महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी के कद्दावर नेता नवाब मालिक की गिरफ्तारी के बाद सूबे का सियासी पारा तो चढ़ा ही है, लेकिन शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की जैसी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, उससे साफ है कि अब ये लड़ाई महाअघाड़ी गठबंधन वाली राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार में तब्दील होती दिख रही है.आने वाले दिनों में दोनों सरकारों के बीच ये घमासान और बढ़ने के आसार दिख रहे हैं.
मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर ईडी का पुलिसिया रवैया
हालांकि विपक्षी दल मोदी सरकार पर आरोप लगाते रहें हैं कि उनके नेताओं को परेशान करने और उनकी आवाज़ दबाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार इस आरोप को हमेशा खारिज़ करती रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार (22 फरवरी) को मुंबई में ही थीं, जहां उन्होंने भी यही बात दोहराई कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है और केंद्र उसके कामकाज में कोई दखल नहीं देता. लेकिन ईडी के अधिकारी आज तड़के चार बजे ही जिस तरह से नवाब मलिक के घर जा धमके और उन्हें अपनी हिरासत में ईडी दफ्तर ले गए, उस तौर तरीके पर भी सवाल उठे हैं और शिवसेना ने तो इसे महाराष्ट्र का अपमान बताते हुए राज्य सरकार को सीधी चुनौती देना बताया है.
अमूमन कोई भी केंद्रीय एजेंसी किसी राज्य सरकार के एक मंत्री के खिलाफ दर्ज मामले में उसके साथ ऐसा सलूक नहीं करती है. संबंधित मंत्री को नोटिस देकर पूछताछ के लिए पहले दफ्तर बुलाया जाता है और फिर गिरफ्तार करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है. लेकिन नवाब मलिक के मामले में केंद्रीय एजेंसी ने जो पुलिसिया रवैया अपनाया, उससे जाहिर होता है कि उसके लिए एक मंत्री और किसी दूसरे आरोपी में कोई फ़र्क नहीं है. इसीलिए राज्य सरकार के मंत्री और नेता ये आरोप लगा रहे हैं कि मलिक के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई है.
नवाब मलिक के बचाव में उतरे शरद पवार
मलिक की गिरफ्तारी के बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, नवाब मलिक को केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने की सजा मिल रही है. केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. वह काफी समय से बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं, लिहाज़ा ईडी की यह कार्रवाई उसी का नतीजा है. कई दशकों पहले मुझ पर भी इसी तरह का आरोप लगाया गया था, जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. अब नवाब मलिक को भी दाऊद इब्राहिम से जोड़ा जा रहा है. मुझे इस बात का अंदेशा था कि आने वाले दिनों में नवाब को इस तरह से परेशान किया जाएगा. नवाब मलिक से बदला लिया जा रहा है.
वैसे नवाब मलिक से बदला लिया गया या फिर वाकई वे कसूरवार हैं, इसका फैसला तो अदालत ही करेगी. लेकिन ईडी ने उनके खिलाफ अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने, संपत्ति की अवैध रूप से कथित खरीद-फरोख्त करने और हवाला लेनदेन के आरोप लगाए हैं. इस संबंध में ईडी ने 15 फरवरी को मुंबई में छापेमारी की थी और एक नया मामला दर्ज किया था. एजेंसी का दावा है कि पर्याप्त सबूत मिलने के बाद ही मलिक (Nawab Malik) को गिरफ्तार किया गया है. सूबे की सियासत का पारा इतना चढ़ चुका है कि बीजेपी ने नवाब मलिक को गद्दार तक कह दिया है. बीजेपी के विधायक और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने आज सुबह नवाब मलिक को लेकर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि "आशा है सभी को पता होगा कि नवाब मलिक को ईडी ऑफिस पूछताछ के लिए लाया गया है. यह पूछताछ दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हो रही है. उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि उसे हीरो बनाना बंद करें. यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मसला है. दाऊद एक मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है और नवाब मलिक गद्दार."
2024 चुनावों का छिड़ा जिक्र
लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत ने तो इस मामले पर बीजेपी को चेतावनी तक दे डाली है. राउत ने कहा कि, "नवाब मलिक एक वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री हैं. ईडी जिस तरह से उन्हें उनके घर से ले गई, वह महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती है. हमारे राज्य में आकर एक मंत्री को केंद्रीय एजेंसियां ले जाती हैं. 2024 के बाद आपकी भी जांच होगी, इस बात का ध्यान रखें." महाराष्ट्र के इस सियासी घमासान में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कूद पड़े हैं. नवाब मलिक की गिरफ्तारी पर अखिलेश ने कहा कि "बीजेपी जिस समय घबराती है, इस तरह की एजेंसियों को सामने लाकर लोगों को अपमानित करती है, झूठे मुकदमे लगाकर जेल भेजती है. बीजेपी के लोग कुछ भी कर सकते हैं और किसी को भी अपमानित कर सकते हैं." लेकिन बड़ा सवाल ये है कि नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद केंद्र और राज्य सरकार के संबंधों में बढ़ने वाली तल्खी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए क्या विपक्षी महागठबंधन बनने का रास्ता साफ कर दिया है?
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
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