धंसाव की जानकारी सामने आई थी. उस दौरान गढ़वाल कमिश्नर महेश चंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में बनाई गई एक समीति ने 1978 में एक रिपोर्ट दी थी जिसमें कहा गया था कि शहर, और नीति व माणा घाटी में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र मोरेन (यानी पिघलने पर ग्लेशियर जो मिट्टी और चट्टान पत्थर लाता है उसका एक स्थान पर जमा हो जाना) पर मौजूद है. हेइम, अर्नाल्ड और ऑगस्त गेनस्सर की किताब, सेंट्रल हिमालय के मुताबिक जोशीमठ भूस्खलन के मलबे पर बना है.

1971 में, जब कुछ घरों में दरार पाई गई थी तब कुछ कार्यों को करने का सुझाव दिया गया था, जिसमें मौजूदा पेड़ों का संरक्षण और नया वृक्षारोपण, इसके साथ जिस बोल्डर पर यह शहर बना है उसका संरक्षण करने की सलाह दी गई थी. लेकिन दावा किया जाता है कि इसमें किसी भी सुझाव पर किसी भी सरकार ने कोई काम करने की कभी परवाह ही नहीं की.

इसलिये विशेषज्ञ मानते हैं कि जोशीमठ में जो कुछ हो रहा है, उसकी अहम वजह मानवीय गतिविधि ही है. यहां पर आबादी में नाटकीय स्तर पर इज़ाफा हुआ है और पर्यटकों की संख्या भी बेतहाशा बड़ी है. विकास के लिए किए जा रहे निर्माण कार्यों में कोई निगरानी नहीं रखी गई. हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट के लिए बनाई जा रही टनल के लिए विस्फोट का इस्तेमाल हुआ है, जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर आए भूकंप से चट्टानों के ऊपर का मलबा हिलने लगा है और इस वजह से दरारें उभर आईं. 

यूएसजीएस की रिपोर्ट बताती है कि ज़मीन से अत्यधिक मात्रा में पानी निकालने की वजह से कुछ एक्वीफर (भूजल स्रोत) में मिट्टी का भराव हो जाता है, और भूधंसाव की यह सबसे आम वजह बनती है. इन एक्वीफर सिस्टम से बहुत ज्यादा मात्रा में पंपिंग करके पानी निकालने की वजह से जमीन धंसकना स्थायी बन जाता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि जोशीमठ में जमीन का धंसना मुख्य रूप से राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) की तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के कारण है और यह एक बहुत ही गंभीर चेतावनी है कि पर्यावरण के साथ इस हद तक खिलवाड़ हो रहा है.

लेकिन एनटीपीसी (NTPC) ने इसका खंडन करते हुए एक बयान में कहा, “एनटीपीसी द्वारा निर्मित सुरंग जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं गुजरती है. यह टनल एक टनल बोरिंग मशीन (TBM) द्वारा खोदी गई है और वर्तमान में कोई ब्लास्टिंग नहीं की जा रही है. सुरंग नदी के पानी को संयंत्र की टरबाइन तक ले जाने के लिए है.”

जबकि चारधाम परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त High-powered Committee के सदस्य डॉ. हेमंत ध्यानी कहते हैं कि, “जब दिसंबर 2009 में एनटीपीसी के TBM की वजह से जलभृत प्रवेश ने जोशीमठ में पानी की स्थिति को प्रभावित किया, तो कंपनी यह कैसे दावा कर सकती है कि वर्तमान परियोजना सुरंग को उस भू-धंसाव से नहीं जोड़ा जा सकता है जिसे हम अभी देख रहे हैं? केवल एक पानी का परीक्षण ही बता सकता है कि क्या शहर में जलविद्युत सुरंग से धाराएं निकल रही हैं.”

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Sat Mar 29, 5:25 am
नई दिल्ली
23.5°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 22%   हवा: W 16.4 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Nepal Political Crisis: नेपाल में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह! हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने बुलाई आपात बैठक
नेपाल में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह! हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने बुलाई आपात बैठक
कुणाल कामरा का जिक्र पर असदुद्दीन ओवैसी का CM योगी-फडणवीस पर हमला, बोले- 'ये सिर्फ मुसलमानों का...'
कुणाल कामरा का जिक्र पर असदुद्दीन ओवैसी का CM योगी-फडणवीस पर हमला, बोले- 'ये सिर्फ मुसलमानों का...'
रमजान के आखिरी जुम्मे पर दोस्तों के साथ घूमने गए शोएब इब्राहिम, ट्रेन में किया ट्रैवल- फैंस के साथ क्लिक कराई फोटो
रमजान के आखिरी जुम्मे पर दोस्तों के साथ घूमने गए शोएब इब्राहिम
MI vs GT: गुजरात के खिलाफ मैच में बदल जाएगा मुंबई का कप्तान, जानें किसके हाथों में होगी कमान
गुजरात के खिलाफ मैच में बदल जाएगा मुंबई का कप्तान, जानें किसके हाथों में होगी कमान
ABP Premium

वीडियोज

Myanmar Earthquake Updates: बैंकॉक में जहां आया भूकंप, अब वहां मलबे में रेस्क्यू ऑपरेशन जारीEarthquake in Bangkok: बैंकॉक में गिरी बिल्डिंग के मलबे में 100 से ज्यादा लोग दबे! | Breaking | ABPRana Sanga Controversy: राणा सांगा पर बयान को लेकर संसद में हंगामा जारी, सत्ता पक्ष ने मांगी माफीEarthquake in Thailand: Myanmar में भूकंप से खौफनाक मंजर, साथ के देशों में भी कांपी धरती | Breaking

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Nepal Political Crisis: नेपाल में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह! हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने बुलाई आपात बैठक
नेपाल में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह! हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने बुलाई आपात बैठक
कुणाल कामरा का जिक्र पर असदुद्दीन ओवैसी का CM योगी-फडणवीस पर हमला, बोले- 'ये सिर्फ मुसलमानों का...'
कुणाल कामरा का जिक्र पर असदुद्दीन ओवैसी का CM योगी-फडणवीस पर हमला, बोले- 'ये सिर्फ मुसलमानों का...'
रमजान के आखिरी जुम्मे पर दोस्तों के साथ घूमने गए शोएब इब्राहिम, ट्रेन में किया ट्रैवल- फैंस के साथ क्लिक कराई फोटो
रमजान के आखिरी जुम्मे पर दोस्तों के साथ घूमने गए शोएब इब्राहिम
MI vs GT: गुजरात के खिलाफ मैच में बदल जाएगा मुंबई का कप्तान, जानें किसके हाथों में होगी कमान
गुजरात के खिलाफ मैच में बदल जाएगा मुंबई का कप्तान, जानें किसके हाथों में होगी कमान
यात्रीगण कृपया ध्यान दें, रेलवे ने 24 अप्रैल तक के लिए कैंसिल की तीन दर्जन ट्रेनें, देखें पूरी लिस्ट
यात्रीगण कृपया ध्यान दें, रेलवे ने 24 अप्रैल तक के लिए कैंसिल की तीन दर्जन ट्रेनें, देखें पूरी लिस्ट
सात ज्योतिर्लिंग के एक साथ हो जाएंगे दर्शन, IRCTC ने लॉन्च किया ये कमाल का पैकेज
सात ज्योतिर्लिंग के एक साथ हो जाएंगे दर्शन, IRCTC ने लॉन्च किया ये कमाल का पैकेज
Vitamin A Toxicity: शरीर में विटामिन ए की कमी के कारण हो सकता है ये डिसऑर्डर, जानें इसके शुरुआती लक्षण
शरीर में विटामिन ए की कमी के कारण हो सकता है ये डिसऑर्डर, जानें इसके शुरुआती लक्षण
Shani Gochar 2025: शनि का गोचर आज, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए जरुर करें शनि अमावस्या के दिन यह उपाय
शनि का गोचर आज, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए जरुर करें शनि अमावस्या के दिन यह उपाय
Embed widget