एक्सप्लोरर

Ramcharitmanas: रामायण हमारे लिए 'ब्रह्मवाणी', रामचरितमानस करोड़ों की आस्था का 'आधार ग्रंथ', प्रतियां जलानेवालों पर लगे NSA

रामचरितमानस पर राजनेताओं की तरफ से दिए जा रहे विवादित बयान के असल में दो पहलू हैं. एक है धार्मिक पहलू और दूसरा है राजनीतिक पहलू. धार्मिक दृष्टिकोण से अगर देखा जाए तो रामचरितमानस और रामायण हमारी आस्था से जुड़ा हुआ विषय है. रामचरितमानस कोई साधारण पुस्तक नहीं बल्कि वह हमारा धर्म ग्रंथ है. 

रामचरितमानस को पढ़-पढ़कर लोगों की धार्मिक आस्था जागृत होती है. रामचरितमानस एक धर्म, आस्था, दया, करूणा, तपस्या, बलिदान, साधना और मर्यादा का ग्रंथ है, जिस पर करोड़ों लोगों की आस्था है. ये करोड़ों लोगों की आस्था का आधार ग्रंथ है. ये बहुत बारीक बात है. इसे बहुत ध्यान ये समझने की जरूरत है.

ये सामान्य पुस्तक नहीं है कि महर्षि वाल्मिकी ने लिख दी या ये कोई उपन्यास या कहानी नहीं है कि तुलसीदास आए और उनको पद्य में परिभाषित कर दिया.   

नास्तिक ही कर सकता है अपमान

किसी भी धार्मिक ग्रंथ के ऊपर अपमानजनक और अभद्र टिप्पणियां करना, उसे बैन करने की मांग करना, ये वही व्यक्ति कर सकता है जो नास्तिक हो. वो ही व्यक्ति इसका अपमान कर सकता है, जो भगवान राम को मानता न हो. पूरी दुनिया में दो तरह के लोग हैं- एक है आस्तिक और दूसरा नास्तिक. रामायण उन लोगों के लिए है, जो आस्तिक हैं. जो श्रद्धा रखते हैं और मानते हैं कि भगवान हैं. यदि भगवान हैं तो फिर सनातन धर्म के अवतारवाद की अवधारणा के आधार पर राम भगवान के अवतार हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र चित्रण गोस्वामी तुलसीदास ने किया है.

सवाल तुलसीदास से बड़ा कवि होने का नहीं है. मैं इसे साफ कर देना चाहता हूं कि तुलसीदास को या महर्षि वाल्मिकी को कवि मान लेना मूर्खता है. हम कबीर को कवि मानते हैं, हम ये कह सकते हैं कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास. उनके द्वारा दूसरे रचित ग्रंथ जैसे- कवितावली है उनको हम कविताएं मान सकते हैं. साहित्य मान सकते हैं. लेकिन रामचरितमानस कविता नहीं बल्कि वो हमारी आस्था का आधार ग्रंथ है. इसलिए उस पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए.

सारे धर्म का आधार 'आस्था'

क्या कोई परमात्मा से मिला है? नहीं. सारे दुनिया के धर्म आस्था पर टिके हैं. क्या जीसस क्राइस जिंदा हुए थे, उसका कोई सबूत है? कोई कह सकता है कि कुरान लिखी गई? कुरान पैगंबर मोहम्मद ने लिखी? उनको कहा जाता है कि कुरान नाजिल हुई, यानी कुरान अवतरित हुई. अल्लाह ताला ने अपने फरिश्ते भेजे और फरिश्तों से कहा कि पैगंबर से कहो कि तुम मोहम्मद पैगंबर हो और जो मैसेज दे रहे हैं उसे दुनियाभर में फैलाओ. वो मैसेज क्या था वो अलग विषय है. जिन्होंने कुरान पढ़ी उन्हें ये चीजें पता होंगी.

लेकिन लोगों ने ये माना कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब जो कह रहे हैं वो परमात्मा की वाणी है. ये आस्था है. तो क्या कोई कह सकता है कि कुरान लिखी गई. कोई कह सकता है कि कुरान गलत है? क्योंकि कुरान के ऊपर लोगों की आस्था है. ऐसे ही बाइबल है. इसलिए रामचरितमानस सामान्य उपन्यास नहीं है, जिसे साहित्य की दृष्टि से देखा जाए. रामायण हमारे लिए ब्रह्मवाणी है. 

रामचरितमानस पर सवाल उठाने वाले राजनीतिक स्वार्थी

समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य हो या फिर बिहार के शिक्षा मंत्री, वो अपना राजनीतिक स्वार्थ देखते हैं. मैं रामचरितमानस पर विवाद को सिरे से नकारता हूं. राजनेता हर बात को राजनीतिक स्वार्थ की नजर से देखता है जबकि धर्मग्रंथ सत्य बयां करता है.

तुलसीदास किसी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं थे. जब रामायण को महर्षि वाल्मिकी ने लिखी तो न बीजेपी थी, न समाजवादी पार्टी थी और न लोकतंत्र था. जो सत्य हो वो बोलता है. अगर अच्छा लगे तो स्वीकार करो, नहीं अच्छा लगे तो मत स्वीकार करो. किसी ने कहा है कि रामायण पर आस्था लाओ. आप बोलो कि हमारी रामायण में आस्था नहीं है, हम रामायण को नहीं मानते हैं.

सवाल तब उठता है जब आप ये भी नहीं मान रहे हैं. आप ये कह रहे हैं कि तुलसीदास ग़लत है, रामायण ग़लत है क्योंकि आप समाज को जातियों में विभाजित करना चाहते हैं. ये अपने धर्म के नहीं हुए तो फिर पार्टी या राष्ट्र के क्या होंगे. वे लोग सिर्फ अपने स्वार्थ के होते हैं.

अफसोस ये है कि रामचरितमान को जो गाली दे रहे हैं, जो रामचरितमानस की प्रतियां जला रहे हैं, ये वो लोग हैं जो कहते हैं कि वे हिन्दू हैं. ये दुर्भाग्य है. ये अपने राजनीतिक स्वार्थ में इतने अंधे हो गए हैं कि इन्हें रामायण की ये चौपाई नहीं दिखती -

हरि अनंत, हरि कथा अनंता

इन्हें नहीं दिखता-

पर हित सरस, धरम नहीं भाई

इन्हें ये नहीं दिखता कि भगवान राम घायल गिद्धराज जटायु को धोते-धोते कितना रोते हैं. भगवान विष्णु के सातवें अवतार जिन्हें कहा गया, जिन्होंने मर्यादा को जिया, जो सबरी के झूठे बेर खा रहे हैं, लक्ष्मण को बीच में बोलने से रोक देते हैं कि कुछ मत बोले.

ऐसे लोग धर्मद्रोही भी है और राष्ट्रद्रोही भी हैं. मुझे नहीं लगता है कि ऐसे लोगों को कोई वोट देगा. मुझे आकर आश्रम में कहो कि आपको बहुत प्यार करते हैं, लेकिन अश्रम को तोड़ना चाहते हैं, तो क्या मुझे ये अच्छा लगेगा.

किसी कवि या शायर से आप कहिए कि हम आपसे बहुत मोहब्बत करते हैं लेकिन आपकी शायरी और कविता को जलाना चाहते हैं, तो क्या उसे अच्छा लगेगा? इनको अज्ञानी नहीं कहता, ये लोग मूर्ख भी नहीं बल्कि धूर्त हैं. ये लोग ऐसा पाप कर रहे हैं, जिसे क्षमा नहीं किया जा सकता है. 

भारत एक लोकतांत्रिक देश है. जब संविधान की रचना हुई तो उस पर भगवान राम के दरबार के चित्र अंकित किए गए. बाबा साहेब अंबेडकर को अगर भगवान राम या रामायण में किसी तरह की ग़लती दिखती तो रामचरितमानस के राम दरबार का चित्र क्यों उस पर अंकित होता. ये बाबा साहेब अंबेडकर से बड़े नहीं हो सकते. 

'धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती'

देश के संविधान में ये साफ लिखा है कि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती है. हम कब कहते हैं कि आप रामचरितमानस को मानो, आप मत मानो लेकिन आप कैसे राचरितमानस की प्रतियां जलाओगे, उसे फाड़ोगे, उसे बैन की मांग करोगे. क्या राजनीतिक स्वार्थ के लिए भगवान राम के चरित्र पर जो महाग्रंथ लिखा है, उसे जलाएंगे. राम को गाली देनेवाले लोग बाहर कैसे घूम रहे हैं. रामायण जलाने वालों पर एनएसए लगना चाहिए, ताकि उदाहरण बने कि आप अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए किसी की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. 

रामयाण पर तर्क-वितर्क और जो बवाल कर रहे हैं, उस पर मैं सहमत नहीं हूं. लेकिन हमारी भावनाओं को आहत मत करिए. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये आलेख आचार्य प्रमोद कृष्णम से बातचीत कर लिखा गया है.]

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
ABP Premium

वीडियोज

परीक्षा पे चर्चा 2025: Deepika Padukone के साथ Stress-Free Exam Tips! | Health LiveNew Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली स्टेशन भगदड़ में 18 लोगों की मौत का कसूरवार कौन? | ABP NEWSNew Delhi Railway Station Stampede: बीती रात हादसे के बाद अभी कैसे हैं प्लेटफार्म पर हालात? Breaking | ABP NEWSOld School Romance के साथ Gen Z Love Story का ट्विस्ट, परिवार के साथ देखिए Bada Naam Karenge

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
कब महाकुंभ जाएंगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी? अजय राय ने कर दिया बड़ा खुलासा
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
प्रतीक बब्बर ने शादी से अपनी ही फैमिली को क्यों रखा दूर? बहन जूही बोलीं- उसे भड़काया गया है'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
महाकुंभ में ट्रैफिक की समस्या पर CM योगी बोले- 'पार्किंग में ही वाहन खड़े करें श्रद्धालु'
IPL 2025 CSK Schedule: 23 मार्च को चेन्नई सुपर किंग्स का मुंबई इंडियंस से पहला मुकाबला, यहां देखें CSK का फुल शेड्यूल
23 मार्च को चेन्नई सुपर किंग्स का मुंबई इंडियंस से पहला मुकाबला, यहां देखें CSK का फुल शेड्यूल
मंईयां सम्मान योजना में आ गया बड़ा अपडेट, अब एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपये
मंईयां सम्मान योजना में आ गया बड़ा अपडेट, अब एकमुश्त मिलेंगे इतने रुपये
स्मोकिंग नहीं करने वालों में क्यों बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, जानें ऐसा होने की क्या है वजह?
स्मोकिंग नहीं करने वालों में क्यों बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, जानें वजह?
रेलवे स्टेशन पर झगड़ा हो जाए तो कौन देखेगा, जीआरपी या आरपीएफ?
रेलवे स्टेशन पर झगड़ा हो जाए तो कौन देखेगा, जीआरपी या आरपीएफ?
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.