एक्सप्लोरर

इमरान खान की गिरफ्तारी और पाकिस्तान में बवाल, आखिर क्यों सेना नहीं संभालेगी सीधे सत्ता की कमान, जानें हकीकत

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो गए हैं. पाकिस्तान में लगातार इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थक और सेना आपस में भिड़ रहे हैं.इमरान खान को आठ दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. शाह महमूद कुरैशी, इमरान खान के सबसे खास नेताओं में शामिल हैं.

पाकिस्तान के हालात निश्चित रूप से अच्छे नहीं हैं. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक जिस तरह सड़कों पर उतरकर तोड़-फोड़ कर रहे हैं, उसे तो सामान्य कहा जा सकता है. लेकिन उनके समर्थकों की ओर से जिस तरह से सेना के ठिकानों पर हमला किया जा रहा है, आगजनी की जा रही है, ये पाकिस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि वहां के लोगों ने सेना को कभी निशाना बनाया हो.

लोग 9 मई को सेना मुख्यालय रावलपिंडी में घुस गए, वहां तोड़फोड़ हुई. लाहौर में कोर कमांडर के घर को लूट लिया. ऐसा ही क्वेटा में भी हुआ. एक खबर ये भा आ रही है कि पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के लड़के के कार स्टोर को जला दिया गया.

पब्लिक डोमेन में लोग खुलेआम सेना को गालियां दे रहे हैं, सेना की गाड़ियों पर पत्थर फेंक रहे हैं. ऐसा पाकिस्तान में पहले कभी नहीं हुआ है. ये पहली बार हो रहा है कि पब्लिक का गुस्सा जितना शहबाज शरीफ या जरदारी पर है, उससे ज्यादा सेना पर है. इसका कारण ये है कि लोग ये मान रहे हैं कि जो कुछ इमरान खान के साथ हो रहा है, वो सेना की मर्जी से हो रहा है और ये सब सेना करा रही है. ये बहुत ही अभूतपूर्व है. ऐसा इसके पहले कभी देखने को नहीं मिला.

'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' पार्टी के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर भ्रष्टाचार, साजिश, हत्या की साजिश, गबन जैसे अलग-अलग मामलों में 120 से ज्यादा मुकदमे हैं. कुछ मामलों में उनको जमानत मिल चुकी थी. कुछ मामलों में अदालतों में उनकी पेशी हो रही थी. जिसमें इमरान खान की गिरफ्तारी हुई है, वो मामला भ्रष्टाचार का है. ख़ास बात ये है कि उनकी गिरफ्तारी उनके घर या उनके ऑफिस या उनकी रैली से नहीं हुई, बल्कि जब वे पेशी के लिए हाईकोर्ट परिसर में गए थे, तब वहां हुई.

इमरान खान की गिरफ्तारी पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से की गई. पाकिस्तान रेंजर्स वहां एक प्रकार का अर्धसैनिक बल है, जैसे अपने यहां बीएसएफ, सीआरपीएफ होते हैं. लेकिन वहां पाकिस्तानी रेंजर्स सेना के तहत आते हैं. इसका मतलब है कि एक तरह से इमरान खान को वहां की सेना ने गिरफ्तार किया है और यहीं कारण है कि इमरान खान के समर्थकों में सेना के खिलाफ गुस्सा है. इमरान खान के समर्थक पाकिस्तान में तो धरना प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी कर ही रहे हैं, लंदन और ओटावा में भी उनके समर्थक धरना प्रदर्शन करने में जुटे हैं.

इसमें कोई दो राय नहीं कि इमरान खान को जब सत्ता से हटना पड़ा तो उन्होंने माहौल बनाया कि ये अमेरिका की साजिश है, बाहरी ताकतों से मिलकर शहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी ने साजिश रची. इमरान खान उस वक्त सबको चोरों और ठगों का गिरोह कह रहे थे.

इमरान खान ने  उस वक्त जब बाजवा सेना प्रमुख थे तो सेना पर भी  निशाना साधा था. ये भी पहली बार हुआ कि किसी राजनीतिक दल का इतना बड़ा नेता सेना को निशाने पर ले रहा है. इमरान खान ने ये काम किया. सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि इसके बावजूद इमरान खान की लोकप्रियता बढ़ते गई. उनकी लोकप्रियता बढ़ने का एक कारण ये भी है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थितियां बहुत खराब है. जिस तरह वहां की जनता परेशान है, अगर इमरान खान सत्ता में होते तो ये गुस्सा उनके खिलाफ होता. लेकिन अभी शहबाज शरीफ सत्ता में हैं तो सारा गुस्सा शहबाज और जरदारी के खिलाफ है.

पाकिस्तान की जनता पहले से ही गुस्से में थी. इस बीच इमरान खान ने जो नैरेटिव सेट किया कि हमको साजिश के तहत हटाया गया है, उसे वहां के लोगों ने पसंद किया. कोई इमरान खान को पसंद करे या न करे, लेकिन इस वक्त उनकी लोकप्रियता बहुत है और इसमें कोई संदेह नहीं है.

पाकिस्तान की सेना आसानी से हार नहीं मानेगी. जिस तरह से इंटरनेट बंद किया गया, सोशल मीडिया के सारे मंच बंद कर दिए गए. प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं. इन सब बातों से लगता है कि सेना इस आंदोलन को निर्ममता से कुचलने का काम करेगी. सेना सीधे तौर पर सत्ता की बागडोर इसलिए नहीं लेगी क्योंकि इस वक्त पाकिस्तान के हालात बहुत खराब हैं. आर्थिक स्थितियां बहुत खराब हैं. जो भी सत्ता में होगा, उसके पास कोई जादू की छड़ी नहीं होगी कि वो रातों-रात हालात को सुधार दे. इन परिस्थितियों में वहां की जनता का गुस्सा उसी पर निकलेगा, जिनके पास सत्ता की कमान होगी.

तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद पाकिस्तानी सेना सीधे तौर पर सत्ता की कमान अपने हाथ में लेने से बचेगी. इसलिए बचेगी क्योंकि जब वो पहले से ही पर्दे के पीछे से सत्ता का संचालन कर रही है, तो उसको आगे से आकर बागडोर संभालना और जो कुछ भी आर्थिक- राजनीतिक मोर्चे पर हो रहा है, उसकी जिम्मेदारी अपने सिर पर लेने  का काम सेना क्यों करेगी. फिलहाल जैसी स्थितियां हैं, उसमें तो ऐसा नहीं लगता, लेकिन अगर स्थितियां और बिगड़ती हैं तो जैसा कि पिछले 70-72 सालों में होता आया है, वो एक बार फिर हो सकता है. सेना एक बार फिर कमान संभाल सकती है और पाकिस्तान के लिए ये कोई नई बात नहीं होगी. लेकिन इस बार उसे इमरान खान की समर्थक जनता का समर्थन हासिल नहीं होगा.

पाकिस्तान अस्थिरता से जूझ रहा है. पहले राजनीतिक और आर्थिक विषमता से जूझ रहा था. अब उपद्रव और हिंसा से जूझ रहा है. ये ऐसे समय हो रहा है, जब आम चुनाव करीब आ रहे हैं. आम चुनावों में इसके फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं कि जो दल इस समय सत्ता में हैं, चाहे पीपीपी हो या पीएमएल (नवाज गुट) हो, या और भी छोटे दल हैं, उनमें से कोई भी निष्पक्ष चुनाव होने पर जीत हासिल कर लेगा. इमरान खान के जीतने की संभावना बहुत ज्यादा है. इसकी वजह से इमरान खान की विरोधी पार्टियां और ख़ासतौर से सेना नहीं चाहेगी कि इमरान खान सत्ता में आएं.

पाकिस्तान में अगर वक्त पर आम चुनाव होता है, तो इसमें संदेह है कि वो निष्पक्ष होगा. अगर चुनाव निष्पक्ष नहीं होते हैं तो पाकिस्तान अशांति और अस्थिरता से बाहर आने वाला नहीं है. ये हो सकता है कि हालात जैसे हैं, वैसे ही बने रहें या फिर इससे भी बुरे हो जाएं. पाकिस्तान अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है और इसके लिए वो अपने अलावा किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता है.

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget