धर्म किसी भी समाज के लिए हमेशा से एक बेहद संवेदनशील मुद्दा रहा है... दुनिया के 195 देशों में जहां कई देशों की पहचान ही धर्म है... इन तमाम देशों में यूं तो कई देशों ने खुद को धर्मनिरपेक्ष बनाए रखा है, लेकिन उनमें भी भारत की अलग पहचान है क्योंकि सिर्फ भारत के ही संविधान ने देश के हर नागरिक को उसके धर्म के साथ जीने की आजादी दे रखी है... लेकिन संविधान से मिली इस आजादी का बेजा इस्तेमाल अपने धर्म के प्रसार के लिए भी होता रहा है... राजनीति में आज इसी संवेदनशील मुद्दे पर हम बात कर कर रहे हैं जिसका नाम है धर्मांतरण... दरअसल उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने यूपी सरकार को धर्मांतरण पर एक रिपोर्ट सौंपी है.. जिसमें उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को देखते हुए... राज्य सरकार से धर्मांतरण के खिलाफ एक मजबूत कानून लाने की सिफारिश की है... विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा कानून जबरन धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए नाकाफी है... ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी देश के दस राज्यों की तरह धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून जरूरत है।


लेकिन राज्य विधि आयोग की इस सिफारिश के पीछे की वजह को भी जानना जरूरी है... दरअसल विधि आयोग ने अपनी 300 पन्नों की जो रिपोर्ट यूपी सरकार को सौंपी है... उसमें जिक्र किया है कि यूपी के अलग-अलग जिलों में कथित तौर पर जबरन धर्मांतरण किए गए हैं... रिपोर्ट में बहला-फुसलाकर, शादी का झांसा या लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने के मामलों का भी जिक्र है... उत्तर प्रदेश विधि आयोग की इस रिपोर्ट के बाद यूपी में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की सिफारिश पर यूपी सरकार ने कहा है कि रिपोर्ट पर चर्चा के बाद ही कानून बनाने पर फैसला लिया जाएगा... वहीं कांग्रेस का कहना है कि देश में पहले से धर्मांतरण रोकने के लिए कानून है। ऐसे में राजनीति का आज का सवाल है कि यूपी में धर्मांतरण के मामले बढ़ने की वजह वोट बैंक पॉलिटिक्स है?... क्या धर्मांतरण के खिलाफ यूपी में सख्त कानून बनाना जरूरी है? और कानून से धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर लगाम लग पायेगी?


यूपी में धर्मांतरण विरोधी कानून बनता है तो धर्म परिवर्तन की वजह और तौर तरीके को साजिश या जोर-जबरदस्ती साबित करना ही सबसे बड़ी चुनौती होगी। सवाल सिर्फ कानून बन जाने भर का भी नहीं है। कानून का सख्ती और सही नीयत से पालन करना भी जरूरी है, क्योंकि कानून होने या ना होने दोनों ही सूरत में असल कठघरे में वो मजबूर लोग हैं जो समाज में किसी भी वजह से उपेक्षित हैं। हां, पिछले लंबे समय से लव जेहाद के नाम पर यूपी में धर्मांतरण की खबरें जरूर इस कानून से रोकी जा सकती हैं, हालांकि यहां भी साफ नीयत का सवाल बना रहेगा।