एक्सप्लोरर

पंजाब: चुनौतियों के कांटों भरे ताज को पहन सीएम बने हैं भगवंत मान?

राजधानी दिल्ली से बाहर निकलकर पंजाब में आम आदमी पार्टी ने जीत का इतिहास रच दिया. आज भगवंत मान ने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में मुख्यमंत्री की शपथ लेकर उनकी याद भी दोबारा जिंदा कर दी, लेकिन बड़ा सवाल है कि पंजाब के तीन करोड़ लोगों की उम्मीदें पूरी करना क्या इतना आसान होगा? भगवंत मान सरकार को विरासत में ही चुनौतियों का एक बड़ा पहाड़ मिल रहा है, जिसमें सबसे अहम है, सरकारी खजाने का खाली होना. प्रदेश का तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज़ में डूबा होना. इसके अलावा हर सरकारी महकमे में ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार की बहती हुई गंगा को रोकना एक अलग तरह की चुनौती है.

ऐसी हालत में नई सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता तो यह होगी कि वह इस आर्थिक बदहाली से पार पाने के लिए किन जरियों से फंड जुटाएगी. उसके बाद ही वो अपनी पार्टी के चुनावी वादों को पूरा करने की तरफ ध्यान दे पाएगी. सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे देश के लिए इससे भी ज्यादा नाजुक मसला ये है कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और वहां अलगाववाद को फिर से अपनी जड़ें जमाने से रोकना, मान सरकार के लिए एक बड़ी और कठिन चुनौती होगी. इसलिये कहना गलत नहीं होगा कि आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब की ये जीत फूलों की सेज से ज्यादा कांटों भरे ताज की तरह है, इसलिये सरकार को भी इसका खास ख्याल रखते हुए ही आगे बढ़ना होगा.

पंजाब की सियासी नब्ज़ समझने वाले विश्लेषक कहते हैं कि पंजाब के सामने इस वक़्त क़रीब 2.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है. आम आदमी पार्टी ने 300 यूनिट मुफ़्त बिजली, पानी और 18 साल की महिलाओं को एक हज़ार रुपये देने जैसे वायदे किए हैं. आखिर इसके लिए पैसा कहां से आयेगा. हालांकि चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने लोगों की शंका दूर करने के लिए यही कहा था कि वे भ्रष्टाचार मिटाकर और रेत माफ़िया को काबू में करके ज़रूरी फ़ंड जुटाएंगे. सवाल ये भी है कि क्या ये काम इतना आसान है? हालांकि केजरीवाल ने मान के शपथ ग्रहण समारोह में आज फिर यही बात दोहराई है कि अगर सरकार का कोई मंत्री, संसदीय सचिव या पार्टी का कोई विधायक भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जायेगा.

सरकारी खजाने को भरने और पार्टी के चुनावी वादों को पूरा करने के साथ ही भगवंत मान के लिए खुद को एक कुशल प्रशासक के रुप में साबित करना भी चुनौती होगी. इसलिये कि उन्हें सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं है और वे महज दो बार करीब पौने आठ साल तक लोकसभा सांसद रहे हैं. हालांकि तब यही दलील दी जाती है कि ऐसा तो केजरीवाल पर भी लागू होता है, जब वे पहली बार दिल्ली के सीएम बने थे, लेकिन उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया. ऐसी दलील देने वाले भूल जाते हैं कि राजनीति में कूदने से पहले वे कई साल तक केंद्रीय सेवा में रहे हैं, जहां उन्होंने प्रशासन चलाने के तौर तरीकों को समझने के अलावा उसकी खूबियों-खामियों को भी पकड़ा है.

मान के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं है, इसलिये  सियासी गलियारों में अभी से ये सवाल उठने लगा है कि क्या केजरीवाल रिमोट कंट्रोल के जरिये पंजाब की सरकार चलाएंगे? दरअसल ये सवाल भी पंजाब में आप के ही नेता उठा रहे हैं, जिनका मानना है कि केजरीवाल, भगवंत मान को स्वतंत्र रुप से कोई फैसला नहीं लेने देंगे. हालांकि ये कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन इतना तो तय है कि मान सरकार को हर बड़ा फैसला लेने से पहले केजरीवाल की सलाह की दरकार रहेगी. केजरीवाल और भगवंत मान की जोड़ी ने अपने पूरे चुनाव-अभियान के वक़्त पंजाब में स्वच्छ, पारदर्शी और ईमानदार प्रशासन देने का दावा किया है. उन्होंने पंजाब के लोगों को ख़राब आर्थिक स्थिति, क़र्ज़ और लालफ़ीताशाही से छुटकारा दिलाने की बात भी दोहराई है, लिहाज़ा ये उनके लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाली है.

इसकी बड़ी वजह भी है. साल 2019 में एक स्वतंत्र सर्वे हुआ था, ये पता लगाने के लिए भ्रष्टाचार के मामले में देश के कौन-से राज्य टॉप टेन पर हैं. उस सर्वे में  पंजाब छठे नंबर पर था. उस सर्वे के मुताबिक राज्य के 63 फ़ीसदी लोगों का कहना था कि उन्होंने अपना काम कराने के लिए रिश्वत दी है. इसी दौरान पूर्व नौकरशाह और लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकैडमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन के तत्कालीन निदेशक नरेश चंद्र सक्सेना ने दावा किया था कि पंजाब और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लोकसेवक देश के सबसे भ्रष्ट लोकसेवक हैं.

यही कारण है कि पंजाब के राजनीतिक विश्लेषक जगतार सिंह कहते हैं कि "पंजाब में भ्रष्ट लोकसेवकों और नेताओं की साठगांठ की बातें बड़ा मुद्दा रही हैं. इस कारण लोगों में पिछले कई सालों से जो गुस्सा था, वो उन्होंने आप को इतनी बड़ी जीत दिलाकर निकाला है. लिहाज़ा, भ्रष्टाचार पर रोक लगाना और इनसे काम करवाना भी भगवंत मान के लिए बड़ी चुनौती बनने वाली है."

रेत और शराब माफिया से निपटने के अलावा पंजाब में ड्रग्स की समस्या इतने खतरनाक स्तर तक जा पहुंची है, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. एक अनुमान के मुताबिक राज्य का हर दूसरा नौजवान ड्रग्स की लत का शिकार है, जिसके चलते पंजाब की जवानी का एक बड़ा हिस्सा तबाह हो चुका है. इसी समस्या को लेकर ही एक फ़िल्म बनी थी-"उड़ता पंजाब. पाकिस्तानी सीमा से भी वहां बड़ी मात्रा में ड्रग्स तस्करी के जरिये लाई जाती है. ड्रग्स माफिया के लिए पंजाब एक तरह का 'हब' जहां से देश के बाकी हिस्सों में इसकी सप्लाई होती है. इसलिये उस माफिया पर शिकंजा कसना और पंजाब को ड्रग मुक्त बनाना भी उनके लिए एक बड़ी चुनौती है.

इन सबके अलावा देश की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न होने देने और राष्ट्र की एकता-अखंडता को बरकरार रखने की चुनौती उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाली है, क्योंकि यही उनके सियासी सफर की आगे की दिशा भी तय करेगी. पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद 10 मार्च की शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में जब अलगाववाद का जिक्र किया था तो उसके बेहद गहरे मायने थे. उन्होंने कहा था कि "अलगाववाद से लड़ने के लिए बीजेपी कुछ भी करने को तैयार है." उम्मीद करनी चाहिए कि पंजाब में बनने वाली नई सरकार ने पीएम मोदी के इस इशारे के अर्थ को समझने की गलती नहीं की होगी.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अल्लाह के वास्ते घर चले जाओ', संभल हिंसा के बीच मौलवी मस्जिद से करता रहा अपील, देखें वीडियो
'अल्लाह के वास्ते घर चले जाओ', संभल हिंसा के बीच मौलवी मस्जिद से करता रहा अपील, देखें वीडियो
Sambhal Violence Live: गिरफ्तार करने के बाद जामा मस्जिद के सदर को पुलिस ने छोड़ा, 25 आरोपी भेजे गए जेल
Live: गिरफ्तार करने के बाद जामा मस्जिद के सदर को पुलिस ने छोड़ा, 25 आरोपी भेजे गए जेल
IPL 2025 Mega Auction: राजस्थान रॉयल्स ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, वैभव सूर्यवंशी पर लगाया बड़ा दांव
राजस्थान ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, कम उम्र में जड़ चुका है शतक
आने वाली हैं ये 6 लाइव एक्शन फिल्में, फटाफट नोट कर लें तारीख
आने वाली हैं ये 6 लाइव एक्शन फिल्में, फटाफट नोट कर लें तारीख
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Masjid Clash: सर्वे की जल्दबाजी से संभल में हिंसा? Chitra Tripathi के साथ सबसे बड़ी बहसGehna Zevar Ya Zanjeer: 😱 Gehna trapped in Alia and Shakti Singh's web, will Ayushman believe?Jammu Protest: वैष्णो देवी रोप-वे प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों ने किया जमकर हंगामाSambhal Masjid Clash: संभल में कहां से आए इतने पत्थर? SP नेता Manoj Kaka का सन्न करने वाला जवाब

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अल्लाह के वास्ते घर चले जाओ', संभल हिंसा के बीच मौलवी मस्जिद से करता रहा अपील, देखें वीडियो
'अल्लाह के वास्ते घर चले जाओ', संभल हिंसा के बीच मौलवी मस्जिद से करता रहा अपील, देखें वीडियो
Sambhal Violence Live: गिरफ्तार करने के बाद जामा मस्जिद के सदर को पुलिस ने छोड़ा, 25 आरोपी भेजे गए जेल
Live: गिरफ्तार करने के बाद जामा मस्जिद के सदर को पुलिस ने छोड़ा, 25 आरोपी भेजे गए जेल
IPL 2025 Mega Auction: राजस्थान रॉयल्स ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, वैभव सूर्यवंशी पर लगाया बड़ा दांव
राजस्थान ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, कम उम्र में जड़ चुका है शतक
आने वाली हैं ये 6 लाइव एक्शन फिल्में, फटाफट नोट कर लें तारीख
आने वाली हैं ये 6 लाइव एक्शन फिल्में, फटाफट नोट कर लें तारीख
दंगे या हिंसा होने पर क्या पुलिस किसी को बिना वारंट भी घर से उठा सकती है? जान लें क्या है नियम
दंगे या हिंसा होने पर क्या पुलिस किसी को बिना वारंट भी घर से उठा सकती है? जान लें क्या है नियम
Pakistan New Missile: पाकिस्तान ने लॉन्च की SMASH क‍िलर मिसाइल, भारत के लिए कितना बड़ा खतरा? जानें
पाकिस्तान ने लॉन्च की SMASH क‍िलर मिसाइल, भारत के लिए कितना बड़ा खतरा? जानें
8GB RAM और 108MP कैमरा के साथ लॉन्च हुआ HMD Fusion स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और कीमत
8GB RAM और 108MP कैमरा के साथ लॉन्च हुआ HMD Fusion स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और कीमत
पैनक्रियाटिक कैंसर का सिग्नल देती है ये बीमारी, कहीं आप भी इससे तो नहीं जूझ रहीं
पैनक्रियाटिक कैंसर का सिग्नल देती है ये बीमारी, कहीं आप भी इससे तो नहीं जूझ रहीं
Embed widget