(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Raj Ki Baat: अमित शाह ने अगले 10 दिनों के लिए बीजेपी नेताओं को दिया ये टास्क
Raj Ki Baat: पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से माहौल बनाकर पूरे राज्य में विजय रथ दौड़ाने वाली बीजेपी (BJP) का पूरा जोर फिलहाल यूपी के पहले दो चरणों पर है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इन 113 सीटों पर फतेह के लिए बीजेपी ने फिलहाल अपने सारे संसाधन झोंक दिए हैं. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के खतरे के मद्देनजर बड़ी रैलियों और रोड शो पर चुनाव आयोग (Election Commission) की रोक है. इसके बावजूद हर मतदाता (Voter) तक पहुंचने के लिए बीजेपी के साथ संघ के स्वयंसेवकों (RSS) को झोंका गया है. राज की बात (Raaj Ki Baat) ये है कि प्रत्याशी सीधे अपनी जरूरत के लिहाज से दिल्ली (Delhi) के शीर्ष नेताओं से संपर्क साधकर उन्हें अपने क्षेत्र में बुला सकते हैं.
यूपी में बीजेपी 1989 यानी 32 सालों का रिकार्ड तोड़ने की कोशिश में लगी है. तीन दशक से ज्यादा समय हो गया और यूपी में कभी सत्ताधारी दल की वापसी नहीं हुई. मतलब दो बार किसी भी दल की सरकार लगातार नहीं बन सकी है. बीजेपी 300 पार का नारा देकर ये करने में जुटी है. मगर इस दफा चुनौती बड़ी है.
किसान आंदोलन और सामाजिक समीकरणों के मद्देनजर जिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बीजेपी पहले ही चरण से जो बढ़त बनाती थी, उसे पूर्वांचल तक यानी पूरे प्रदेश में जारी रखती थी. इस दफा सात चरणों के चुनाव की शुरुआत में पहले चरण की 58 और दूसरे चरण की 55 सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन बेहद मायन रखता है.
इसी में जाटलैंड यानी जो बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत रही है, उसकी परीक्षा भी होनी है. इसीलिए, पश्चिम 2013 के दंगों औ कैराना के पलायन को मुद्दा बनाकर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व पहले से ही मैदान में उतर गया है. राज की बात ये है कि आने वाले हफ्ते में न सिर्फ ये और सघन बल्कि ज्यादा आक्रामक भी होगा.
राज की बात ये है कि गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी बीजेपी के सभी नेताओं को फिलहाल अगले 10 दिनों तक इन्हीं दो चरणों पर पूरा फोकस करने को कहा है. उन्होंने साफ कह दिया है कि यदि पहले दो चरणों से माहौल बनेगा तो वो आगे तक असर करेगा. इसीलिए प्रत्याशियों से भी कहा गया है कि यदि उन्हें कोई दिक्कत है तो सीधे राष्ट्रीय नेतृत्व को समन्वय डेस्क के माध्यम से संपर्क करे.
मतलब कहीं स्थानीय स्तर से पर्याप्त मदद नहीं मिल रही या फिर प्रभाव नहीं पड़ रहा तो डोर टू डोर कैंपेने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेताओं को बुलाया जाए. यह किसी से छिपा नहीं है कि शाह से लेकर योगी तक सभी डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं. लक्ष्य ये है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर मंडल को कवर करना है और प्रत्येक मतदाता तक पहुंचना जरूरी है.
नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.