नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोधी धरने प्रदर्शनों में और मोदी सरकार अपनी जगह पर डटी हुई है, लेकिन नागरिकता कानून के विरोधियों को जवाब देने के लिए, अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमान संभाल ली है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर सीधे-सीधे विपक्ष पर हमला बोल दिया और विपक्ष पर कानून के विरोध के बहाने वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून का विरोध करने वाले, पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर होने वाले अत्याचार और भेदभाव के मामलों पर जानबूझ कर आंखें बंद किये हुए है। प्रधानमंत्री ने नागरिकता कानून के बहाने खुद को दलितों का हितैषी बनने वालों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोगों को पाकिस्तान में दलितों पर होने वाले अत्याचार नहीं दिखाई देते हैं।


नागरिकता कानून का विरोध करने वालों को अबतक गृहमंत्री अमित शाह जवाब देते रहे हैं, लेकिन ये पहला मौका है जब प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर सीधा और स्पष्ट जवाब दिया है... प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिये पाकिस्तान को चेतावनी दी.. कि भारतीय सेना को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सिर्फ चंद दिनों की जरूरत है... लेकिन पाकिस्तान आज भी भारत के खिलाफ बरसों से छद्म युद्ध छेड़े हुए है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर नागरिकता कानून के बहाने वोट बैंक को साधने का आरोप लगाया है.. तो अब इन प्रदर्शनों में शामिल होने वाले लोगों की भीड़ पर भी उंगलियां उठने लगी हैं... क्योंकि अब तक ऐसे कई चेहरे सामने आ चुके हैं... जिन्होने इन प्रदर्शनों के दौरान देश और संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ खुलेआम जहर उगला है... यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने आरोप लगाया है... कि नागरिकता विरोधी प्रदर्शनों में किराये की भीड़ जुटाई जा रही है... इसके पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी राज्य में होने वाले विरोध प्रदर्शनों में बाहरी लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया है।


तो अब सवाल उठता है कि पाकिस्तान के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर कौन है.... क्या वाकई विरोध प्रदर्शनों के बहाने वोट बैंक की सियासत कर रहा है विपक्ष.... और क्या बाहरी और किराये के लोग नागरिकता कानून के खिलाफ कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन ?


प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देश के छद्म युद्ध की तरफ जो इशारा किया है, उसे सिर्फ राजनीति के चश्मे से देखना सही नहीं होगा। सरकार के किसी फैसले पर नाराजगी जाहिर करने का सबको अधिकार है, लेकिन विपक्ष और प्रदर्शनकारियों को इस बात को लेकर सतर्क रहना ज्यादा जरूरी है कि, इन प्रदर्शनों की आड़ में कहीं देशविरोधी तत्व तो घुसपैठ नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आफरीन और शरजील इमाम जैसे कुछ चेहरों की वजह से ही अब नागरिकता विरोधी प्रदर्शनों पर सवालिया निशान लग रहे हैं, ऐसे में उन सवालों के जवाब आने भी बेहद जरूरी हैं।