देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण तेजी के साथ फैलता जा रहा है. शुक्रवार को करीब एक दिन में छह हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. लोगों में इस बात को लेकर चिंता साफतौर पर देखी जा सकती है. लेकिन, अगले 2 महीने में कोरोना के नए मामलों में ये इजाफा अभी और भी आपको देखने को मिल सकता है. हमारा कोरोना को ट्रैक करने का एक मॉडल है. अभी जिस तरह से संख्या बढ़ रही है, उसको हम ठीक से ट्रैक नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि वह संख्या अभी बहुत कम है. भारत जैसे जनसंख्या बहुल देश में जो 4000-5000 मामले अभी आ रहे हैं, वह बेहद कम है.
हालांकि अभी जो हमारा अनुमान है कि पिछले साल जैसे जुलाई के महीने में एक छोटी सी रिपल आई थी और 20-25 हजार केसेज आए थे, वैसा ही कुछ इस बार भी होगा. अभी भी कुछ दिनों तक मामले बढ़ेंगे और फिर जब बीस-पचीस हजार तक पहुंचेंगे तो उसके बाद कम होने शुरू हो जाएंगे.
इसको सीजनल बीमारी नहीं मान सकते, इसके दो कारण हैं. एक तो देश में बहुत अच्छी तरह से वैक्सीनेशन हो चुका है . दूसरे लगभग हर व्यक्ति को एक बार तो ये इनफेक्शन हो ही चुका है. इसलिए लोगों में एक तरह की इम्युनिटी आ गई है. यही मैं कहना चाहता हूं.
देखिए, कोरोना का एक और लहर तो आएगा ही. जैसे ही इस तरह के मामले बढ़ते हैं तो पीक एक आता ही हैं. उसको वेव कहना उचित नहीं होगा, जब तक बहुत बड़ी संख्या न हो. भारत में अभी तक तीन वेव आए हैं. पिछले साल जुलाई में जो आया था, वह वेव नहीं था, एक रिपल था. यह बताना फिलहाल संभव नहीं है कि आगे कितने लोग मरीज की तरह आएंगे. हालांकि, अनुमान करें को हमें लगता है कि पिछले साल की जुलाई की तरह ही मामला रहेगा और 20-25 हजार मामले रोजाना मिलेंगे.
जैसा कि मैंने आपको बताया कि इसके खतरनाक होने की संभावना नहीं है. जिन लोगों में इनफेक्शन हो रहा है, उनके अंदर भी इम्युनिटी कहीं न कहीं है, इसलिए हॉस्पिटलाइजेशन के केस नहीं हो रहे हैं. सरकार को किसी तरह की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं है. आप गणित का इक्वेशन लगा लीजिए. भारत जैसे देश में अगर 30 हजार मरीज भी आते हैं तो वह कोई खास चिंता की बात नहीं हैं. लोग लाइटली ले रहे हैं, इस मामले को. उनको अपनी सेहत का बस ध्यान रखना चाहिए.
(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है)