Raj Ki Baat: उत्तर प्रदेश में चुनावी शंखनाद हर दल ने कर दिया है. दावों और वादों का दौर चल पड़ा है और सभी के अपने अपने विजन और वादे हैं. इसी फेहरिस्त में कांग्रेस ने भी अपना फोकस स्पष्ट कर दिया है. यूपी के चुनावी महासमर के लिए लड़की हूं, लड़ सकती हूं के नारे के साथ कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि उसका फोकस महिला वोटर्स हैं, जिनके दम पर कांग्रेस पुनर्जीवित भी की जाएगी और यूपी का किंग बने न बने, कम से कम किंगमेकर की भूमिका तक तो आने की कोशिश की जाएगी.
इस मिशन को पूरा करने के लिए कांग्रेस की तरफ से ताबड़तोड़ वादों का दौर जारी है. पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में विधानसभा चुनाव में टिकट देने के लिए 40 फीसदी महिला आरक्षण की बात की और उसके बाद इंटर पास लड़कियों को स्मार्ट फोन और ग्रेजुएशन पास लड़कियों को इलेक्ट्रानिक स्कूटी देने का वादा कर दिया है. आम तौर पर भले ही इसे लोकलुभावन वादों की होड़ वाला वादा माना जा रहा है, लेकिन राज की बात ये है कि इसके पीछे बड़ी कैलकुलेटेड राजनीति और रणनीति छिपी हुई है. आज के दौर में ये बात तो सब जानते हैं कि चुनाव में उतरने के पहले पार्टियां अलग-अलग तरह के सर्वे करवाती हैं और उन्हीं के आधार पर चुनाव लड़ने का प्लान तैयार किया जाता है. राज की बात ये है कि प्रियंका गांधी की तरफ से किए गए ये ऐलान सर्वे के नतीजों के आधार पर किए गए हैं.
राज की बात ये है कि यूपी में महिलाओं पर जो कांग्रेस का फोकस हुआ है उसके पीछे के 2 सर्वे और उसके नतीजे हैं जो कांग्रेस ने करवाए हैं. राज की बात ये है कि कांग्रेस के पहले सर्वे में ये बात सामने आई है कि बीजेपी में हर सीट के लिए 9 से 16 टिकट के दावेदार खड़े होंगे. टिकट एक को ही दिया जा सकता है......कुछ को मना लिया जाएगा, लेकिन कुछ तो बगावत पर ही उतरेंगे. इन संभावित बागियों में कुछ ऐसे भी होंगे जो अपनी बहन, पत्नी या मां को चुनाव लड़ाना चाहते होंगे. बस ऐसे ही दावेदारों को महिला सशक्तिकरणके नाम पर कांग्रेस के पाले में शिफ्ट करने की कोशिश होगी. इससे कांग्रेस को फायदा मिल सकता है, और कांग्रेस को फायदा न भी मिले तो बीजेपा नुकसान तो थोड़ा बहुत हो ही सकता है.
महिलाओं की तरफ पूरा चुनावी कैम्पेन शिफ्ट कर देने के पीछे एक वजह और भी है. राज की बात ये है कि कांग्रेस ने जो दूसरा सर्वे करवाया उसके मुताबिक, मोदी सरकार की कुछ महिला सेंट्रिक योजनाओं की वजह से बीजेपी के महिला वोट में 17 से 24 फीसदी का इजाफा हुआ है. इन फैसलों और योजनाओ में उज्जवला योजना और तीन तलाक प्रमुख हैं, जिसकी वजह से महिलाओं बीजेपी सेकनेक्ट हुईं. अब इन्हीं महिला वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए और बीजेपी की काट तैयार करने के लिए कांग्रेस ने लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर लोकलुभावन वादों में महिलाओं को वरीयता देना शुरु कर दिया है.
तो आने वाले चुनावी समर में कांग्रेस का महिला कार्ड कितना सफल होगा ये तो वक्त बताएगा लेकिन तू डाल डाल मैं पात पात वालीरणनीति पर काम शुरू हो गया है.
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