क्या पंजाब में आतंकवाद का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ रहा है? ये सवाल इसलिये कि कुछ दिनों पहले पटियाला में खालिस्तानी समर्थकों और शिव सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मोहाली में सोमवार रात रॉकेट चालित ग्रेनेड से हुआ हमला आतंकवाद की नई दस्तक की तरफ इशारा कर रहा है.


चूंकि पंजाब की सीमा पाकिस्तान से लगती है और वह पहले ही ड्रग तस्करी का केंद्र बन चुका है, लिहाजा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने आतंक की साजिशों को अंजाम देने के लिए कश्मीर की बजाय अब पंजाब को अपना नया ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है. हालांकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले ही विपक्षी नेताओं ने ये आशंका जताई थी कि आप की सरकार बनते ही खालिस्तानी समर्थक फिर से अपने पैर पसारने शुरू कर देंगे और पाकिस्तान ऐसी ताकतों की मदद करने से पीछे नहीं हटेगा. 


कहां से आया RPG22 लॉन्चर?
मोहाली में पुलिस की खुफिया इकाई के मुख्यालय परिसर में सोमवार की रात रॉकेट चालित ग्रेनेड से जो हमला हुआ है, वह थोड़ा चौंकाने वाला है. इसलिए कि आतंकी वारदात में ऐसे खतरनाक हथियार का इस्तेमाल पहली बार बताया जा रहा है. खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हमले को अंजाम देने के लिए मुमकिन है कि RPG22 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया है. इस रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर का इस्तेमाल आमतौर पर रूस की सेना ही करती है, क्योंकि इसे रूस ने ही बनाया है. इस लॉन्चर का इस्तेमाल भारतीय सेना भी नहीं करती है, इसलिये आशंका यही है कि ये सीमा पार से ही लाया गया है.


लेकिन सरहद पर सुरक्षा बलों की कड़ी चौकसी के बावजूद ऐसे ग्रेनेड लॉन्चर का मोहाली तक पहुंचना, पूरी सुरक्षा-व्यवस्था पर भी एक बड़ा सवाल है. बताया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान समेत अन्य लड़ाके रूसी मूल के इस RPGL का इस्तेमाल करते रहे हैं. ऐसे में संभव है कि अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते यह ख़तरनाक हथियार भारत में पहुंचाया गया हो. लेकिन ये आतंकी हमला सिर्फ पंजाब के लिए ही नहीं बालाजी पूरे देश के लिए खतरे का एक बड़ा अलार्म है. इसीलिए कांग्रेस व अकाली दल ने केंद्र से कहा है कि इस हमले की जांच का जिम्मा केंद्रीय एजेंसियों को सौंपा जाए, क्योंकि ये पंजाब सरकार के बूते की बात नहीं है. 


हमले को लेकर विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्ष ने इस मामले को लेकर भगवंत मान (Bhagwant Mann) की सरकार को निशाने पर ले लिया है. शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया है कि पंजाब की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है. जबकि कांग्रेस की ओर से हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है. पंजाब के पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने विस्फोट की घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा, "जो भी हो रहा है वो गहरी सांप्रदायिकता का संकेत है. मोहाली में बम विस्फोट इसका ताजा सबूत है. पुलिस से पंजाब की शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह करता हूं.''


शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीट किया, ''पंजाब पुलिस के खुफिया ब्यूरो मुख्यालय, मोहाली में हुए विस्फोट से स्तब्ध हूं. इससे गंभीर सुरक्षा चूक और पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति एक बार फिर उजागर हो गई है. जिम्मेदार लोगों को बेनकाब करने और दंडित करने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है.'' वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विस्फोट पर हैरानी व्यक्त की और मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया. सिंह ने ट्वीट किया, ''मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया इकाई मुख्यालय परिसर में विस्फोट के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई. हमारे पुलिस बल पर यह हमला बेहद चिंताजनक है और मैं मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह करता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए.'' सवाल ये भी है कि ये हमला सिर्फ सरहद पार की साजिश है या फिर पंजाब का माहौल बिगाड़ने के लिए
प्रदेश की कुछ स्थानीय ताकतें भी इसमें शामिल हैं?


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)