एबीपी गंगा और नीलसन के अनुमान के आंकड़ों से साफ हो गया है...नरेंद्र मोदी का जादू बरकार है...इसमें कोई संदेह नहीं है...एनडीए की सत्ता में वापसी साफ दिख रही है...सीटें क्या होंगी ये 23 मई को नतीजे बता देंगे...विपक्ष में कांग्रेस समेत अन्य दलों के लिए एग्जिट पोल कोई खास उम्मीद लेकर नहीं आ रहे हैं...कांग्रेस के लिए न राहुल रामबाण बने, न प्रियंका और न ही राफेल...वहीं नई सरकार के गठन की कवायद या सियासी हालात की समीक्षा के लिए राजनीतिक दलों की हरकतें तेज हो गई हैं...लखनऊ में अखिलेश और मायावती की मुलाकात हो रही है...तो एनडीए नेताओं की मुलाकात अमित शाह के घर मंगलवार को। इस बीच यूपी के सियासी घटनाक्रम में बीजेपी की खुली मुखालफत कर रहे ओम प्रकाश राजभर को बर्खास्त कर ठिकाने लगा दिया गया है। कुल मिलाकर घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं, ऐसे में बदलती सियासत को लेकर कई सवाल हैं।
सवाल ये हैं कि अगर अनुमान के आकड़े नतीजों में तब्दील होते हैं तो क्या ये एग्जिट पोल योगी सरकार की फिक्र बढ़ाने वाली है। इसी से जुड़ा एक और सवाल है कि राजभर पर योगी सरकार का एक्शन क्या एग्जिट पोल का असर है और देश की तस्वीर की बात करें तो एक सवाल ये भी बनता है कि राहुल, राफेल और प्रियंका का ब्रह्मास्त्र भी मोदी के आगे बेकार हो गया है।
ये तो तस्वीर का एक पहलू है। सत्ता की जंग का दूसरा पहलू अभी भी 23 मई पर भरोसा रखे है, जब ईवीएम खुलेंगी और असल नतीजे सामने आएंगे। कांग्रेस एग्जिट पोल के नतीजों को मानने को तैयार नहीं है। जिस तरह से तीन विधानसभा चुनावों में उसे जनता का समर्थन मिला और सरकार बनाई उसे लगा कि, मोदी को चुनौती देने के लिए ये नतीजे पर्याप्त है। कांग्रेस रणनीतिकारों ने इसमें प्रियंका का फैक्टर जोड़ कर जीत का मुलम्मा बांध लिया था, जिसे एग्जिट पोल ने तोड़ दिया तो शिकायत सोशल मीडिया के जरिये भी सामने आई है।
वैसे सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए सबसे दिलचस्प इशारा 2019 की महाभारत के सबसे बड़ी रणभूमि ने दिया है। देश में मोदी सरकार फिर लौटती दिख रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में उसे करारा झटका लगता दिख रहा है। ये योगी सरकार के लिए बड़ी फिक्र हो सकती है, हालांकि उनके साथ सत्ता में शामिल होकर भी विपक्ष की भूमिका निभाने वाले किरदार सुहेलदाव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकार राजभर को आखिरकार बाहर का रास्ता दिखा दिय गया है।
यूपी का एग्जिट पोल पर राजभर की नाराज़गी का असर भी दिखा रहा है तो गठबंधन के सटीक जातीय समीकरण भी दिखा रहा है। मायावती और अखिलेश भी इन इशारों के मुताबिक नए हालात की समीक्षा में जुट गए हैं। अब ऐसे में सवाल ये हैं कि क्या एग्जिट पोल के नतीजे योगी सरकार की फिक्र बढ़ाएंगे? क्या राजभर पर योगी सरकार का एक्शन एग्जिट पोल का असर है। और सबसे बड़ा सवाल कि क्या राहुल, राफेल और प्रियंका का ब्रह्मास्त्र भी मोदी के आगे बेकार हो गया?