(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पंजाब: नवजोत सिंह सिद्धू की 'प्रेशर पॉलिटिक्स' से बनेगी बात?
नयी दिल्लीः पंजाब की सियासत में महीनों से चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई में आज कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने एक ट्वीट के जरिये ऐसी गुगली फेंकी कि पार्टी हाइकमान भी सकते में आ गया और आनन फानन में बैठक बुलानी पड़ी. इसे सिद्धू की प्रेशर पॉलिटिक्स भी कह सकते हैं कि जो बात गांधी परिवार के सदस्यों से मुलाकात के बाद भी नहीं बन सकी, उसे महज एक ट्वीट की ताकत ने पूरा कर दिखाया.
प्रियंका व राहुल गांधी ने पार्टी के अन्य नेताओं व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ बैठक में पंजाब की आंतरिक कलह का हल लगभग खोज लिया है, ऐसा दावा पार्टी सूत्रों ने किया है. और हो सकता है कि अगले चौबीस घंटे के भीतर इसका ऐलान भी कर दिया जाये, ताकि सिद्धू कांग्रेस का हाथ छोड़कर कहीं आम आदमी पार्टी की झाड़ू ही न थाम लें.
लेकिन इतना तो तय है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ की छुट्टी हो रही है, जो कैप्टन के सबसे नजदीकी माने जाते हैं और चुनाव से पहले कैप्टन उन्हें न हटाने पर अड़े हुए थे. पंजाब के प्रभारी महासचिव हरीश रावत के इस बयान के बाद कह सकते हैं कि सिद्धू ने पहली लड़ाई जीत ली है. अब देखना है कि वे अपनी ताजपोशी किस अंदाज में करवाते हैं क्योंकि वे इसके साथ ही पूरे चुनाव की कमान भी अपने हाथ में रखने के लिए अड़े हुए थे. जबकि कैप्टन नहीं चाहते कि उन्हें कोई भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाए. पार्टी नेतृत्व ने सिद्धू को राजी रखने के लिए उनका कद बढ़ाने का फैसला अगर कर ही लिया है, तो जाहिर है कि यह कैप्टन को नागवार लगेगा. शायद इसीलिये प्रशांत किशोर को इस बैठक में खासतौर पर बुलाया गया,ताकि बीच का रास्ता निकालकर पंजाब के किले को खोने से बचाया जा सके.
दरअसल, सिद्धू ने मंगलवार की सुबह अपने एक ट्वीट में आम आदमी पार्टी की तारीफ़ करके दबाव की वह राजनीति खेलने की हिम्मत दिखाई, जो आमतौर पर कांग्रेस में कम ही देखने को मिलती है.
इस तारीफ़ में गांधी परिवार के लिए गहरा संदेश यह था कि अगर जल्द फैसला नहीं लिया,तो आम आदमी पार्टी में उनके स्वागत का इंतज़ार हो रहा है. वैसे भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब में यह ऐलान कर चुके हैं कि आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार एक सिख ही होगा. लिहाजा, प्रियंका-राहुल गांधी समेत दूसरे नेताओं को यह भांपने में देर नहीं लगी कि सिद्धू पार्टी से विदा होने की तैयारी में है, इसलिये ताबड़तोड़ यह बैठक बुलाकर उन्हें रोकने के तमाम जतन किये गए. प्रियंका ने इसके लिए अपना लखनऊ दौरा तक रद्द कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक तारीफ वाले ट्वीट के बाद प्रियंका गांधी तुरंत हरकत में आईं और उन्होंने सिद्धू से बात करके भरोसा दिया कि अगले 24 घंटों में पूरा मामला सुलझा लिया जाएगा जिसमें उनका पूरा मान रखा जायेगा. बताते हैं कि प्रियंका ने सिद्धू से यह भी आग्रह किया कि 'आप' की तारीफ वाले ट्वीट के बाद जिस तरह से उनके बारे में अटकलें शुरु हुई हैं,उन्हें रोकने का तुरंत कोई उपाय करें. उसके बाद ही सिद्धू ने दूसरा ट्वीट किया,जिसमें उन्होंने खुद को वफादार कांग्रेसी बताया.
सिद्धू ने दबाव की राजनीति करते हुए जिस ट्वीट में आम आदमी पार्टी की तारीफ की, उसमें लिखा था, "हमारे विपक्षी AAP ने हमेशा पंजाब के लिए मेरे विजन और काम को पहचाना है. 2017 से पहले की बात हो- बेअदबी, ड्रग्स, किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार और बिजली संकट का सामना पंजाब के लोगों ने किया और इन मुद्दों को मेरे द्वारा उठाया गया, आज जैसा कि मैंने 'पंजाब मॉडल' पेश किया, यह स्पष्ट है कि वे जानते हैं- वास्तव में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है."
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