प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 71 वर्ष के हो गए. आधुनिक भारत की राजनीति का इतिहास जब भी लिखा जायेगा, तो उसमें ये जिक्र जरूर होगा कि आज़ाद भारत में जन्में वे अकेले ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने लगातार 20 साल तक दो चुनी हुई सरकार के कप्तान रहने का रिकॉर्ड बनाया. हालांकि अगले तीन साल तक अभी और उन्हें इसी भूमिका को निभाना है, लिहाज़ा वे नए कीर्तिमान स्थापित करते रहेंगे. आगामी 6 अक्टूबर को वे सरकार के मुखिया लगातार बने रहने के 20 साल पूरे कर लेंगे. वे निरंतर 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और पिछले सवा सात साल से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री हैं.
जाहिर है कि बगैर किसी बाधा के लगातार 20 साल तक राज करना महज किस्मत का ही खेल नहीं है, बल्कि ये करोड़ो लोगों के उस भरोसे को दर्शाता है, जो उन्होंने मोदी के प्रति व्यक्त किया. पार्टी नेताओं के अलावा बहुत सारे लोग ये मानते हैं कि वे एक ऐसे दूरदृष्टि रखने वाले नेता हैं, जो सोचते भी कुछ अलग हैं और उस पर अमल करने उनका तरीका भी बाकियों से अलग ही है.
पिछले सात साल में मोदी द्वारा लिए गए कुछ फैसलों की विपक्षी दल भले ही आलोचना करें लेकिन एक बड़े वर्ग को तो यही लगता है कि उन्होंने अपने साहसिक फैसलों से देश की दशा-दिशा बदलने के साथ ही करोडों देशवासियों की जिंदगी में भी बदलाव लाने की ईमानदार कोशिश की है. उनकी इस सोच की वजह भी है क्योंकि देश ने अब तक परिवार आधारित पार्टियों वाली सरकार ही देखी थी, जो अपने निजी स्वार्थों को ही तवज्जो देती रहीं. लेकिन मोदी ने Nation First यानी राष्ट्र पहले का नारा देकर लोगों को ये विश्वास दिलाया कि वे बड़ी व कठिन समस्या को हल करने की भी क्षमता रखते हैं और कई मामलों में उन्होंने ये कर दिखाया.
ये तो विरोधी भी मानते हैं कि मोदी लोगों का दिल जीतने वाली ऐसी कई खूबियों के धनी हैं, जहां उन्हें कोई मात नहीं दे सकता. लेकिन पीएम बनते ही उन्होंने जो सबसे बड़ा काम किया, वो था सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और इंस्पेक्टर - राज को ख़त्म करना. आधुनिक तकनीकों के जरिये सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाकर जहां उन्होंने अफसरों-कमर्चारियों में खौफ पैदा किया, तो वहीं जनता को अपना दीवाना बना लिया. जनता इसी आधार पर अपनी धारणा बनाती है कि सरकार का मुखिया आखिर उनके लिए क्या कर सकता है जो शायद लोगों ने सोचा भी न हो, उससे आगे जाकर मोदी ने ऐसी योजनाओं को पूरा कर दिखाया, जो पहले सिर्फ कागजों में ही दिखती थीं.
पीएम आवास योजना के जरिये दो करोड़ लोगों को मकान देना, आठ करोड़ शौचालय, चार-चार करोड़ बिजली व पानी के कनेक्शन मिलना, गरीब वर्ग के लिए अब तक सिर्फ एक सपना ही था. आयुष्मान योजना के तहत कमजोर वर्ग के 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने को क्रांतिकारी फैसला ही माना जायेगा. करीब 24 करोड़ लोगो को मुद्रा लोन देकर और नई नौकरी के अवसर देने वाली योजनाएं लाकर मोदी सरकार ने गरीब वर्ग की तस्वीर को बदलने की कोशिश भी काफी हद तक की है.
पिछले सात साल में आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ जिस तरह की सख्त कार्रवाई की गई, उससे देश में आज मोटे तौर पर शांति का माहौल बना है. उरी और पुलवामा पर हुए आतंकी हमलों के बाद एयर स्ट्राइक करके मोदी ने दुनिया को भी ये संदेश दिया कि देशहित में ही कड़े फैसले लेने से वे न डरते हैं और न ही पीछे हटने वालों में हैं. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को निरस्त करने वाला ऐतिहासिक फैसला लेकर उन्होंने उस सपने को साकार कर दिखाया, जो उन्होंने संघ में प्रवेश कटे वक़्त देखा था.
राम मंदिर मुद्दे का विवाद भले ही सुप्रीम कोर्ट ने सुलझाया लेकिन सरकार ने इसके शांतिपूर्ण हल को निश्चित कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का फैसला लेकर वे उनकी दुआएं हासिल करने में भी कामयाब हुए. देश के विकास को रफ्तार देने वाली हर ऐसी योजना को लागू करके उसे तय वक्त पर पूरा भी करवाया, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो.
कुल मिलाकर, अगर पिछले सात साल का उनका रिपोर्ट कार्ड देखें, तो विपक्ष को छोड़ शायद ही कोई ऐसा होगा, जो उन्हें 10 में से नौ अंक देने में भी अपनी कंजूसी बरते.
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