पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख आखिर क्यों उगल रहे हैं भारत के खिलाफ इतना जहर?
14 अगस्त 1947 की रात जब हिंदुस्तान के दो टुकड़े हुए थे तब मुस्लिम बहुल आबादी वाले इलाके को नाम दिया गया था-पाकिस्तान. जिसका मतलब होता है वो स्थान जो सबसे अधिक पाक यानी पवित्र है लेकिन अपनी बुनियाद के साथ ही पाकिस्तान ने भारत के लिये नफ़रत के जो नापाक इरादे पाल रखे थे वो 75 बरस गुजर जाने के बाद आज भी बदस्तूर जारी हैं. इसलिये लगता है कि दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी तक अपनी तरफ से दोस्ती की जफ्फियां डालने की चाहे जितनी पहल कर लें लेकिन पाकिस्तान अपनी करतूतों से कभी बाज नहीं आने वाला है.
इसका ताजा सबूत पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख बने जनरल असीम मुनीर ने अपने बयान से दे डाला है कि भारत के लिये उनके इरादे किस कदर जहरीले हैं. जनरल असीम मुनीर ने शनिवार को बेहद उकसाने वाला बयान देते हुए कहा है कि भारत अपने नापाक मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होगा और किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा के अनुसार, सेना प्रमुख ने शनिवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के रखचिकरी सेक्टर में सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया और सैनिकों से बातचीत के दौरान ये टिप्पणी की है.
आमतौर पर देखा गया है कि अपने मुल्क के सेना प्रमुख का पद संभालने के फौरन बाद पाक सेना का जनरल अपने पड़ोसी देश के लिए इस भड़काऊ लहजे में कभी ऐसा बयान नहीं देता है. लेकिन 29 नवंबर को रिटायर हुए जनरल कमर जावेद बाजवा की कुर्सी संभालने वाले असीम मुनीर के दिलो-दिमाग में भारत के लिए कुछ ज्यादा ही जहर भरा हुआ है. जब पुलवामा के भीषण बम विस्फोट में हमारे सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा सैनिक शहीद हुए थे तब यही मुनीर वाहन की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक थे. हालांकि उस एजेंसी का कंट्रोल भी सेना प्रमुख के पास ही होता है. वैसे तब भारत सरकार ने इस विस्फोट के पीछे पाक खुफिया एजेंसी का ही हाथ बताया था. विदेशी मामलों के जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी के आला अफसर रहे शख्स को ही जब सेना की कमान मिल जाती है तो उसके इरादे भारत के लिये कुछ ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं.
महज़ पांच दिनों में ही इसका संकेत भी मिलना शुरू हो गया है. जनरल असीम ने कहा कि उन्होंने हाल ही में गिलगित, बाल्टिस्तान और आजाद जम्मू-कश्मीर पर भारतीय नेतृत्व के गैर-जिम्मेदाराना बयानों पर ध्यान दिया है. ओएएस ने कहा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल न केवल हमारी मातृभूमि के हर इंच की रक्षा के लिए बल्कि दुश्मन से कोई भी लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कश्मीर का राग अलापते हुए कहा कि भारत कभी भी अपने नापाक मंसूबों को पूरा नहीं कर पाएगा. दुनिया को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों से जो वादा किया गया है उसे पूरा करना चाहिए.
बता दें कि पाकिस्तान का नया सेना प्रमुख बनाने के लिये पीएम शहबाज़ शरीफ की गठबंधन वाली सरकार में काफी हंगामा हुआ था और बेहद जद्दोजहद के बाद ही लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को इस पद के लिए नामित किया गया था. पाकिस्तान में सेना प्रमुख को ही प्रधानमंत्री के बाद सबसे ताकतवर समझा जाता है. मेरिट के आधार पर देखें तो वही इस पद पर आने के काबिल भी थे क्योंकि मुनीर ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख और आईएसआई के प्रमुख के रूप में काम किया है जिसे पाकिस्तानी सेना में एक दुर्लभ संयोजन माना जाता है. उन्हें साल 2017 की शुरुआत में पाकिस्तान की सैन्य खुफिया विभाग का महानिदेशक बनाया गया था और वे 21 महीने तक इस पद पर रहे.
असीम मुनीर को अक्टूबर 2018 में आईएसआई का महानिदेशक यानी सर्वेसर्वा बना दिया गया. हालांकि, आईएसआई के निदेशक के रूप में मुनीर का कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल माना जाता है. इसलिये कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर बाजवा ने उन्हें पद से हटा दिया था. कहा जाता है कि मुनीर द्वारा इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के परिवार के भ्रष्ट आचरण में शामिल होने के बारे में प्रधानमंत्री के संज्ञान में लाने के बाद मुनीर उनकी नजरों से इस कदर उतर चुके थे कि इमरान खान के पास उन्हें हटाने के सिवा और कोई चारा ही नहीं था. आईएसआई से उसे हटाने के बाद, जनरल बाजवा ने मुनीर को कोर कमांडर गुजरांवाला के रूप में तैनात किया जहां से वह जीएचक्यू, रावलपिंडी में अपनी वर्तमान पोस्टिंग पर चले गए थे.
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