एक्सप्लोरर

कर्नाटक में चुनाव पहले दिन से था एकतरफा और कांग्रेस के पक्ष में, बीजेपी ने हार देख बजरंगबली और आरक्षण का खेला दांव

कर्नाटक चुनाव को लेकर 10 में 8 एक्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में दिख रहे हैं. कुछ के हिसाब से मेजॉरिटी से कुछ आगे चल रही है कांग्रेस, कुछ थोड़ा पीछे रख रहे हैं, कुछ पूर्ण बहुमत दे रहे हैं. कांग्रेस आगे है, जीत रही है, ये बात स्पष्ट है. यह बात कुछ खास आश्चर्य में डालने वाली भी नहीं है. हवा का रुख साफ दिखाई देता था. यहां तक कि बीजेपी के कार्यकर्ता भी इस बात को कहते थे. तो, हैरानी की बात यह है कि एक्जिट पोल कांग्रेस को इतनी कम सीट दे रहे हैं. सड़कों पर देखने और लोगों से बातचीत करने पर दिखता था कि कांग्रेस को कहीं अधिक सीटें, कहीं साफ बहुमत मिलना चाहिए. वह बात केवल एक मीडिया ग्रुप के सर्वे में दिखी है. उसने कांग्रेस को 122 से 140 सीटें आने का दावा किया है. चुनाव से पहले जो एक बड़ा सर्वेक्षण था, उसमें भी 134 से 140 सीटें कांग्रेस को आने की बात थी. तो, ये दोनों सर्वेक्षण अधिक नजदीक प्रतीत होते हैं. ये मेरा राजनैतिक कयास है. वैसे तो कर्नाटक में सामान्य बहुमत के लिए 113 सीटें ही चाहिए, लेकिन चूंकि कर्नाटक में बीजेपी दो बार चोरी-छुपे सरकार बना चुकी है, इसलिए कांग्रेस को 120-125 सीटें चाहिए. सवाल बस यही है कि कांग्रेस को बिल्कुल किनारे वाली मेजॉरिटी मिलेगी, आराम से बहुमत मिल जाएगा या फिर बहुत अधिक वाला. इसके अलावा कोई संभावना बचती नहीं है. 

बजरंगबली का मुद्दा केवल बीजेपी ने और मीडिया के उसके सहयोगियों ने बनाया. दुर्भाग्य इस देश का है कि मीडिया को डरा के, धमका के, फुसला के, ललचा के बीजेपी ने अपनी जेब में रखा हुआ है. बजरंगबली का मुद्दा तो इन्होंने ही उठाया था, वैसे देखिए तो चुनाव शुरू से ही एकतरफा था. कर्नाटक में पिछले 40 वर्षों से किसी भी पार्टी को जनता ने लगातार दो बार सत्ता नहीं दी है. फिर, इस सरकार का तो कामकाज ही इतना खराब था. भ्रष्टाचार की वजह से ये सरकार इतनी बदनाम हुई. 40 फीसदी सरकार के तौर पर इनकी इतनी बदनामी हुई कि ये तो सड़कों पर लोग बात करते थे. यहां तक कि मठ और मंदिरों को भी इन्होंने कहा कि आपसे चलिए 32 परसेंट ही लेंगे, लेकिन लेंगे तो जरूर. 

बीजेपी डेस्परेट थी, लेकिन कुछ काम न आया

बीजेपी ने आखिरी समय पर आरक्षण का भी दांव खेला, लेकिन ये सब तिकड़में काम नहीं देती हैं. मुसलमानों का आरक्षण खत्म करना, बाकी को देना, ये सारी बातें तो आती भी नहीं अगर बीजेपी को मीडिया का इतना सहयोग न मिला होता. बीजेपी ने कुछ गलत काम किए, कुछ कांग्रेस ने ठीक काम किए. कांग्रेस ने गरीबों पर फोकस रखा, पांच जो वायदे किए वो गरीबों के लिए था. कांग्रेस ने अपनी एकता बनाए रखी, जो किसी और राज्य में वह नहीं कर पाई. इसके उलट बीजेपी एक बिखरी हुई पार्टी नजर आ रही थी और टिकट बंटवारे के समय उन्होंने और गलतियां कीं. इस तरह शुरू में जो चुनाव कांग्रेस की तरफ झुका हुआ था, वो आखिर में बिल्कुल ही कांग्रेस की तरफ मुड़ गया. आखिरी समय में बीजेपी ने वही सब कुछ किया जो वह हरेक बार करती है. प्रधानमंत्री हरेक बार आते हैं, इस बार भी आए. प्रधानमंत्री ने बहुत ओछी बातें की, जो वो हर बार करते हैं. मीडिया ने उनकी आरती उतारी, जो हर बार होता है. चुनाव आयोग आंख मूंदकर बैठा रहा, जो हर बार होता है. 

इस चुनाव के परिणाम का असर सीधा-सादा मनोबल पर पड़ेगा. ऐसा नहीं है कि कर्नाटक के चुनाव का असर तेलंगाना पर पड़ेगा. सीधा नहीं पड़ता, लेकिन इसका विपक्ष के मनोबल पर असर पड़ेगा. अगर बीजेपी जीत जाती तो बीजेपी अपना ढोल मीडिया में पीटती. फिर, मैच शुरू होने से पहले ही बीजेपी को वॉक-ओवर मिल जाता. कर्नाटक चुनाव ने ये तय किया है कि 2024 के चुनाव में बीजेपी को वॉकओवर नहीं मिला है, कि बीजेपी को हराया जा सकता है. हराया जाएगा ही, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसके लिए तो विपक्ष को बहुत काम करना होगा, बहुत रणनीति बनानी होगी. कर्नाटक चुनाव के परिणाम का सीधा असर तो हम ये भी नहीं कह सकते कि कर्नाटक में लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. 

कांग्रेस मजबूत होकर उभरेगी

कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की सौदेबाजी की ताकत तो बढ़ेगी ही. वरना, तो यही संदेश जाता कि राहुल गांधी कुछ नहीं, भारत जोड़ो यात्रा फ्लॉप रही वगैरह-वगैरह. जीतने के बाद कांग्रेस का वजन तो बढ़ेगा ही. 2024 का चुनाव जीतने के लिए न तो किसी महागठबंधन की जरूरत है, न ही वांछित है. कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के बाद से उठी है. राहुल गांधी की छवि बदली है. कर्नाटक की जीत इसको पुख्ता तो करेगी ही. कर्नाटक में तो दो बाते हैं. लोग बीजेपी से बहुत परेशान थे. कर्नाटक के गरीबों के मन में अभी  भी कांग्रेस के सिद्धिरामैया की छवि है कि वह सरकार गरीबों की थी. इसमें कर्नाटक के स्थानीय और राष्ट्रीय नेतृत्व दोनों की ही बात है. एक अजीत बात हमने देखी है कि जब से कर्नाटक में बीजेपी की हार की खबरें आने लगीं तो जे पी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीरें टीवी चैनल दिखाने लगे. उसके पहले हालांकि, जब गुजरात में बीजेपी जीती थी, तो मोदीजी की जीत बताया गया था और कांग्रेस के लिए राहुल गांधी की तस्वीरें लगाई गई थीं. मुझे तो लगता है कि अभी देश का मीडिया जिस तरह से व्यवहार कर रहा है, तो जिस तरह इमरजेंसी के समय के पत्रकारों को आंख झुकाकर बात करनी पड़ी, आज के पत्रकार भी अपने बेटे-पोतों को वैसे ही जूतों की तरफ देख कर कुछ बताएंगे. 

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है) 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
ABP Premium

वीडियोज

Bangladesh priest arrested: Chinmay Das के वकीलों पर हमले का दावा, जमानत की सुनवाई में नहीं हुए शामिल | Janhitकभी थे सूबे के सरकार, सुखबीर सिंह बादल अब बने पहरेदार! | Bharat Ki BaatBharat Ki Baat: Eknath Shinde की भूमिका पर इतना सस्पेंस क्यों? | Mahayuti | BJP | Maharashtra New CMSandeep Chaudhary: EVM से तौबा-तौबा...तो ही चुनाव निष्पक्ष होगा? | Maharashtra | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
संभल हिंसा: तलाशी में मिले पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
संभल हिंसा: पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
Embed widget