पाकिस्तान से चार बच्चों को लेकर भारत आयी सीमा हैदर की शुरुआती कहानी जितनी आसानी से बताई गई, पड़ताल करने पर उसमें उतनी ही गुत्थी नजर आती है. कई ऐसी बातें है जिसके चलते उसमें अब साजिश नजर आने लगी है. सीमा हैदर से जांच बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. जिस तरह से कहानी गढ़ी जा रही है कि सीमा भाभी... सीमा भाभी का जिस तरीके से अवतरण हुआ है वो बहुत ही अस्वभाविक और असामान्य है. जो सवाल इस वक्त उठ रहे हैं, उसका जवाब आना जरूरी है, और वो सवाल ये है कि क्या एक पांचवीं पास महिला, पाकिस्तान का पहचान पत्र और आधार कार्ड बनवाकर, चार बच्चे लेकर यहां आ जाए.
सीमा हैदर न सिर्फ कराची से दुबई जाती है बल्कि दुबई से नेपाल आती है और उसके बाद नेपाल से हॉटस्पॉट के जरिए हिन्दुस्तान में लोगों के साथ बातचीत करती है. इसके अलावा, उसने तमाम लोगों के साथ संपर्क किए. आखिर किसने उसकी मदद की? नेपाल में आकर उसके पहचान पत्र और आधार कार्ड कैसे बन गए? जो कॉल्स उसने डिलीट की ऐसा उसने क्यों किया? उसने अपने मोबाइल फोन और सिम कार्ड्स क्यों तोड़े? ये बातें हैं जो अत्यंत गंभीर और अपराधिक श्रेणी में आती हैं, क्योंकि जो व्यक्ति अपनी पहचान मिटाना चाहेगा, अपने संपर्क सूत्रों की सुरक्षा करना चाहेगा, वही इस तरह की कॉल डिलीट करेगा.
कौन सी साजिश में सीमा?
अब ये अच्छा है कि पूरे मामले को यूपी एटीएस जांच कर रही है. टूटे हुए फोन और सिम की फॉरेंसिक जांच होगी. डिटेल्स के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और आईटी एनेबल्ड एग्जामिनेशन होगा. आवश्यकतानुसार, पॉलिग्राफी और नार्को एनालिसिस होने की संभावना है, जो जरूरी है.
सबसे पहली बात ये है कि कोई भी व्यक्ति अपना नाम और अपनी पहचान क्यों बदलेगा? इंस्टाग्राम एकाउंट क्यों बदलेगा? अगर उसने कोई आपत्तिनजक पोस्ट की है, तभी तो वो उसे डिलीट करेगा? या फिर कोई भी चीज उसे छुपानी होगी, तभी तो उसे डिलीट किया होगा. हो सकता है कि एक देशकाल, परिस्थिति में सीमा ने जो चीजें शेयर की हो, वो अब संवेदनशील हो गई हो, ये अब उसके लिए कहीं मुसीबत न बन जाए, इसलिए उसने उसे डिलीट किया हो.
ऐसा संभव है कि सीमा ने इन सब परिस्थितियों के मद्देनजर अपना इंस्टाग्राम या फिर कोई और एकाउंट डिलीट किया हो, और अगर उसने डिलीट किया है तो इसका जवाब उसे एटीएस को देना पड़ेगा.
आर्मी में सीमा का रिश्तेदार
सीमा हैदर का भाई पाकिस्तान की आर्मी में तैनात है. उसका चाचा भी पाकिस्तानी आर्मी में है और इन तथ्यों को सीमा ने छुपाया था. अगर साफगोई से आप हिन्दुस्तान में आना चाहती थी तो आप वीजा अप्लाई कर सकती थी और भी कई तरीके थे. लेकिन ये सब न करके छिपकर सीमा ग्रेटर नोएडा का रबुपुरा में रहने के लिए आ गई. रबुपुरा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बिल्कुल सटा हुआ है. हिंडन एयरबेस से बिल्कुल सटा हुआ है. एक बड़ी संख्या में वहां के हमारे पैरामिलिट्री फोर्सेज और फौज में हैं. ऐसे संवेदनशील जगह पर आकर क्या सीमा हैदर स्लीपर सेल का गठन कर रही है?
इसमें दो चीजें बिल्कुल भी हजम नहीं हो पा रही हैं. पहली बात ये कि कोई पांचवीं पास इतनी आसानी से और धड़ल्ले हिन्दी, अंग्रेजी और सिंधी, उर्दू कैसे बोल लेगा. दूसरी बात ये कि कोई अगर सचिन को देखे तो उसके 36 गुण में से एक भी गुण सीमा हैदर से मिलता हुआ आपको दिखाई दे रहा हो तो ये बड़ी बात होगी. तो सवाल उठता है कि इस बेमेल की दोस्ती और बेमेल का प्यार क्यों हुआ? ये भी जांच का विषय है.
सहानुभूति पाने की कोशिश
सीमा हैदर अगर पाकिस्तान से अपने चारों बच्चों को लेकर भारत आ गई तो इसके पीछे एक बड़ी वजह सहानुभूति हो सकती है. समाज से स्वीकार्यकता, नागरिकता और नागरिकता पाने के बाद बसेरा और एक देखरेख. क्योंकि, यहां की डेमोग्राफी बिल्कुल अलग है. अगर सहानुभूति नहीं होगी तो सीमा नहीं टिक सकती थी. लेकिन, सहानुभूति ऐसी मिली की सीमा न केवल भाभी बल्कि वो जगत भाभी हो गईं. ऐसा अंधेर तो पहले न मैंने कभी सुना और न कभी देखा. अविश्वसनीय...
एक चैनल पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता इरशाद ने कहा कि अगर सीमा हैदर भारत से पाकिस्तान आएगी तो उसके बूटी-बूटी काट दिए जाएंगे, जब सार्वजनिक टेलीविजन चैनल पर कोई व्यक्ति इस तरह की बातें कहे, ये बिल्कुल गैर-जिम्मेदाराना बयान है.
कानून के किसी किताब में प्यार का कोई जिक्र नहीं है. प्यार करते हैं तो किसी का कत्ल कर देंगे, प्यार करते हैं तो हम किसी डॉक्यमेंट्स या वीजा के चील की तरफ रबूपुरा में पहुंच जाएंगे, कानून इसे बिल्कुल भी नहीं मानता है. प्यार नितांत व्यक्तिगत चीज है और पुलिसकर्मियों से ऐसी बात करने की भी जरूरत नहीं है. अगर ऐसा करेंगे तो मुंह की खाएंगे.
पुलिस ने मजबूत केस नहीं बनाया
सीमा हैदर के खिलाफ पुलिस ने मजबूत केस नहीं बनाया था. जिन सेक्शंस में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया, वो धारा 3,4, 5 पासपोर्ट एक्ट, धारा 14 फॉरनर्स एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 34 व 124 बी. इसमें कोई बहुत बड़ी सजा नहीं थी. नियम हमारा ये कहता है कि अगर 7 साल के कम की सजा है तो जमानत आपका अधिकार है. बेहतर होता अगर सीमा हैदर के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई होती.
अब तक जितनी भी बातें कही गई है, पूर्व पुलिस अधिकारी होने के नाते इनकी कोई भी बातें हजम नहीं हो रही है. इसलिए सालभर के लिए ये चली जाती अंदर और बच्चे पल जाते यतीम खाने में. सालभर बाद अगर निकलती तो इनके बच्चे इन्हें वापस इनके हवाले कर दिया जाता.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]