एक्सप्लोरर

नसीरुद्दीन शाह को आख़िर क्यों याद आ गई जॉर्ज ऑरवेल की "1984"?

आपसे अगर ये सवाल पूछा जाए कि भारत में पैदा हुआ अंग्रेजी का कोई साहित्यकार क्या भविष्यवक्ता भी साबित हो सकता है? जाहिर है कि इसका जवाब "ना" में ही मिलेगा. लेकिन शायद आप ही गलत साबित हो जाएंगे, जब उस महान लेखक के एक उपन्यास को पढ़ेंगे और ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिर ऐसा कैसे होता है कि कोई लेखक उस सही वक़्त का मंजर दिखाने से बरसों पहले ही उसकी तस्वीर आपके सामने रख देता है लेकिन वह खुद इस दुनिया से विदा  हो जाता है.

हमारे देश से लेकर खाड़ी के तमाम मुल्कों में इन दिनों जिस एक आपत्तिजनक बयान को लेक़र जो बवाल मचा हुआ है, उसे लेकर ब्रितानी लेखक जॉर्ज ऑरवेल और उनके लिखे चर्चित उपन्यास का इन दिनों जिक्र हो रहा है. उस उपन्यास का शीर्षक था- "1984." ये उन्होंने अपनी मौत से दो साल पहले यानी 1948 में लिखा था. लेकिन फिलहाल इसका सबसे पहला जिक्र भारतीय फिल्मों के सबसे संजीदा व शालीन कलाकार समझे जाने वाले नसीरुद्दीन शाह ने किया है.

उन्होंने बुधवार को एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में किसी भी धर्म की कट्टरपंथी ताकतों का पक्ष लिए बगैर बेहद बेबाकी से अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने कहा कि, "देश में इस वक़्त नफ़रत का ज़हर फैलाने का जो माहौल बनाया जा रहा है, उस पर काबू पाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुद आगे आना होगा, वरना हालात और खराब होने का खतरा सबके सिर पर मंडरा रहा है."

लेकिन सवाल उठता है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा यानी NSD में दाखिला लेकर रंगमंच पर अपनी अलग पहचान बनाने और उसके बाद बॉलीवुड का रुख करने वाले नसीरूद्दीन शाह को आखिर जॉर्ज ऑरवेल के इस उपन्यास की ही याद क्यों आई? इसे थोड़ा गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि किसी गाने की धुन पर देश के लड़के-लड़कियों को भौंडा डांस करने के लिए उकसाने वाले आजकल के अभिनेताओं के साथ हम नसीर की तुलना नहीं कर सकते. जाहिर है कि वे ऑरवेल के उपन्यास 1984 को न सिर्फ पढ़ चुके हैं बल्कि उसके ख़ास वाकयों को उन्होंने अपने जेहन में भी उतार रखा है.

दरअसल, जॉर्ज ऑरवेल एक ब्रितानी लेखक थे लेकिन उनका जन्म भारत में 25 जून 1903 में हुआ था. ब्रितानी पत्रकार इयान जैक ने 1983 में पहली बार जॉर्ज ऑरवेल के जन्म स्थान का पता लगाया था जो कि बिहार के पूर्वी चंपारण के मोतिहारी शहर में है. बताया जाता है कि जॉर्ज ऑरवेल जब सिर्फ एक साल के थे तो यहां से वे अपनी मां के साथ ब्रिटेन चले गए थे. उनके पिता मोतिहारी के अफीम महकमे में एक अंग्रेज अफसर थे. उन्हीं जार्ज ऑरवेल ने साल 1948 में अपना दूसरा सबसे चर्चित उपन्यास लिखा,'1984' जिसमें उन्होंने अपनी कल्पना शक्ति के जरिये वो सब लिख दिया,जो आने वाले वक़्त में दुनिया के किसी हिस्से में सच साबित होगा.

दरअसल, वे इस उपन्यास में अपने समय से आगे जाकर आने वाले एक ऐसे वक़्त की कल्पना करते हैं जिसमें राज सत्ता अपने नागरिकों पर नजर रखती है और उन्हें बुनियादी आजादी देने के पक्ष में भी नहीं है.वो सत्ता के खिलाफ सवाल उठाने वाली हर आवाज को हमेशा के लिए खामोश कर देना चाहती है. वो विद्रोहियों का नामोनिशान मिटा देना चाहती है. वो इस किताब में तकनीक से घिरी उस दुनिया की बात भी करते हैं जहां आदमी के निजता के कोई मायने नहीं है.जहां निजता मानवाधिकार ना रहकर सिर्फ कुछ मुट्ठी भर लोगों का ही विशेषाधिकार हो चुका है. ऑरवेल अपनी इस किताब में ‘बिग ब्रदर इज वाचिंग यू’ जैसी अवधारणाओं की बात करते हैं.इसे हम मौजूदा दुनिया की आधुनिक तकनीक और तमाम तरह के गैजेट से घिरी हुई जिंदगी का सबसे बड़ा सबूत मान सकते हैं.

बीजेपी के दो पूर्व प्रवक्ताओं के आपत्तिजनक बयानों पर नसीर ने प्रधानमंत्री मोदी से इसमें हस्तक्षेप करने और ‘इस जहर को फैलने से रोकने का’ आग्रह किया है,जिसे गलत नहीं कहा जा सकता.उन्होंने ये भी कहा कि  ‘मैं उनसे (प्रधानमंत्री से) अनुरोध करूंगा कि वे इन लोगों को थोड़ी अच्छी समझ दें. हालांकि उनसे ये भी पूछा गया कि  बीजेपी से निलंबित किए जाने के बाद नुपुर शर्मा ने ‘बिना शर्त’ माफी मांग ली है,तो फिर इस मामले को इतना तूल देने की आखिर क्या जरुरत है? पर, नसीरुद्दीन शाह ने इसे ‘पाखंड’ बताते हुए कहा कि ‘"आहत भावनाओं को शांत करना शायद ही इसका मकसद था. यदि नफरत पैदा करने वाली इस प्रकार की बात फिर से न की जाए, तो मुझे हैरानी नहीं होगी. यह विडंबना है कि आप शांति और एकता की बात करते हैं, तो आपको एक साल से अधिक समय तक जेल में बंद कर दिया जाता है. आप नरसंहार की बात करते हैं, तो आपको मामूली सी सजा मिलती है.यहां दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं.यह जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास ‘1984’ में दिखाई गई दोहरी सोच की तरह है."’

नफरत के लिए टीवी और सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए नसीर ने ये भी कहा कि जॉर्ज ऑरवेल ने अपने उपन्यास 1984 में जिस दोहरी सोच की कल्पना की थी,वो आज हमें अपनी आंखों के सामने देखने को मिल रही है. वहीं इसी मुद्दे पर तस्वीर का दूसरा रुख़ भी हमारे सामने है.हिंदुत्व और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता समझी जाने वाली उमा भारती ने पार्टी से सस्पेंड की गई नूपुर शर्मा को लेकर अपनी सहानुभूति जाहिर करते हुए इस पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि "पार्टी ने उनके बयान पर उनके खिलाफ सही एक्शन लिया है, लेकिन इसके बावजूद हम सबको नूपुर के साथ खड़ा होना चाहिए. नूपुर को मिल रही धमकियों के मदद्देनजर मुस्लिम नेताओं को भी उनके पक्ष में सबके साथ खड़ा होना चाहिए."

लेकिन उमा भारती ने एक और बड़ी बात ये भी कही है कि " नूपुर को जो जान से मारने की धमकियां मिल रहीं है वो ग़लत है. ये हमारे समाज देश की परंपरा नहीं है. उन्होंने कहा, “मुस्लिम नेताओं को और हम सबको अब उसके साथ खड़े रहना चाहिए. उसे भेड़ियों के बीच नहीं फेंका जाना चाहिए”. अब आप ही ये सोचिये और तय कीजिये कि दुनिया के सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष संविधान कहलाने वाले इस देश में उमा भारती सच बोल रही हैं या नसीरुद्दीन शाह झूठ बोल रहे हैं?आप भी ये कह सकते हैं कि दोनों का नजरिया उनके लिहाज से बिल्कुल सही है. लेकिन सोचना ये भी होगा कि विविध धर्मों में आस्था रखने वाले इस विशाल देश में अगर किसी एक के मुंह से दूसरे मजहब के खिलाफ जहरीली भाषा वाली बवासीर की बीमारी ऐसे ही सामने आती रही,तो उसका ईलाज आखिर कौन और कैसे करेगा?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

चीन को मिलेगी पटकनी! क्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में मिल गया बड़ा संकेत
चीन को मिलेगी पटकनी! क्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में मिल गया बड़ा संकेत
‘मुख्यमंत्री बनने की मांग की तो...', कुमारी सैलजा के BJP में शामिल होने की खबरों के बीच CM सैनी का बड़ा बयान
‘मुख्यमंत्री बनने की मांग की तो...', कुमारी सैलजा के BJP में शामिल होने की खबरों के बीच CM सैनी का बड़ा बयान
जब अमिताभ बच्चन के पास वॉचमैन तक को देने के लिए नहीं थे पैसे, हंस रहा था पूरा बॉलीवुड, इस सुपरस्टार ने सुनाई बिग बी की कहानी
जब अमिताभ बच्चन के पास वॉचमैन तक को देने के लिए नहीं थे पैसे, हंस रहा था पूरा बॉलीवुड
Root Canal And Heart: क्या दांतों का रूट कैनाल ट्रीटमेंट बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, जानें इस बात में है कितनी सच्चाई?
क्या दांतों का रूट कैनाल ट्रीटमेंट बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, जानें सच्चाई?
ABP Premium

वीडियोज

Delhi CM Atishi Oath: AAP से इस्तीफा देने के बाद BJP नेता ने दिया Atishi को लेकर चौंकाने वाला बयानKejriwal Janata Ki Adalat: 'केजरीवाल को झूठे केस में डाला'- जंतर मंतर से BJP पर जमकर बरसे सिसोदियाAmerica Breaking: अलबामा में गोलीबारी, 4 की मौत और दर्जनों लोग घायल | ABP News |Kejriwal Janata Ki Adalat: जंतर-मंतर पर केजरीवाल की ‘जनता की अदालत’ में पहुंचीं Atishi | Breaking

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
चीन को मिलेगी पटकनी! क्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में मिल गया बड़ा संकेत
चीन को मिलेगी पटकनी! क्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में मिल गया बड़ा संकेत
‘मुख्यमंत्री बनने की मांग की तो...', कुमारी सैलजा के BJP में शामिल होने की खबरों के बीच CM सैनी का बड़ा बयान
‘मुख्यमंत्री बनने की मांग की तो...', कुमारी सैलजा के BJP में शामिल होने की खबरों के बीच CM सैनी का बड़ा बयान
जब अमिताभ बच्चन के पास वॉचमैन तक को देने के लिए नहीं थे पैसे, हंस रहा था पूरा बॉलीवुड, इस सुपरस्टार ने सुनाई बिग बी की कहानी
जब अमिताभ बच्चन के पास वॉचमैन तक को देने के लिए नहीं थे पैसे, हंस रहा था पूरा बॉलीवुड
Root Canal And Heart: क्या दांतों का रूट कैनाल ट्रीटमेंट बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, जानें इस बात में है कितनी सच्चाई?
क्या दांतों का रूट कैनाल ट्रीटमेंट बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, जानें सच्चाई?
IN Pics: बॉलीवुड एक्ट्रेस संग घर बसाना चाहते थे ये क्रिकेटर, लेकिन पूरी नहीं हो सकी मोहब्बत की 'कहानी'
बॉलीवुड एक्ट्रेस संग घर बसाना चाहते थे ये क्रिकेटर, लेकिन पूरी नहीं हो सकी मोहब्बत की 'कहानी'
Ravi Ashwin: चेन्नई में रविचंद्रन अश्विन का बड़ा कारनामा, टेस्ट में 5 विकेट लेने वाले सबसे उम्रदराज गेंदबाज बने
चेन्नई में रविचंद्रन अश्विन का बड़ा कारनामा, टेस्ट में 5 विकेट लेने वाले सबसे उम्रदराज गेंदबाज बने
Pitru Paksha 2024: कुंवारा पंचमी श्राद्ध क्या है ? पितृ पक्ष में कब है ये, जानें डेट और महत्व
कुंवारा पंचमी श्राद्ध क्या है ? पितृ पक्ष में कब है ये, जानें डेट और महत्व
अयोध्या के सपा सांसद के बेटे अजीत प्रसाद पर अपहरण कर पिटाई का आरोप, पीड़ित ने तहरीर दी
अयोध्या के सपा सांसद के बेटे पर अपहरण कर पिटाई का आरोप
Embed widget