देश की तरक्की में एनआरआई की अहम भूमिका, भारत के ग्रोथ पर टिकी दुनिया की नजर
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प्रवासी भारतीय दिवस आज से नहीं बल्कि एनडीए-1 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त से शुरू किया गया. इसका मकसद ये था कि प्रवास में रहने वाले भारतीय हमारे लिए बहुत बड़ी शक्ति है और हमारे लिए वे बहुत तरह से मदद करते हैं और उन्हें भी मदद की जरूरत होती है. इसकी शुरुआत करीब 20 साल पहले की गई.
इसका फायदा कई तरह से देखने को मिला. सबसे बड़ी बात ये है कि प्रवासी भारतीय, भारत में जो कुछ भी हो रहा है उसका लिविंग एंबेस्डर है और इससे भारत की छवि को काफी फायदा मिलता है. इन्हीं चीजों को देखते हुए प्रवासी भारतीय की शुरुआत की गई ताकि इनसे निरंतर संपर्क बना रहे. भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार इनसे इंटरेक्शन बनाए रखने की कोशिश की जाती है.
आज पीएम मोदी ने जो किया है, उसका भी उद्देश्य यही था कि जो प्रवासी भारतीय हैं उनका निरंतर संपर्क बना रहे. संपर्क में कई चीजें आती हैं, जैसे- कम्युनिकेशन, मैसेजिंग और सॉफ्ट पावर होता है. विस्तृत तौर पर अगर देखें तो इकोनोमिक्स और इंडस्ट्री के जो फायदे हैं वो उनके जरिए ही बहुत ज्यादा होते हैं.
बहुत से एनआरआई सीधे-सीधे निवेश करते हैं. इसके अलावा, हमारे निर्यात को बढ़ाने में उनका बड़ा योगदान रहता है. इसके साथ ही, कल्चरल कंटैक्ट में भी एनआरआई बहुत महत्वपूर्ण योगदान करते रहते हैं. इसलिए पीएम मोदी ने जो कुछ भी कहा उसका काफी गंभीर तात्पर्य है.
बहुत बड़ी संख्या में जो भारत से लोग गए थे, उत्कृष्ठ लोग जो भारत से विदेशों में गए, उसका लाभ देश को मिलता है. हर साल भारत में जनवरी के महीने में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. इसका अगर अर्थ निकालें तो आने वाले समय में विश्व में जो समस्याएं हो रही है, उसके बावजूद भारत का जीडीपी ग्रोथ अगर आगे है. अगर उस गति को भारत बरकरार रखता है तो वे दुनियाभर के अन्य देशों को भी मदद कर आगे बढ़ाने में सहायक सकता है.
ऐसे में एनआरआई के बारे में सामान्य रूप से कोई सोचेगा तो उसे लगेगा कि भारतीय जहां रह रहे हैं विदेशों में, वे जा रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं. इसका तात्पर्य कहीं और आगे है. विश्व के जी-20 के जो नए कंटैक्ट शुरू हुए हैं, उसमें एनआरआई के महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. आईएमएफ ने कहा कि विश्व में मंदी रहेगी लेकिन भारत की गति दर 6.8 से 7 प्रतिशत जरूर रहेगी. भारत की प्रगति की ओर दुनिया देख रही है.
आज इंग्लैंड जो पी-5, पांच शक्तिशाली देशों में शामिल है, वो भारत की प्रगति की ओर देख रहा है कि अगर भारत तरक्की करेगा तो उसमें उसका भी फायदा है. इसलिए भारत की प्रगति विश्व के स्तर पर बहुत महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी जिस तरीके से संबोधित किया है, एनआरआई कॉन्फ्रेंस को, उस वक्त में जब अगले साल लोकसभा का चुनाव होने वाला है, ये काफी महत्वपूर्ण रहेगा.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]
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