ब्लॉग: भाजपा के लिए 'भस्मासुर' बन रहीं प्रज्ञा ठाकुर
गोडसे पर भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बयान पार्टी के लिये मुसीबत का सबब बन गया है। भले ही पार्टी ने कार्रवाई के तौर पर उन्हें कई संसदीय समितियों से निकाल दिया हो लेकिन जो फजीहत उन्होंने करवाई है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती
आज हम समझेंगे हस्तियों के बहाने सियासत करने वालों की राजनीति...देश के सबसे बड़े सामाजिक और राजनीतिक प्रतीक हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी..2014 में चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही महात्मा गांधी को चुना..सरकार और अपनी पार्टी की विचारधारा में गांधी के आदर्शों को भी पिरो कर प्रधानमंत्री मोदी आगे बढ़ते चले गए...ये पीएम मोदी की सत्ता और उनकी भाजपा का स्वरूप है...लेकिन सत्ता के लिए पहले चाहिए चुनाव में जीत..इसलिए चुनावी राजनीति में जीत को ही सबसे बड़ा लक्ष्य बनाकर अपने ही गढ़े प्रतीकों को दरकिनार करते हुए भाजपा ने आतंकी गतिविधियों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लोकसभा का टिकट दे दिया...साध्वी प्रज्ञा चुनाव जीत कर देश की संसद में जा बैठीं..और अब उनके बयान उनकी ही पार्टी के लिए भस्मासुर बनते नज़र आ रहे हैं। लोकसभा में प्रज्ञा ठाकुर ने राष्ट्रपिता के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहकर भाजपा के लिए मुसीबत का नया पिटारा खोल दिया है.. भाजपा अब अपने ही सासंद के बयान पर सफाई-दर सफाई पेश कर रही है..उन पर कुछ एक्शन लेती भी दिख रही है.. खुद प्रज्ञा ठाकुर विवाद बढ़ने के बाद अब अपने ही बयान पर लीपापोती कर रही हैं। संसद में बैठे सैकड़ों माननीयों को मुग़ालता लगा हो...क्या ऐसा माना जा सकता है....ख़ैर...भाजपा की इस नई नवेली फायर ब्रांड सांसद के गोडसे को लेकर विचार तो उस वक्त भी यही थे...जिनपर आज हंगामा मचा हुआ है...मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव प्रचार के दौरान भी अपनी गोडसे भक्ति का सरेआम इज़हार किया था।