चुनावी तैयारियां और कोरोना से रोकथाम पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी एक्शन पर हैं तो बीजेपी ने भी इस दफा पार्टी के स्तर पर भी इस स्थिति से निपटने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. राज की बात बीजेपी की इन्हीं तैयारियों पर जिसकी कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से लेकर स्टार कैंपेनर तक के लिये एसओपी यानी स्टैंडर्ड आपरेशन प्रासिजर तय कर दिया है कि क्या करना है और क्या नहीं. कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पार्टी के स्टार कैंपेनर के लिए भी कुछ नियम तय किए गए हैं, जिनका सख्ती से पालन करना होगा.
राज की बात ये है कि बीजेपी ने सभी चुनावी राज्यों खासतौर से यूपी को लेकर अपने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं को गृह मंत्री की तरफ से ये संदेश दिया गया गया है कि जो भी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार या रैलियों की व्यवस्था में लगे हैं, उन्हें कुछ खास बातें ध्यान रखनी होंगी. मसलन कोई भी बिना मास्क के न रहे और सैनिटाइजर साथ लेकर चलें. पार्टी कार्यकर्ताओं को समझाया जा रहा है कि यदि कोरोना से हालात बिगड़ते हैं तो कोई भी जिम्मेदार हो, लेकिन निशाना सीधे केंद्र सरकार पर ही साधा जाएगा. इस बात को समझते हुए बीजेपी कार्यकर्ता चुनाव जीतने में योगदान देने के साथ-साथ कोरोना से लड़ाई में भी मुस्तैद रहें.
कार्यकर्ताओं से बिना मास्क के न रहने को तो कहा ही गया है, साथ ही उन्हें छोटे-छोटे दलों में रहने की नसीहत दी गई है. ज्यादा लोग इकट्ठा न हों और छोटे-छोटे दलों में कैंपेन व बैठकें करें. राज की बात ये भी है कि इस नसीहत के दौरान इस बात के भी संकेत हैं कि यूपी में चुनाव सात से आठ चरणों का हो सकता है. क्योंकि पार्टी के स्टार कैंपेनर से खुद को स्वस्थ रखने और कोरोना से बचाव के टिप्स देते हुए यह बात सामने आई.
उनसे कहा गया कि सात-आठ चरणों में यूपी का चुनाव होगा, ऐसे में यदि ज्यादा नेता बीमार पड़े तो चुनावी तैयारियों पर भी फर्क पड़ेगा, इसलिए खुद को सुरक्षित रख लोगों को भी सुरक्षित रखें. राज की बात ये भी कि इन सभी नेताओं को खान-पान से लेकर जीवनचर्या की एडवाइजरी तक दी गई है. स्टार कैंपेनर को संतुलित आहार लेकर योगा करने और खुद को बचाने के उपाय बताए गए हैं.
राज की बात ये है कि जितने भी स्टार कैंपेनर हैं, उनका हर दूसरे दिन आरटीपीसीआर यानी कोरोना की जांच होगी. इतना ही नहीं, उनके साथ रहने वाले सिक्योरिटी या करीबी नेता व कर्मचारियों के लिए भी यह नियम लागू होगा. उद्देश्य ये है कि कोई भी नेता या कर्मचारी कोरोना फैलाने का किरदार न बने. इससे महामारी तो रुकेगी ही और सियासत भी जिम्मेदारी से करने की एक नजीर पेश करते हुए पार्टी दिखे, यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश है.
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