एक्सप्लोरर

सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास, आखिर क्यों है एतराज

सरकार तालीम से महरूम मुस्लिम समाज को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कोई ठोस योजना ला रही है तो सभी को सरकार के इस कदम का स्वागत करना चाहिये।

2019 में प्रचंड जीत के साथ मोदी ने मुसलमानों को लेकर होने वाली तुष्टीकरण की सियासत पर सीधा हमला करते हुए इसे छल बताया था और अपने सांसदों से साफ कहा था कि जरूरत छल में छेद करने की है। अपनी पहली सरकार में मुस्लिम महिलाओं के हक को आवाज देते हुए ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दे पर उन्हें बड़ी राहत वो दे चुके हैं। अब पीएम मोदी ने बीड़ा उठाया है मदरसों में दीनी तालीम से इतर इसे आधुनिक बनाने का जिसके लिए कई अहम फैसले किए हैं, जिसमें मौलवियों की ट्रेनिंग के साथ ही होनहार छात्रों को स्कॉलरशिप देने जैसा फैसला लिया गया है। इस फैसले के जरिए मुस्लिमों की वो शिकायत दूर करने की कोशिश है जिसमें समाज के दूसरे वर्गों के मुकाबले शिक्षा में पिछड़ने का दावा करते रहे हैं। बावजूद इसके फैसले पर एतराज जताया जा रहा है।

ईद के मौके पर मुस्लिम छात्र-छात्राओं को वजीफे की ईदी देने वाली मोदी सरकार अब मुस्लिम बच्चों को वो तालीम देने जा रही है जिससे अबतक वो महरूम थे। मोदी सरकार की नई योजना के तहत मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों को दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाने लगेगी ताकि मदरसों के बच्चे भी समाज के विकास में योगदान दे सकें।

दरअसल, अपनी दूसरी पारी की शुरुआत से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया था कि उन्हे आजादी के बाद से अबतक मुस्लिम समुदाय के साथ होने वाले छल में छेद कर उसका विश्वास जीतना है ऐसे में मुस्लिम बच्चों के लिए शिक्षा की नई योजना हाशिये पर पड़े मुस्लिम समाज के लिए बड़ी शुरुआत साबित होने जा रही है।

केंद्र सरकार की योजना के तहत अब मदरसों के शिक्षकों को मॉडर्न एजुकेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे छात्र-छात्राओं को धार्मिक शिक्षा के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर की शिक्षा भी मिल सकेगी। सरकार अगले महीने से ही मदरसों के मॉडर्नाइजेशन पर काम शुरु करने की तैयारी में है जिसके लिए केंद्रीय बजट में अलग से प्रावधान होगा और मोदी सरकार के इस ऐलान का मुस्लिम समाज ने भी स्वागत किया है

हालांकि मुस्लिम समाज के ही एक और धड़े को मोदी सरकार की योजना शुरु होने से पहले ही उसमें कमियां नजर आने लगी हैं। मुस्लिम के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद का कहना है कि सरकार को मदरसों में दखलअंदाजी ना करे।

दरअसल, तालीम के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय को सबसे ज्यादा मुस्लिम नेताओं और कट्टरपंथियों ने ही नुकसान पहुंचाया है और लंबे वक्त तक मुस्लिम समाज ने इस बात को नज़रअंदाज किये रखा अगर ऐसा नहीं होता तो कब्रिस्तानों की चहारदीवारी की योजना की बजाय मुसलमानों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था की मांग करते ऐसे में सवाल उठता है कि...

सिर्फ मजहबी तालीम से कैसे मुख्य धारा में जुड़ेगा मुसलमान ?

क्या मोदी के 'न्यू इंडिया' में मुस्लिम समाज के अच्छे दिन आने वाले हैं ?

और मदरसों के आधुनिकीकरण से मुसलमानों को आपत्ति क्यों है ?

शिक्षा के मामले में आज भी मुस्लिम समाज काफी पिछड़ा हुआ है। आज भी मुस्लिम समुदाय के ज्यादातर बच्चे वो शिक्षा हासिल नहीं कर पाते जो बाकी बच्चों को मिल रही है। हर राजनीतिक दल मुसलमानों की रहनुमाई का दावा तो करता है, लेकिन मुस्लिम समाज की बेहतरी के लिए शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधा जैसे मुद्दों पर कभी ध्यान केंद्रित नहीं किया गया। मुस्लिम समुदाय को हमेशा से राजनीतिक दलों ने वोट बैंक की तरह ही इस्तेमाल किया। शिक्षा समाज को जोड़ने का जरिया है, लेकिन सिर्फ मजहबी शिक्षा के नाम पर कुछ मौलवी मुसलमानों को समाज से काट कर रखना चाहते हैं, ऐसे में अगर सरकार तालीम से महरूम मुस्लिम समाज को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कोई ठोस योजना ला रही है तो सभी को सरकार के इस कदम का स्वागत करना चाहिये।

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

संसद में आधी रात G राम G पर बवाल, 'कांग्रेस खाकर मोटी हो गई...', बोले निशिकांत दुबे, जानें अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
संसद में आधी रात G राम G पर बवाल, 'कांग्रेस खाकर मोटी हो गई...', बोले निशिकांत दुबे, जानें अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
'लखनऊ में AQI को लेकर फैल रहा भ्रम, असल हालात इतने खराब नहीं', UP सरकार की अपील- प्राइवेट ऐप पर ध्यान न दें
'लखनऊ में AQI को लेकर फैल रहा भ्रम, असल हालात इतने खराब नहीं', UP सरकार की अपील- प्राइवेट ऐप पर ध्यान न दें
Indian VS Iran Currency:  भारत का 10 हजार इस मुस्लिम देश में आपको बना सकता है अमीर! करेंसी की वैल्यू सुनकर उड़ेंगे होश
भारत का 10 हजार इस मुस्लिम देश में आपको बना सकता है अमीर! करेंसी की वैल्यू सुनकर उड़ेंगे होश
Avatar Fire and Ash: जेम्स कैमरून की ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ भारत में कब होगी रिलीज ? कास्ट से लेकर बजट तक सब कुछ जानें यहां
भारत में कब रिलीज होगी ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ ? कास्ट से लेकर बजट तक सब कुछ जानें यहां
ABP Premium

वीडियोज

UP News:स्कूल के मिड-डे मील में रेंगते मिले कीड़े, हड़कंप मचने के बाद BSA ने बैठाई जांच! | Mau
Janhit with Chitra Tripathi : सोनिया-राहुल को मिली राहत पर राजनीति? | National Herald Case
डांस रानी या ईशानी की नौकरानी ? Saas Bahu Aur Saazish  (17.12.2025)
Sandeep Chaudhary: नीतीश की सेहत पर बहस, CM पद को लेकर बड़ा सवाल | Nitish Kumar Hijab Row
Bharat Ki Baat: असल मुद्दों पर सियासत..'राम-राम जी'! | VB–G RAM G Bill | BJP Vs Congress

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
संसद में आधी रात G राम G पर बवाल, 'कांग्रेस खाकर मोटी हो गई...', बोले निशिकांत दुबे, जानें अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
संसद में आधी रात G राम G पर बवाल, 'कांग्रेस खाकर मोटी हो गई...', बोले निशिकांत दुबे, जानें अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?
'लखनऊ में AQI को लेकर फैल रहा भ्रम, असल हालात इतने खराब नहीं', UP सरकार की अपील- प्राइवेट ऐप पर ध्यान न दें
'लखनऊ में AQI को लेकर फैल रहा भ्रम, असल हालात इतने खराब नहीं', UP सरकार की अपील- प्राइवेट ऐप पर ध्यान न दें
Indian VS Iran Currency:  भारत का 10 हजार इस मुस्लिम देश में आपको बना सकता है अमीर! करेंसी की वैल्यू सुनकर उड़ेंगे होश
भारत का 10 हजार इस मुस्लिम देश में आपको बना सकता है अमीर! करेंसी की वैल्यू सुनकर उड़ेंगे होश
Avatar Fire and Ash: जेम्स कैमरून की ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ भारत में कब होगी रिलीज ? कास्ट से लेकर बजट तक सब कुछ जानें यहां
भारत में कब रिलीज होगी ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ ? कास्ट से लेकर बजट तक सब कुछ जानें यहां
IPL 2026 ऑक्शन में सबसे बड़ा उलटफेर! बेहद 'मामूली रकम' में बिके ये 5 दिग्गज खिलाड़ी
IPL 2026 ऑक्शन में सबसे बड़ा उलटफेर! बेहद 'मामूली रकम' में बिके ये 5 दिग्गज खिलाड़ी
ठंड में क्यों कम लगती है प्यास, क्या इस टाइम शरीर में कम हो जाती है पानी की जरूरत?
ठंड में क्यों कम लगती है प्यास, क्या इस टाइम शरीर में कम हो जाती है पानी की जरूरत?
भारत में किन धर्मों के लोगों को माना जाता है अल्पसंख्यक, क्या-क्या हैं इनके अधिकार?
भारत में किन धर्मों के लोगों को माना जाता है अल्पसंख्यक, क्या-क्या हैं इनके अधिकार?
सरकारी नौकरी का मौका, बिहार तकनीकी सेवा आयोग की बड़ी भर्ती; जानें पूरी डिटेल्स
सरकारी नौकरी का मौका, बिहार तकनीकी सेवा आयोग की बड़ी भर्ती; जानें पूरी डिटेल्स
Embed widget