एक्सप्लोरर
Advertisement
तो क्या अब मान लें कि 2019 विश्व कप खेलेंगे महेंद्र सिंह धोनी?
आज सभी अखबारों में खेल के पन्ने पर एक बड़ी खबर है. इस खबर में रवि शास्त्री के हवाले से कहा गया है कि धोनी ने अभी अपने करियर की आधी क्रिकेट भी नहीं खेली है. रवि शास्त्री ने कहा है कि धोनी में अभी काफी क्रिकेट बाकी है. रवि शास्त्री ने ये बयान टीम इंडिया के चीफ कोच की हैसियत से दिया है इसलिए उनकी इस बात को गंभीरता से लेना होगा. अगर आप भूल गए हों तो आपको याद दिला दें कि श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले चयनकर्ता एमएसके प्रसाद के एक बयान के बाद टीम में धोनी की जगह को लेकर बहस शुरू हुई थी. यूं तो उस बयान में ऐसा कुछ भी विवादास्पद नहीं था लेकिन बयान की ‘टाइमिंग’ गलत थी.
एमएसके प्रसाद ने कहा था कि 2019 विश्व कप के लिए धोनी ‘ऑटोमैटिक च्वाइस’ नहीं हैं. अभी विश्व कप में करीब दो साल का वक्त बाकी है. ऐसे में ‘ऑटोमैटिक च्वाइस’ तो ज्यादातर खिलाड़ी नहीं होंगे क्योंकि किसी भी खिलाड़ी को सबसे पहले अगले दो साल तक अपनी फिटनेस और फ़ॉर्म को बरकरार रखना होगा. परेशानी ये है कि प्रसाद ने ये बात तब कही थी जब धोनी फिटनेस और फॉर्म दोनों ही कसौटी पर खरे थे. जाहिर है उन्हें अपने बयान पर आलोचना का शिकार होना पड़ा.
बिना आग के उठ गया था धुंआ
बिना आग लगे धुआं उठा तो चर्चा होने लगी. इन्हीं चर्चाओं के बीच महेंद्र सिंह धोनी श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए मैदान में उतरे. पहले वनडे मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. पहला वनडे भारतीय टीम आसानी से जीत गई. दूसरे वनडे में डकवर्थ लुइस नियम के आने के बाद भारत को जीत के लिए 47 ओवर में 231 रन चाहिए थे. लक्ष्य मुश्किल नहीं था लेकिन अकिला धनंजय की स्पिन पर भारतीय टीम के बल्लेबाज एक के बाद एक चकमा खाते चले गए. नतीजा ये हुआ कि एक वक्त पर स्कोरबोर्ड पर 7 विकेट पर 131 रन हो गए थे. धोनी ने इस मुश्किल हालात से टीम को निकाला और भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर टीम को जीत दिला दी.
तीसरे वनडे में भी रोहित शर्मा के शानदार शतक के बाद ज्यादा कुछ नहीं बचा था लेकिन मिडिल ऑर्डर लड़खड़ाया तो धोनी एक छोर थामकर खड़े हो गए. उन्होंने नॉट आउट 67 रन बनाए. इन दोनों मैचों में मिली जीत में धोनी का अहम रोल रहा. चौथे वनडे में रोहित शर्मा और विराट कोहली के शतक के बाद जब टीम को बड़े स्कोर तक ले जाने की बात आई तो धोनी ने 42 गेंद पर 49 रनों की नॉट आउट पारी खेली. इस सीरीज के 4 में से 3 मैचों में नॉट आउट पवेलियन लौटे महेंद्र सिंह धोनी कुल 161 रन बना चुके हैं. जाहिर है उनके इस प्रदर्शन के बाद हर कोई उनके साथ खड़ा हुआ है. उनकी तारीफ कर रहा है. इसी कड़ी में अब रवि शास्त्री का नाम भी जुड़ गया है.
धोनी क्यों हैं सबसे बेहतर विकल्प
धोनी खुद यंगिस्तान के हिमायती रहे हैं. कई बड़े दिग्गज खिलाड़ियों को उन्होंने वनडे टीम से बाहर रखने का फैसला फिटनेस के आधार पर ही लिया था. विराट कोहली ने धोनी को बतौर कप्तान ऐसे फैसले लेते देखा है. जाहिर है धोनी सबसे ज्यादा मेहनत अपनी फिटनेस पर करते हैं. इन दिनों उनकी फिटनेस कमाल की है. वो टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ चुके हैं. लिहाजा उनका फोकस सिर्फ फटाफट क्रिकेट पर रहता है. उनके अनुभव के बारे में किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं है. कप्तानी की उनकी समझ का हर कोई कायल रहा है. वो देश के कामयाब कप्तान हैं. वो विषम परिस्थितियों से टीम को बाहर निकालना जानते हैं. वो बेहतरीन फिनिशर हैं. विकेट के पीछे उनका ‘प्रेजेंस ऑफ माइंड’ कमाल का है.
लिहाजा सच्चाई यही है कि फिलहाल भारतीय टीम के पास धोनी से बेहतर विकेटकीपर बल्लेबाज कोई है नहीं. अगले दो साल बाद जब भारतीय टीम विश्व कप खेलने उतरेगी तब तक के लिए उन्हें सिर्फ अपनी फिटनेस को बरकरार रखना है. जिसके लिए उनकी तैयारी साफ दिखाई देती है. फिलहाल वो करीब 36 के हैं लेकिन उम्र उनकी चुस्ती-फुर्ती पर कोई असर डालती नहीं दिख रही है.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, Blog और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Blog
डॉ. अजय कुमार
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
हिमाचल प्रदेश
बॉलीवुड
क्रिकेट
अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion