एक्सप्लोरर

राहुल गांधी की सदस्यता छीनना क्या विपक्ष को कुचलने की शुरुआत है?

Rahul Gandhi News: राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द करना क्या विपक्ष पर सीधा और सबसे बड़ा हमला है? ये सवाल इसलिए कि विपक्ष के जिन नेताओं ने अब तक कांग्रेस से दूरी बना रखी थी, वे सब इस मसले पर अब राहुल के समर्थन में सरकार के खिलाफ मैदान में कूद पड़े हैं. 

सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द करने में लोकसभा सचिवालय ने जिस तरह की तेजी दिखाई है, उसने अगले साल होने वाले आम चुनाव को एक तरह से फास्ट फारवर्ड मोड पर ला दिया है. लेकिन यह एक ऐसा मसला भी है, जिसने बिखरे हुए विपक्ष को फिर से एकजुट होने का मौका दे दिया है. लिहाजा, अब राहुल और कांग्रेस की कोशिश होनी चाहिए कि वे एक पल भी गंवाए बगैर इन नेताओं से मुलाकात कर समर्थन के इस मोमेंटम को न सिर्फ कायम रखें बल्कि चुनाव से पहले संयुक्त विपक्ष के साथ मिलकर लड़ने की रणनीति को अंजाम देने के लिए अपने हर-छोटे बड़े अहंकार को भी त्याग दें.

विपक्षी दिग्गजों का समर्थन

ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव और के.चंद्रशेखर राव से लेकर हर विपक्षी नेता ने सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना करते हुए राहुल के प्रति अपना समर्थन व एकजुटता जताई है. लेकिन इन चारों के बयान इसलिए बेहद अहम हैं कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से लेकर अब तक इन्होंने कांग्रेस से दूरी बनाए रखने की ही रणनीति अपनाई हुई थी. इन नेताओं ने जिस मुखरता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शाब्दिक हमला बोला है, वह कांग्रेस के लिए तो किसी संजीवनी से कम नहीं है. 

विपक्ष के एकजुट होने का रास्ता खुला

इसके साथ ही इसने चुनाव से पहले विपक्ष के एकजुट होने का रास्ता भी खोल दिया है. खासकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के लिए जिस तीखी भाषा का इस्तेमाल किया है, वह अभूतपूर्व होने के साथ ही चौंकाने वाला भी है. उन्होंने मोदी को देश के इतिहास का सबसे भ्रष्ट व 12वीं पास प्रधानमंत्री करार दिया है. उल्लेखनीय है कि बीते दिनों कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की निंदा या विरोध करने पर कांग्रेसी नेताओं ने बेहद उदासीन रवैया अपनाया था.

सियासी अर्थ समझे नेता

लेकिन कोर्ट के फैसले के तत्काल बाद सरकार के इस कदम का सियासी अर्थ समझने में केजरीवाल व अखिलेश सरीखे नेताओं ने जरा भी देर नहीं लगाई है कि आज राहुल का नंबर आया है और कल उनका नंबर आने में ज्यादा देर नहीं लगने वाली है. बता दें कि ऊपरी कोर्ट से राहुल को अगर कोई राहत नहीं मिली, तो वे 8 साल तक चुनाव लड़ने के काबिल नहीं रहेंगे, जिनमें दो साल सजा के और छह साल तक अयोग्यता के हैं.

हालांकि गैर कांग्रेसी विपक्षी दल भी कांग्रेस की कमियों और उसकी इस परेशान हालत से वाकिफ हैं लेकिन कानूनी लड़ाई के अलावा जनता की अदालत में जाने के सिवा विपक्ष के पास अब कोई दूसरा चारा भी नहीं है. लेकिन बड़ा सवाल है कि राहुल की सदस्यता चले जाने के बाद ममता, केजरीवाल, अखिलेश, केसीआर और अन्य नेता क्या अब अपनी रणनीति में बदलाव करेंगे? 

आंदोलनों ने सरकार बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

साल 1976-77, 1987-89 और 2011-14 के अनुभव बताते हैं कि राजनीतिक रूप से संचालित होने वाले जन आंदोलनों ने सरकार बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने करीब 150 सिविल सोसाइटी संगठनों के लोगों से सीधा संवाद करके मौजूदा सरकार की नीतियों के खिलाफ माहौल बनाने में अपेक्षित सफलता पाई है. लिहाज़ा, कांग्रेस के लिए यही वक़्त है कि अब वे उन्हें एकजुट करके इसे राजनीतिक अभियान में बदलने पर पूरी ताकत झोंक दे.

संयुक्त विपक्ष की सरकार आई

वैसे भी राजनीति में असाधारण स्थिति आने पर उसका मुकाबला भी उसी असाधारण तरीके से ही किया जाता है और 1977 व 1989 की घटनाएं इसकी सबसे बड़ी मिसाल हैं. इसलिए सवाल उठता है कि संयुक्त विपक्ष या फिर लोकसभा में कांग्रेस के सांसद सामूहिक इस्तीफा देने की हिम्मत जुटा पाएंगे? बोफोर्स घोटाले में नाम आने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पद से इस्तीफा देने की मांग ठुकरा दी थी. उसके विरोध में जुलाई 1989 में 12 विपक्षी दलों के 106 सांसदों ने लोकसभा की सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा देकर जनमानस की सोच बदलने की जो सार्थक कोशिश की थी, उसका नतीजा ये हुआ कि चार महीने बाद हुए चुनाव में कांग्रेस का खात्मा हो गया और नेशनल फ्रंट के बैनर तले संयुक्त विपक्ष की सरकार आ गई, जिसके पीएम वीपी सिंह बने.

मोरारजी देसाई सरकार को उल्टा पड़ गया था मामला 

इसी तरह 1977 में इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने का फैसला मोरारजी देसाई की जनता पार्टी सरकार को उल्टा पड़ गया था और वही इंदिरा के दोबारा सत्ता में आने की एक बड़ी वजह भी बना. 3 अक्टूबर 1977 को सीबीआई के एसपी एन के सिंह की अगुवाई में एक टीम इंदिरा को गिरफ्तार करने 12, विलिंग्डन क्रिसेंट स्थित उनके सरकारी आवास पर पहुंची थी. चूंकि वे सत्ता से बाहर थीं और जानती थीं कि जनता की सहानुभूति भी उनके साथ कोई बहुत ज्यादा नहीं है.

गिरफ्तारी के उस मौके को वे अपने लिए सहानुभुति जुटाने में कामयाब हुईं. पहले तो वे अरेस्ट वॉरंट दिखाने और एफआईआर की कॉपी देने पर अड़ गईं. उसके बाद वे इस जिद पर अड़ गईं थीं कि मुझे हथकड़ी लगाओ, जबकि सीबीआई टीम ऐसा नहीं करना चाहती थी. दरअसल, इंदिरा ने इन सबसे सीबीआई टीम को उलझाए रखा था, ताकि देश-विदेश का सारा मीडिया इस घटना को कवर करने के लिए उनके घर पहुंच जाए. ऐसा होने के बाद ही इंदिरा ने खुद को टीम के हवाले किया था. तकनीकी खामियों के चलते उस मामले में तो वे रिहा हो गईं.

संजय गांधी की जेल में पिटाई

उसके बाद एक अन्य मामले में 1978 में उन्हें गिरफ्तार कर दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था. इसके विरोध में प्रदर्शन होते रहे. 2 मई 1979 को स्टेट्समैन अखबार ने पहले पेज पर संजय गांधी की एक तस्वीर छापी थी. हॉफ बाजू की कमीज पहने संजय के दोनों हाथों पर लाठियों की चोट के गहरे निशान गवाही दे रहे थे कि दिल्ली पुलिस ने कितनी बेरहमी से उनकी पिटाई की थी. उन्हें भी अगले दो हफ़्ते तक जेल भेज दिया गया.

लिहाज़ा, अब इस लड़ाई को सड़कों पर लाने से पहले कांग्रेस नेताओं को इस सवाल का भी जवाब देना चाहिए कि राहुल गांधी क्या वह सब झेलने को तैयार हैं, जो 44 साल पहले उनके चाचा ने झेला था?

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Sun Feb 23, 9:12 am
नई दिल्ली
25.2°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 37%   हवा: WNW 11.3 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
सोनाली बेंद्रे ने पति संग संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का खूबसूरत नजारा, देखें तस्वीरें
सोनाली बेंद्रे ने संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का नजारा
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
ABP Premium

वीडियोज

'मुझे उम्मीद है कि इंडिया जीतेगा…',Champions Trophy पर  Awadhesh Prasad ने किया भारत की जीत का दावा | ABP NEWSIND vs PAK Match :विराट के परफॉर्मेंस से निराश हुआ ये नन्हा फैन,वजह जानकर हो जायेंगे हैरानIND vs PAK: भारत-पाक के मैच में देश की जीत के लिए लोगों ने किया विजय यज्ञ | ABP NEWSIND vs PAK: ICC Champions Trophy के लिए Dubai में भिड़ेंगे भारत-पाकिस्तान, होगा सबसे बड़ा मुकाबला | ABP NEWS

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
PM Modi at Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पहुंचे पीएम मोदी, बालाजी मंदिर के किए दर्शन; कैंसर हॉस्पिटल की रखेंगे आधारशिला
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
‘भक्ति भाव भी मजाक बन गया है’, पत्नी ज्योति सिंह ने फोटो के साथ लगाई डुबकी तो पवन सिंह ने कसा तंज
सोनाली बेंद्रे ने पति संग संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का खूबसूरत नजारा, देखें तस्वीरें
सोनाली बेंद्रे ने संगम में लगाई डुबकी, फिर टेलीस्कोप से देखा कुंभ का नजारा
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
बिहार में कांग्रेस का दिल मांगे मोर, लेकिन RJD की पकड़ नहीं हो रही कमजोर
IND vs PAK Dubai: भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने बदली प्लेइंग 11, टीम का दिग्गज खिलाड़ी हुआ बाहर
भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने बदली प्लेइंग 11, टीम का दिग्गज खिलाड़ी हुआ बाहर
मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव में क्या है अंतर, किसकी कितनी होती है पॉवर?
मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव में क्या है अंतर, किसकी कितनी होती है पॉवर?
NTA ने जारी किया UGC NET 2024 का परीक्षा परिणाम! यहां देखें रिजल्ट और कट-ऑफ
NTA ने जारी किया UGC NET 2024 का परीक्षा परिणाम! यहां देखें रिजल्ट और कट-ऑफ
एक परिवार में कितने लोगों का बन सकता है आयुष्मान कार्ड? जान लें काम की बात
एक परिवार में कितने लोगों का बन सकता है आयुष्मान कार्ड? जान लें काम की बात
Embed widget