अंडवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर लगातार पाकिस्तान से लेकर हिन्दुस्तान तक सुर्खियों में रही. हालांकि, छोटा शकील ने एक चैनल से बात करते हुए ये जरूर कहा कि दाऊद बिल्कुल स्वस्थ है, लेकिन उसके इस दावे पर यकीन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस तरह की चीजों की पुष्टि तो होती नहीं है. ये बात सच भी हो सकती है और झूठी भी. लेकिन ऐसा लगता है कि शायद दाऊद इब्राहिम की हत्या कर दी गई. 


इसके पीछे दरअसल कई सारे कारण हैं. पहला तो यही कि एक समय पाकिस्तान के ऊपर भारत का काफी ज्यादा दबाव था और भारत के अलावा अमेरिका और पश्चिमी देशों का भी प्रेशर आ रहा था कि दाऊद को सौंप दिया जाए.


दाऊद जब तक स्मग्लिंग कर रहा था, फिरौती वगैरह वसूल रहा था उस वक्त वो इतना बड़ा खतरा नहीं था. लेकिन जब से वह पाकिस्तान में गया और उसके लिंक लश्कर-ए-तैयबा और इस तरह के आतंकी संगठनों से जुड़ गए, उसके बाद एक बड़ा खतरा न केवल भारत बल्कि अमेरिका समेत दूसरे मुल्कों को भी मनीलांड्रिंग की वजह से लगने लगा था.


दाऊद बना गले की हड्डी


ये प्रेशर पाकिस्तान के ऊपर लगातार बढ़ रहा था. दूसरी वजह एक ये भी है कि किसी भी सूरत में पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम को इंडिया के हवाले नहीं करेगा. इसका कारण ये है कि दाऊद इतने समय से मनीलांड्रिंग, फिरौती, मर्डर समेत अन्य संगीन अपराध इंडिया में किए. ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई सीधे तौर पर दाऊद के साथ शामिल थी.



ऐसे लोगों का अंत हमेशा बुरा होता है. ये लोग आखिर में मारे ही जाते हैं. या तो इनके अंदर के ही लोग इन्हें मार देते हैं ताकि लीडरशिप में आ जाएं या फिर इनकी किसी भी तरह की उपयोगिता खत्म हो जाती है तो इन्हें जान से मार दिया जाता है.


दाऊद की मौत के बारे में पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के रिएक्शन न देने के पीछे वजह ये है कि वो मानता ही नहीं है कि अंडरवर्ल्ड डॉन पाकिस्तान में छिपा है. इस मामले पर पाकिस्तान न तो स्वीकार करेगा और न ही इनकार करेगा. इसलिए वो ये कहता है कि दाऊद यहां पर नहीं है.


अगर पाकिस्तान दाऊद की मौत की पुष्टि या इनकार करेगा तो ये माना जाएगा कि उसने दाऊद को अपने यहां पर रखे हुए था आईएसआई और बाकियों पर जो आरोप लगाए गए थे, वो बिल्कुल सही थे.



दाऊद की मौत पर गुमराह की कोशिश


हालांकि, छोटा शकील ने कहा कि दाऊद बिल्कुल स्वस्थ है लेकिन ये उनकी एक रणनीति भी हो सकती है. क्योंकि, कहीं ऐसा न हो कि पैनिक उसके ग्रुप में ही फैल जाए. इंडिया में जो ग्रुप है वो काफी बड़ा है और सोने की स्मग्लिंग में शामिल है.नसोना पहुंचाकर दाऊद के ग्रुप के लोग अलग-अलग शहरों में डिस्ट्रिब्यूशन करते हैं. 


अगर इस तरह की खबर एकदम से फैल जाएगी तो ग्रुप टूट जाएंगे और अलग-अलग लोग खड़े हो जाएंगे. अलग-अलग क्षेत्रों में भाग जाएंगे. ऐसे में क्या सही है और क्या गलत है ये इस तरह की बातों का यहां से बैठकर बताना बड़ा मुश्किल होता है. 


पाकिस्तान के लोग भले ही ये कह रहे हैं कि वहां की सरकार को बताना चाहिए कि दाऊद कहां पर है. लेकिन सभी जानते हैं कि दाऊद इब्राहिम पाक के अंदर ही छिपा बैठा है. भारत ने तो दाऊद का पता तक दे दिया. उसके कई सारे मकान हैं. कभी कहीं, कभी कहीं रखा जाता है.


पाकिस्तान की जनता को इस बात की भी चिंता है कि इसके रहने से समस्या खड़ी हो जाती है. पाकिस्तान में जो कट्टरपंथी ताकतें हैं वो भारत को कमजोर होते हुए देखना चाहती है. मतलब पाकिस्तान में दोनों ही तरह के लोग हैं. ये एक ऐसा सच है जिसको सब जानते हैं. दाऊद वांछित है और अपराधी है, इसलिए पाकिस्तान के अलावा कोई और देश उसे पनाह नहीं दे सकता है.


दाऊद के पास पाक के सीक्रेट्स


दाऊद को अगर पाकिस्तान जान से मरवाता भी है तो उसके पीछे उसके भारत के अंदर संगीन अपराध और सीक्रेट्स बड़ी वजह होंगे. उसके मनीलांड्रिंग ने दूसरे देशों के लिए भी चिंताएं पैदा कर दी हैं. पाकिस्तान के ऊपर इतना प्रेशर है कि कहीं उसे हवाले न करने पड़ जाए. इसके पहले कि पाकिस्तान दाऊद को हवाले करे, उस दबाव को खत्म करने का एक ही तरीका है दाऊद को मार दो. इसके बाद पाकिस्तान कहेंगे कि हम नहीं जानते हैं, ढूंढो.  


पाकिस्तान में पिछले करीब ग्यारह महीने के दौरान 16 खूंखार आतंकी मारे गए हैं. खासतौर से वे लोग जो भारत से जुड़े हुए थे. इनको मारने का एक बड़ा कारण ये हो सकता है कि इस बार जब पार्लियामेंट का चुनाव होगा तो उसमें नवाज शरीफ को पाकिस्तान की पीएम बनाया जा सकता है.


पाकिस्तान में अब इलेक्शन नहीं बल्कि सेलेक्शन होता है. नवाज शरीफ को उन लोगों ने पहले से ही करीब-करीब तय कर लिया है. ऐसे में एक जो मुद्दा भारत का है वो ये कि इन लोगों को हवाले करो. लेकिन हकीकत ये है कि दाऊद जैसे लोगों को किसी भी सूरत में पाकिस्तान, पड़ोसी मुल्क भारत को नहीं सौंपेगा. 


टेरर एंड टॉक्स साथ नहीं


भारत का लगातार ये स्टैंड रहा है कि टेरर एंड टॉक्स एक साथ नहीं चल सकते. दूसरी बात ये कि भारत का कहना है कि जो लोग इन आतंकी घटनाओं से जुड़े रहे हैं, उनको भारत के हवाले करो. ऐसे में बजाय भारत के हवाले करने के ये सवाल ही पाकिस्तान खत्म करना चाहता है, दाऊद को खत्म करके.



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