एक्सप्लोरर

PFI पर बैन लगाने के लिए पीएम मोदी ने कैसे खेल दिया इतना बड़ा मास्टरस्ट्रोक?

पिछले कुछ अरसे से देश में दो समुदायों के बीच नफरत का जो माहौल बनाया जा रहा है, उसे खत्म करने के लिए मोदी सरकार में बैठा एक ऐसा शख्स सामने आया है, जो कैबिनेट मंत्री भले ही न हो लेकिन वह कुछ ज्यादा ही ताकतवर हैं. इसलिये कि वे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी NSA हैं, जिनकी सलाह को ठुकराने से पहले प्रधानमंत्री भी दस बार सोचते हैं. लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मर्जी के बगैर अजित डोभाल न तो ऐसे कार्यक्रम में शिरकत कर सकते थे और न ही उस मंच से कुछ बड़े ऐलान ही कर पाते. इसलिये हम इसे मोदी की उस चाणक्य नीति का ऐसा प्रयोग मान सकते हैं, जिसके लिए उन्होंने अपने किसी भी मंत्री से ज्यादा अपने सुरक्षा सलाहकार पर भरोसा किया.

वैसे उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे और साल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए डोभाल साल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए थे. वे सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं. लेकिन अब 77 बरस की उम्र पार कर चुके डोभाल के बारे में कहा जाता है कि उनकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि उन्होंने पाकिस्तान में रहते हुए आतंकी साजिशों को भांपा और भारत की खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी घटना होने से पहले ही अलर्ट कर दिया. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई में उन्हें आज भी भारत के सबसे बड़े "जेम्स बॉन्ड" के रूप में ही पहचाना जाता है. उस जमाने में पाक एजेंसी के मुखिया ने अपने साथियों को लेक्चर देते वक्त एक बार तो ये भी कह दिया था कि, "अपने दुश्मन देश के जासूस के कद से उसे कभी मत आंकना, क्योंकि कम कद वालों का दिमाग अक्सर डेढ़ गुना आगे चलता है."

दरअसल,उदयपुर के हत्याकांड समेत देश में हाल में हुई बर्बर वारदातों और आतंकी गतिविधियों की निंदा करने और भाईचारे का संदेश देने के लिए दिल्ली में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल ने शनिवार को इंटरफेथ कॉन्फ्रेंस (Interfaith Conference) का आयोजन किया था. इस तरह की कॉन्फ्रेंस में अब तक सरकारों के मंत्री ही शामिल होते रहे हैं. लेकिन ये पहला मौका था कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल  शामिल हुए. ऐसे सम्मेलन में उनकी मौजूदगी बहुत मायने रखती है, जो बताती है कि हमारी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय से क्या अपेक्षा रखती है और उसे देश की मुख्यधारा से जोड़ने के कितने प्रयास कर रही है. 

मोदी सरकार को मिला बड़ा हथियार
हालांकि सरकार अपने मकसद में कामयाब होती हुई दिखती भी नजर आ रही है. डोभाल ने अपने भाषण में दोनों समुदायों के बीच आपसी सदभाव बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कहा लेकिन उसके बाद सूफियों की इस कॉन्फ्रेंस में जो प्रस्ताव पास किया गया है, उसने मोदी सरकार को एक बड़ा हथियार दे दिया है. इसलिये कि मुसलमानों के सबसे बड़े झंडाबरदार बनने वाले असदुद्दीन ओवैसी या कोई और कट्टरपंथी नेता अब ये कहने की हैसियत में नहीं रहेंगे कि सरकार ने ये फैसला मुस्लिमों की आवाज दबाने के लिए ही किया है. हालांकि वे फिर भी इस मसले पर सियासत करेंगे ही, जिसे कोई रोक भी नहीं सकता.

उस कॉन्फ्रेंस में आठ सूत्री प्रस्ताव तो बाद में पास हुआ लेकिन उससे पहले डोभाल बहुत कुछ बोले. डोभाल ने कहा कि, "कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो भारत की प्रगति को बाधित कर रहा है. वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं और यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है. यह देश के बाहर भी फैल रहा है." उनका जोर इस बात पर था कि, "हमें मूकदर्शक बने रहने के बजाय अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों को लेकर जमीनी स्तर पर काम करना होगा. हमें भारत के हर संप्रदाय को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं, हमें इस पर गर्व है और यहां हर धर्म को स्वतंत्रता के साथ माना जा सकता है.''

हिंदू-मुस्लिम खाई को पाटने की कोशिश
हालांकि डोभाल ने हिन्दू-मुसलमान की खाई को पाटते हुए ये भी कहा कि, "हम सब एक जहाज में हैं, डूबेंगे साथ में और बेड़ा पार भी साथ में होगा. हर भारतीय मन में विश्वास करे कि वो यहां महफूज है और किसी पर भी बात आएगी तो सारे उसके लिए खड़े हो जाएंगे. हम सब एक जहाज में हैं. डूबेंगे साथ में और बेड़ा पार होगा साथ में.'' इस कॉन्फ्रेंस के खत्म होने के बाद मीडिया को जो ब्योरा दिया गया है, उसमें सबसे अहम है ये है कि आठ सूत्री प्रस्ताव में से एक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. यह प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की मौजूदगी में इसे पारित किया गया है, इसलिये सरकार ने अब मुस्लिम नेताओं समेत विपक्षी दलों के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा है. बेशक प्रतिबंध का आदेश जारी होते ही मोदी सरकार की आलोचना तो होगी लेकिन विपक्ष को जवाब देने या कहें कि उसकी बोलती बंद करने के लिए तब सरकार इस प्रस्ताव की कॉपी दिखाकर उसे चिड़ा रही होगी.

इस कॉन्फ्रेंस में जो प्रस्‍ताव पास किया गया है, उसमें कहा गया है, "पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और ऐसे ही अन्य संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, वे एक विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए. साथ ही हम दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं कि कोई भी व्यक्ति या संगठन अगर किसी भी माध्यम से समुदायों के बीच नफरत फैलाने का दोषी पाया जाए तो कानून के प्रावधानों के अनुसार उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए." वैसे पीएफआई को बैन करने की मांग बीजेपी से लेकर आरएसएस के भी कई नेता लगातार करते आये हैं. लेकिन शायद ये उम्मीद तो किसी को भी नहीं होगी कि पीएम मोदी-डोभाल की जोड़ी मिलकर इतना बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल देगी कि सूफियों की सबसे बड़ी जमात से ही ऐसा प्रस्ताव पास करवा लेगी!

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Sambhal Violence: क्या संभल पहुंच पाएंगे राहुल और प्रियंका? UP बॉर्डर पर पुलिस तैनात
क्या संभल पहुंच पाएंगे राहुल और प्रियंका? UP बॉर्डर पर पुलिस तैनात
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद की भी होगा सर्वे? इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद की भी होगा सर्वे? इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
डायरेक्टोरियल डेब्यू के लिए तैयार हैं Sonu Sood, जनवरी में रिलीज होगी फिल्म फतेह, दर्शन के लिए एक्टर पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर
डायरेक्टोरियल डेब्यू के लिए तैयार हैं सोनू सूद, जनवरी में रिलीज होगी फिल्म फतेह
खराब फॉर्म के बीच पृथ्वी शॉ को केविन पीटरसन से मिली सलाह, इंग्लिश दिग्गज ने सोशल मीडिया को ठहराया जिम्मेदार?
पृथ्वी शॉ को केविन पीटरसन से मिली सलाह, इंग्लिश दिग्गज ने सोशल मीडिया को ठहराया जिम्मेदार?
ABP Premium

वीडियोज

Firing on Sukhbir Singh Badal : Punjab के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर फायरिंग की खबरBreaking News: Kisan Andolan को लेकर केंद्र पर बरसे उपराष्ट्रपति Jagdeep DhankarRahul Gandhi Sambhal Visit: राहुल गांधी का संभल दौरा,यूपी में भारी बवाल के आसारBreaking News : राजधानी Delhi के नेब सराय में दिल दहलाने वाला वारदात! | Delhi Police

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Sambhal Violence: क्या संभल पहुंच पाएंगे राहुल और प्रियंका? UP बॉर्डर पर पुलिस तैनात
क्या संभल पहुंच पाएंगे राहुल और प्रियंका? UP बॉर्डर पर पुलिस तैनात
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद की भी होगा सर्वे? इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद की भी होगा सर्वे? इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज अहम सुनवाई
डायरेक्टोरियल डेब्यू के लिए तैयार हैं Sonu Sood, जनवरी में रिलीज होगी फिल्म फतेह, दर्शन के लिए एक्टर पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर
डायरेक्टोरियल डेब्यू के लिए तैयार हैं सोनू सूद, जनवरी में रिलीज होगी फिल्म फतेह
खराब फॉर्म के बीच पृथ्वी शॉ को केविन पीटरसन से मिली सलाह, इंग्लिश दिग्गज ने सोशल मीडिया को ठहराया जिम्मेदार?
पृथ्वी शॉ को केविन पीटरसन से मिली सलाह, इंग्लिश दिग्गज ने सोशल मीडिया को ठहराया जिम्मेदार?
अवतार लो प्रभु! शख्स ने बना डाले चॉकलेट के पकोड़े, वीडियो देख मुंह में आ जाएंहे गुर्दे
अवतार लो प्रभु! शख्स ने बना डाले चॉकलेट के पकोड़े, वीडियो देख मुंह में आ जाएंहे गुर्दे
बस स्टैंड पर बैठे शख्स की छाती पर ड्राइवर ने चढ़ा दी बस, वीडियो देख छूट जाएगा पसीना
बस स्टैंड पर बैठे शख्स की छाती पर ड्राइवर ने चढ़ा दी बस, वीडियो देख छूट जाएगा पसीना
Telangana Earthquake: तेलंगाना में भूकंप के तेज झटके, महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में भी कांपी धरती, घरों से बाहर भागे लोग
तेलंगाना में भूकंप के तेज झटके, महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में भी कांपी धरती, घरों से बाहर भागे लोग
'अगर देवेंद्र फडणवीस को CM...’, विधायक दल की बैठक से पहले BJP MLA का बड़ा बयान
विधायक दल की बैठक से पहले देवेंद्र फडणवीस को लेकर BJP MLA का बड़ा बयान, क्या कहा?
Embed widget