एक्सप्लोरर

राहुल गांधी का अमेरिका में पीएम मोदी पर दिए बयान को तूल देने की नहीं थी जरूरत, बेवजह बीजेपी को लग रही मिर्ची

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर हैं. वहां पर भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज किया. जिसके बाद इस पर भारी विवाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं. भगवान से भी ज्यादा जानते हैं. अगर उन्हें भगवान के साथ बिठा दिया जाए तो वे भगवान को भी ये समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है.

दरअसल, पहले हमें ये सोचना चाहिए कि सत्ता के दो पहलू हैं- पक्ष और विपक्ष. विपक्ष का ये काम ही है कि देश के चाहे प्रधानमंत्री मोदी हो या कोई और, उनके बारे में वो अपना विचार पेश करे और जो आलोचना करना चाहे वो करे. पहली बात ये है कि इसको ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहिए क्योंकि जब बीजेपी के नेता बाहर जाते हैं तो वे भी करते हैं और राहुल गांधी भी कर रहे हैं. इसलिए लोकतंत्र का एक मापदंड यही है कि किसी भी सूरत में शालीनता भंग नहीं होना चाहिए.

राहुल के बयान को बेवजह तूल 

जो लोग भी राजनीति करते हैं वे शिष्टता के साथ अपना विचार रखे. उसको लेकर प्रतिवाद तो कर ही सकते हैं लेकिन उसको ज्यादा तवज्जो की जरूरत नहीं है. राहुल के बयान को लेकर बीजेपी जो कुछ कर रही है उसकी कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि सारे राजनीतिक दलों का काम ही यही है प्रतिवाद करना. जो वो सोचते हैं उसको प्वाइंट आउट करना.

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी राहुल गांधी ने जो कुछ भी कहा है उसको लेकर बीजेपी को ज्यादा चिंतित होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि ये लोकतंत्र में होता ही रहता है. दूसरी बात ये कि राहुल गांधी अमेरिका में भारत को लेकर जो कुछ भी बोल रहे हैं, वो भी भारतीय मूल के लोगों के साथ ही बोल रहे हैं. वे सभी एनआरआई हैं और उनके नाते-रिश्तेदार भी जरूर इंडिया में होंगे. इसलिए मैं ये कहूंगा कि राहुल के बयान पर बीजेपी का ये ओवर रिएक्शन है.

बीजेपी ने क्यों बनाया मुद्दा?

दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी परेशान है. कांग्रेस ने वहां पर शानदार प्रदर्शन किया. इसके अलावा, 2014 और 2019 के चुनाव में विपक्षी एकता नहीं दिखी थी, लेकिन 2024 में विपक्षी एकजुटता दिखाई देने लगी है. इसलिए लोकतंत्र के लिए एक अच्छी चीज ये है कि विपक्ष अपना एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम करके लड़ सके. मुझे लगता है कि लोकतंत्र का मतलब ये होना चाहिए कि विपक्ष जो मुद्दे उठाता है उसका आप जवाब दीजिए.

ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी सिर्फ विदेशों में जाकर ही देश के मुद्दों को उठाते हैं. वे देश के अंदर भी रहकर इस तरह के मुद्दों पर बोलते रहे हैं. उसका भी क्या ठीक तरह से जवाब आया? हमारे लोकतंत्र का एक मापदंड तो होना ही चाहिए. चीजें एकतरफा होती जा रही है. एक तो ये होता है कि विपक्ष अपनी बातें लोगों के सामने रखे. एक तो ये होता है कि प्रसिडेंशियल डिबेट हो, जैसा- विदेशों में होता है. दूसरा ये होता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस हो. लेकिन लगता है कि हम इन चीजों से हटते जा रहे हैं, जिसे लाना पड़ेगा.

हमारे देश की जो स्थिति है, मुद्रास्फीति है, उसको लेकर अगर कोई भी सवाल उठाए तो मुझे लगता है कि सरकार को इस पर उसका जवाब देना चाहिए.

विदेश में बोलने पर ज्यादा असर?

ऐसा नहीं है कि कोई राजनेता अगर विदेश में कोई बयान देता है तो उसका ज्यादा असर होता है. विदेश में जो लोग है, उनका हिन्दुस्तान में लिंक इमोशनल होता है. हिन्दुस्तान अगर तरक्की करेगा तो जो बाहर लोग हैं उन्हें भी अच्छा लगेगा और देश को भी गर्व होगा. इस स्थिति में हमें ये सोचना चाहिए कि पहले जहां थे उससे चीजें कितनी आगे बढ़ीं हैं. साथ ही, हमने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कितना विकास किया है. इन सबके ऊपर तर्क-वितर्क होना चाहिए. मेरे विचार में मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. कौन क्या किया या नहीं किया ये सब किनारा करके जो कुछ मुद्दे उठे हैं, उसके बारे में विचार करे तो ज्यादा अच्छा होगा. 

[ये आर्टिकल निची विचारों पर आधारित है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Sun Feb 16, 8:16 pm
नई दिल्ली
15°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 87%   हवा: NNW 2.3 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, कहा- 'धार्मिक सौहार्द को...'
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, जानें क्या कहा?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
ABP Premium

वीडियोज

New Delhi Railway Station Stampede: नहीं थे इंतजाम...फिर क्यों किए दावे तमाम? | Breaking NewsNew Delhi Railway Station Stampede: 3 ट्रेन.. 1 प्लेटफॉर्म.. तय था मौत का तूफान! | Breaking NewsDelhi Railway Station Stampede: प्रयागराज से दिल्ली..बदला कुछ नहीं! नई दिल्ली भगदड़ के 'वो' विलेन!Sandeep Chaudhary: कोई नहीं कसूरवार.. जनता अपनी जान की खुद कसूरवार ! Delhi Railway Station Stampede

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
WPL 2025: गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
गुजरात ने यूपी वॉरियर्स को बुरी तरह रौंदा, 6 विकेट से दर्ज की बंपर जीत
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, कहा- 'धार्मिक सौहार्द को...'
रामदास अठावले ने किया महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का विरोध, जानें क्या कहा?
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
स्टेशन मास्टर और अधिकारी क्या कर रहे थे? नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर भड़के महंत राजू दास
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनी इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर छापे खूब नोट, अब ओटीटी पर यहां हो रहीं स्ट्रीम
'छावा' से पहले राजा-महाराजाओं पर बनीं ये हिट फिल्में, OTT पर देखें
SME IPO News: शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
शेयर मार्केट के लिए खास है आने वाला सप्ताह, खुलने जा रह हैं 2 बड़े SME IPO
हैवी ड्राइवर! लैपटॉप चलाते हुए कार ड्राइव कर रही महिला का हुआ मोटा चालान, वायरल हो रहा वीडियो
हैवी ड्राइवर! लैपटॉप चलाते हुए कार ड्राइव कर रही महिला का हुआ मोटा चालान, वायरल हो रहा वीडियो
IPL 2025 DC Schedule: 25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
25 मार्च को गुजरात टाइटंस से दिल्ली कैपिटल्स का पहला मैच, जानें DC का फुल शेड्यूल
Myths Vs Facts: क्या पीरियड्स में गड़बड़ी गंभीर बीमारी के हैं लक्षण?  जानें क्या है पूरा सच
क्या पीरियड्स में गड़बड़ी गंभीर बीमारी के हैं लक्षण? जानें क्या है पूरा सच
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.