“सुख के सब साथी, दुःख में न कोय”, यह एक पुरानी कहावत के साथ, एक फिल्म का गीत भी है. लेकिन सलमान खान के मामले ने इन पंक्तियों को गलत साबित कर दिया है. सलमान खान को जोधपुर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा काले हिरन मामले में दोषी मानते हुए, पांच साल की सजा होने पर जैसा जन सैलाब उमड़ा, वह साफ़ दर्शाता है कि सलमान के दुःख के दिनों में भी असंख्य लोग उनके साथ खड़े थे. सलमान के जेल जाने पर तो देश में विभिन्न समुदायों और विभिन्न धर्मों के लोगों ने सलमान के लिए इस तरह दुआ, प्रार्थना की. उनकी रिहाई के लिए इस तरह उपवास रखे, मानो जैसे कोई उनके अपने परिवार का सदस्य ही जेल चला गया हो.


उधर पूरा बॉलीवुड सलमान के दोषी पाए जाने के बावजूद उनके समर्थन में खुलकर बोलता दिखाई दिया. यहाँ तक जया बच्चन और सिमी ग्रेवाल जैसी फिल्म हस्तियों ने भी सलमान के समर्थन में बोलकर सभी को चौंकाया. प्रिटी जिंटा और साजिद नाडियावाला जैसे सलमान के कुछ दोस्तों ने तो मुंबई से जोधपुर जाकर उनसे जेल में मुलाकात की. सलमान के जेल से रिहा होने पर जोधपुर और मुंबई में ही नहीं देश के कई और हिस्सों में भी आतिशबाजी छोड़ और ढोल नगारे बजा कर जिस तरह सलमान की रिहाई का जश्न मनाया गया वह अद्दभुत था.


अमिताभ व संजय दत्त को मुश्किल दिनों में नहीं मिला था ऐसा साथ


जबकि यह कई बार देखा गया है कि जब कोई बड़ा सितारा किसी बड़ी मुसीबत, असफलता या कानूनी अड़चनों के दौर से गुजरता है तो बॉलीवुड के उनके संगी साथी तक उस सितारे से कन्नी काट लेते हैं. यहाँ तक कि जब अमिताभ बच्चन का नाम बोफोर्स कांड में सामने आया तो कोई उनके समर्थन में नहीं आया. ऐसे ही संजय दत्त जब मुंबई कांड में टाडा कोर्ट द्वारा दोषी पाए गए या उससे पहले जब इस मामले में उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया तो सभी संजय दत्त क्या पूरे दत्त परिवार से दूर भागने लगे. संजय की उस समय की सबसे ख़ास दोस्त माधुरी दीक्षित ने भी ‘खलनायक’ के रूप में उभरे संजय दत्त से तुरंत अपना नाता तोड़ दिया था. लेकिन सलमान को लेकर इस बार सलमान के प्रशंसकों के साथ साथ लगभग पूरा बॉलीवुड भी लगातार उनके साथ मजबूती से खड़ा दिखाई दिया.



असल में देखा जाए तो सलमान आज लोकप्रियता और सफलता दोनों में सभी से आगे निकल चुके हैं. छोटा पर्दा हो या बड़ा पर्दा या फिर सामाजिक कार्यों में लोगों की मदद का मामला, सलमान आज अपने सभी साथी कलाकारों को पीछे छोड़ रहे हैं. किसी समय में किंग खान कहे जाने वाले शाहरुख़ खान को तो पहले आमिर खान ने ही मात दे दी थी. लेकिन अब पिछले कुछ समय से लगातार सलमान की फ़िल्में सफलता का नया इतिहास लिख रही हैं उससे आमिर खान से भी आगे निकल कर सलमान खान किंग खान तो पहले ही बन गए थे. पर अब सलमान किंग खान ही नहीं बॉलीवुड के भी किंग बन चुके हैं.


सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों के शिखर अभिनेता
हालांकि बॉलीवुड में सम्मान और वरिष्ठता के मामले में आज जो सम्मान अमिताभ बच्चन को प्राप्त है, उसका कोई और सानी नहीं है. लेकिन सफलता के मामले में तो सलमान निसंदेह सुपर स्टार अमिताभ बच्चन से भी आगे नज़र आते हैं. 2010 से पिछले साल 2017 तक के 7 बरसों को ही लें तो इस दौरान प्रदर्शित सलमान की सर्वाधिक 12 फिल्मों ने 100 करोड़ क्लब में पहुंचकर सभी अन्य सितारों को पछाड़ दिया है. यहाँ तक सन 2010 में आई ‘दबंग’ से लेकर सन 2017 में आई ‘टाइगर जिंदा है’ तक सलमान की इन 12 फिल्मों ने सिर्फ भारत में ही 2500 करोड़ रूपये की कमाई करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है. अभी तक कोई भी अन्य भारतीय अभिनेता की फ़िल्में इतनी कमाई नहीं कर सकी है. इससे सलमान सबसे ज्यादा कमाई करने वाले शिखर के भारतीय अभिनेता बन गए हैं. जबकि सलमान की इन फिल्मों ने विदेशों में जो बम्पर कमाई की है वह अलग है.



सलमान की इन 12 फिल्मों में 'बजरंगी भाईजान', 'सुल्तान' और 'टाइगर जिंदा है' जैसी तीन फ़िल्में तो 300 करोड़ रूपये क्लब का हिस्सा बनीं. जबकि 'किक' और 'प्रेम रतन धन पायो' जैसी फ़िल्में 200 करोड़ के क्लब में पहुँचीं. वहीं, 'बॉडीगार्ड', 'जय हो', 'एक था टाइगर', 'दबंग-2' और 'ट्यूबलाइट' जैसी फिल्मों में भी कुछ ने लगभग 150 करोड़ तो कुछ ने उससे भी अधिक की कमाई की. यहाँ तक सन 2015 में भारत और कुछ अन्य देशों में प्रदर्शित ‘बजरंगी भाईजान’ जब पिछले दिनों चीन में प्रदर्शित हुई तो वहां भी चंद दिनों में इस फिल्म ने 300 करोड़ रूपये का बिजनेस कर लिया.


बड़ी बात यह भी कि आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे सितारे अपनी फिल्मों को लीक से हटकर, कुछ अलग और बेहतर बनाने के लिए अपनी फिल्मों के विषय, कहानी और पटकथा पर काफी मेहनत करते हैं. 'थ्री इडियट्स', 'पीके', 'दंगल' और 'सीक्रेट सुपरस्टार' सहित 'रुस्तम', 'एयरलिफ्ट', 'टॉयलेट: एक प्रेम कथा' या 'पैडमैन' जैसी फ़िल्में इस बात की मिसाल हैं. लेकिन सलमान अपने दर्शकों को जो भी परोस दें, दर्शक उसे चाव से स्वीकारते हैं. वह दबंग के छेद करने वाले अटपटे संवाद हों या बेल्ट को पकड़ कर ‘डांस’ स्टाइल हो. उनके सभी अंदाज़ और मसाले दर्शकों को पसंद आते हैं. उनकी हालिया फिल्मों में 'बजरंगी भाईजान' और 'सुल्तान' को छोड़ दें तो उनकी लगभग सभी फ़िल्में मसाला फ़िल्में होने के बावजूद जमकर चली हैं.


सलमान अब अपनी 52 बरस की उम्र में भी जितने फिट और स्मार्ट हैं वह भी काबिले तारीफ़ है. वह भी तब जब एक तरफ वह 20 बरसों से विभिन्न अदालती मुकदमों के चक्कर में उलझे हैं. साथ ही वह सायनस सहित एक दो और भी जटिल बिमारियों से ग्रस्त हैं.


आठ का अंक मचाता रहा है सलमान की जिंदगी में उथल पुथल


सलमान खान के फिल्मी करियर के पिछले 30 बरसों को देखें तो एक दिलचस्प तथ्य सामने आता है. वह यह कि इन बरसों के हर दशक में जब भी 8 आया है उनकी जिंदगी में उथल पुथल हुई है. कभी वह उनके लिए सौभाग्य लाई है तो कभी दुर्भाग्य. जैसे सलमान खान के फिल्म करियर की शुरुआत 1988 में हुयी. इसी साल सलमान की पहली फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ प्रदर्शित हुई. अपने करियर के इस पहले दशक में 1997 तक सलमान ने अपनी 'मैंने प्यार किया', 'पत्थर के फूल', 'साजन', 'हम आपके है कौन' और 'करण अर्जुन' जैसी फिल्मों से लोकप्रियता पाकर अपनी एक सफल पहचान बनाई. लेकिन इसके अगले दशक 1998 की शुरुआत में सलमान की जिंदगी परेशानियों में ऐसी उलझी कि आगे के 2007 तक के पूरे दस साल सलमान अधिकतर किसी न किसी परेशानी या विवाद में बुरी तरह उलझे रहे.




  • सबसे पहले वह ‘हम साथ साथ है’ की शूटिंग के दौरान सितम्बर 1998 में काले हिरन आदि के शिकार के मामले में ऐसे फंसे कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

  • उसके बाद इसी दशक में 2003 में वह एक बार नशे की हालत में गाडी चलते हुए हिट एंड रन केस में गिरफ्तार हुए. इसी दशक में सलमान को अपने इन मामलों के चलते सजा होने पर, दो और बार भी जेल में रहना पड़ा.ये दोनों मामले अभी तक उनका पीछा कर रहे हैं और लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक इनकी गिरफ्त से वह बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

  • इसी के साथ इसी दशक में सलमान, ऐश्वर्या राय के साथ मार पीट और देर रात उनके घर जाकर हो हल्ला करने के मामले में भी फंसे. यहाँ तक इस दशक में सलमान की कई फ़िल्में कतार से फेल होती गईं. कुछ उन फिल्मों से सलमान की इज्ज़त जरुर बचती रही, जो मल्टी स्टारर थीं या जिनमें सलमान के साथ कोई और हीरो था. मसलन 'हम साथ साथ हैं', 'बीवी नंबर वन', 'हम तुम्हारे हैं सनम', 'नो एंट्री', 'मुझसे शादी करोगी', 'बागबान' और 'पार्टनर' आदि. सलमान के 30 बरसों के अब तक के करियर में उनका यह दशक पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों दृष्टि से सबसे खराब रहा.

  • सलमान की अंधियारी जिंदगी में उजाला तब हुआ जब सन 2008 आया. इस साल सबसे पहले सलमान को सोनी चैनल पर एक टीवी शो मिला ‘दस का दम’. इस शो के होस्ट के रूप में सलमान इतने लोकप्रिय हुए कि सलमान को फिर से अच्छे और बड़े प्रोजेक्ट मिलने शुरू हो गए. इस शो की सफलता के साथ सलमान को इसी बरस अपनी संस्था ‘बीइंग ह्यूमन’ से भी अच्छी पहचान के साथ सराहना भी मिली.

  • साथ ही अगले बरस 2009 में जहाँ ‘दस का दम’ फिर से आया. वहां उनकी फिल्म ‘वांटेड’ ने सलमान के लिए सफलता के द्वार फिर से खोल दिए. उसके बाद तो सन 2017 के इस पूरे दशक में सलमान खान धीरे धीरे नित आगे बढ़ते गए.

  • सन 2010 में सलमान ‘बिग बॉस’ के होस्ट भी बने और तब से अब तक वह इसके लगातार होस्ट बने हुए हैं.

  • इस दशक में सलमान की फिल्मों ने तो अप्रत्याशित सफलता पायी ही साथ ही यारों के यार, असहायों के मददगार के रूप में भी वह ऐसे लोकप्रिय हुए जिसकी मिसाल मुश्किल से मिलती हैं.

  • देखा जाए तो 2008 के बाद के ये 10 साल सलमान के अब तक के सबसे सुनहरी साल हैं. अपने इस गोल्डन पीरियड में सलमान ने सोलो हीरो के रूप में अपार सफलता वाली फ़िल्में देकर बॉलीवुड के 'दबंग', बॉलीवुड के 'टाइगर' और बॉलीवुड के 'सुल्तान' की ऐसी इमेज बनाई जिसे देख अच्छे अच्छों को ईर्ष्या होने लगे. यहाँ सलमान का नाम ही सफलता का पर्याय बन गया. लेकिन अब जब 2018 आया है तो एक बार फिर सलमान की जिंदगी में उथल पुथल मच गयी है. हालांकि हम दुआ करेंगे आगे चलकर सलमान का यह बरस ही नहीं, आने वाला हर दशक उनके लिए अच्छा रहे.


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