पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त करके राजनीति में शुचिता की मिसाल तो पेश की ही है,साथ ही ये संदेश भी दिया है कि भ्रष्टाचार को लेकर वे जीरो टॉलरेन्स की नीति पर आगे बढ़ रहे हैं.मंत्री पद से हटाए जाने के चंद घंटे के भीतर ही सिंगला को गिरफ्तार कर लिया गया जो अगले तीन दिन तक पुलिस रिमांड पर रहेंगे. मान के इस फैसले की तारीफ़ इसलिये भी की जानी चाहिये कि आमतौर पर कोई भी मुख्यमंत्री ऐसे मामले को दबा देता है क्योंकि इससे उस सरकार की बदनामी होती है.लेकिन यहां तो सीएम ने खुद ही अपने मंत्री का पहले स्टिंग ऑपरेशन करवाया और सच सामने आने पर न सिर्फ मंत्रिमंडल से हटाया बल्कि पुलिस में केस भी दर्ज करवाया.


लिहाजा, सीएम का ये फैसला साहसिक होने के साथ ही उस नौकरशाही के लिए भी एक सख्त संदेश है,जो बगैर रिश्वत लिए कोई काम करके राजी नहीं होती. कहावत है कि एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है.लेकिन मान ने एक भ्रष्ट मंत्री को हटाकर पंजाब की पूरी नौकरशाही को ये संदेश दिया है कि रिश्वत लेने का आरोप साबित होने पर उनका भी यही हश्र होगा. जाहिर है कि इस सख्त कदम से ऊपर बैठे अफसरों  से लेकर निचले स्तर तक के कर्मचारियों में डर का माहौल पैदा होगा और वे ईमानदारी से अपना काम करने पर मजबूर होंगे.


वैसे तो हर राज्य में रिश्वत दिए बगैर न कोई ठेका मिलता है और न ही कोई सही काम भी होता है लेकिन पंजाब में इसका बोलबाला कुछ ज्यादा ही है.यही वजह थी कि चुनाव प्रचार के दौरान आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की जनता से वादा किया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जाएगा.उसी वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री मान ने पिछले दिनों एक व्हाट्सएप नंबर जारी करते हुए लोगों से अपील की थी कि वे भ्रष्टाचार से जुड़ी कोई भी शिकायत सीधे उन्हें भेजें,जिस पर कार्रवाई जरुर होगी.


बताया गया है कि स्वास्थय मंत्री विजय सिंगला ने किसी काम का ठेका रिलीज करने के लिए  एक परसेंट कमीशन मांगा था.संबंधित अफसर ने इसकी शिकायत सीएम भगवंत मान से की.14 मई को सीएम मान के पास इसके बारे में जानकारी पहुंची थी. इसके बाद मान ने अफसर को भरोसे में लिया और कमीशन मांगने की रिकॉर्डिंग करवाई गई. मंत्री और उनके करीबियों के कमीशन मांगने की बातचीत की रिकॉर्डिंग होने के बाद मंत्री को बुलाकर मान ने उनके सामने वे सबूत रख दिए. मंत्री सिंगला के पास अपनी गलती कबूल करने के सिवा और कोई चारा ही नहीं बचा था.


उसके बाद सीएम भगवंत मान ने एक वीडियो शेयर करके कहा- हम एक पैसे के भ्रष्टाचार को भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से निकली है. मुझे अपने मंत्रिमंडल के एक मंत्री के खिलाफ मामले के बारे में पता चला जो अधिकारियों से निविदाओं में 1 प्रतिशत कमीशन ले रहा है. मैं उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर रहा हूं और मामले में पुलिस जांच के आदेश दिए गए हैं.


भगवंत मान ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ये सख्त फैसला लिया गया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार से मुक्त रहे. इधर,दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान के इस फैसले की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि इस एक्शन से उनकी आंखों में आंसू आ गए. केजरीवाल ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि अगर मान साहब चाहते तो सेटिंग करके मामले को दबा सकते थे. आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के लिए कोई जगह नहीं है. वहीं आप सांसद राघव चड्ढा ने इस फैसले की सराहना करते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अपने ही नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ईमानदारी और साहस के साथ है. विजय सिंगला पेशे से डेंटल सर्जन हैं.पहली बार चुने गये सिंगला आम आदमी पार्टी के ऐसे विधायक हैं,जो सबसे ज्यादा वोटों से मानसा विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे.


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)