एक्सप्लोरर

Blog: खेलमंत्री का पद तो मिल गया, कुछ अधिकार भी मिलेंगे क्या?

सर्वानंद सोनोवाल नए नए खेलमंत्री बने थे. मीडिया के साथ अपनी शुरूआती मुलाकातों में उन्होंने एक बड़ा दिलचस्प किस्सा बताया था. उन्होंने बताया कि उनके खेलमंत्री बनने के बाद उनके इलाके से किसी जानकार का फोन आया जिसने एक खेल के मैदान को बुक कराने के लिए उनसे दरखास्त की. उस जानकार को उस मैदान में कोई कार्यक्रम कराना था. बतौर खेलमंत्री सोनोवाल ने जब पता किया तो पता चला कि उनके पास उस मैदान को बुक कराने का अधिकार ही नहीं है. वो मैदान शायद किसी पंचायत के अधीन था. सर्वानंद सोनोवाल ने ये किस्सा बताने के बाद सवाल किया कि अब बताइए, मैं क्या कर सकता हूं. उनका इस किस्से को बताने का मकसद काम ना करने की या बात को टालने की इच्छा नहीं थी बल्कि वो शायद अपनी लाचारी बताना चाहते थे. सच्चाई कुछ ऐसी ही है कि खेलमंत्री के पास अधिकार बड़े सीमित हैं. अब अगर ओलंपिक मेडलिस्ट राज्यवर्धन सिंह राठौर को खेलमंत्री बनाया गया है तो उन्हें कुछ अधिकार भी मिल जाएं तो स्थिति में सुधार होगा. रविवार को कैबिनेट विस्तार के बाद जैसे ही राज्यवर्धन सिंह राठौर को खेलमंत्री बनाने की बात आई, हर किसी ने उस फैसला का स्वागत किया. काफी समय से ये बात चल भी रही थी कि जब राज्यवर्धन सिंह राठौर जैसा एक चैंपियन एथलीट मंत्रीमंडल में है तो उसे खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी क्यों नहीं दी जा रही हैं? रविवार को ये काम हो गया. राठौर एथेंस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. आज शूटिंग में भारत की मजबूत स्थिति का श्रेय उन्हें मिलता रहा है. उन्होंने ओलंपिक के अलावा विश्व चैंपियनशिप और दूसरी तमाम प्रतियोगिताओं में मेडल जीता है. जाहिर है उन्हें हर किस्म का अनुभव है. आम तौर पर एक खिलाड़ी के करियर को चार हिस्सों में बांटा जा सकता है. पहला हिस्सा तो वो जब वो खेल की दुनिया में आने का फैसला करता है. बदलते भारत में भी ये फैसला करना बहुत आसान नहीं है क्योंकि अब भी हमारी संस्कृति में खेल को ‘प्रोफेशन’ से जोड़कर देखने वाले और उसे स्वीकार करने वाले कम ही हैं. दूसरी हिस्सा होता है उस खेल में अपने देश की नुमाइंदगी करना. तीसरा चरण ओलंपियन बनना और चौथा चरण ओलंपिक में मेडल जीतना. राज्यवर्धन सिंह राठौर इन चारों चरणों से गुजरे हैं. उन्हें एक एक चरण की बारीकियां पता हैं. उन्हें एक एक चरण की चुनौतियां पता हैं. अब इनसे निपटना ही उनकी उपलब्धि होगी. आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले राज्यवर्धन सिंह राठौर खुद भी खेल संघ की राजनीति के शिकार होने की बात कहते रहे हैं. Rajyavardhan_0409 अब बतौर खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से उस ‘विजन’ को तैयार करने की उम्मीद होगी जहां एक ‘स्पोर्ट्स कल्चर’ यानी खेल संस्कृति बन सके. जहां एक परिवार में मां-बाप बच्चे सब के सब मैदानों तक जाएं. खेलें, खेलें ना सही तो खेल को देखें. खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाएं. मेडल जीतना, ना जीतना बाद की बात है पहले उस ‘प्रॉसेस’ पर काम शुरू हो जो किसी खिलाड़ी को चैंपियन बनाता है. अमूमन अब तक होता ये आया है कि ओलंपिक के दस दिन पहले और दस दिन बाद तक ही इस देश में बाकि खेलों की फिक्र की जाती है. फिर शोभा डे जैसा कोई ‘सेलीब्रिटी राइटर’ ये कहता है कि भारतीय एथलीट सेल्फी खिंचाने के लिए ओलंपिक में जाते हैं. राज्यवर्धन सिंह राठौर को इस सवाल का जवाब तलाशना होगा. उन्हें खिलाड़ियों को वो पहचान दिलानी होगी जिसके वो हकदार हैं. इसके लिए कई बड़े फैसले लेने होंगे. स्पोर्ट्स कल्चर के साथ साथ खेलसंघों में आपसी खींचतान और राजनीति को दूर करना होगा. खिलाड़ियों के हितों को सबसे ऊपर रखने की शुरूआत करानी होगी. यकीन मानिए ये सब बिल्कुल आसान काम नहीं, क्योंकि खेल संघों में इतने ताकतवर और रसूख वाले लोगों का अधिकार है जो आसानी से कुछ मानने वाले नहीं. sindhu कुश्ती में मिली हालिया नाकामी को थोड़ी देर के लिए भूल जाएं तो बैडमिंटन, शूटिंग, कुश्ती, मुक्केबाजी, टेनिस जैसे खेलों में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है. जिमनास्टिक जैसे खेल में दीपा कर्माकर ने इतिहास रचा है. एथलेटिक्स में भी हम अच्छा कर सकते हैं. नए खेलमंत्री से बस इतनी उम्मीद है कि वो खेल के मंत्री बने रहने की बजाए खिलाड़ियों के मंत्री बन जाएं. बदलाव की सूरत तब ही बनती है अगर राठौर कुछ इच्छाशक्ति दिखाते हैं और उस इच्छाशक्ति को अधिकारों का साथ चाहिए होगा.
और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
ABP Premium

वीडियोज

Bangladesh priest arrested: Chinmay Das के वकीलों पर हमले का दावा, जमानत की सुनवाई में नहीं हुए शामिल | Janhitकभी थे सूबे के सरकार, सुखबीर सिंह बादल अब बने पहरेदार! | Bharat Ki BaatBharat Ki Baat: Eknath Shinde की भूमिका पर इतना सस्पेंस क्यों? | Mahayuti | BJP | Maharashtra New CMSandeep Chaudhary: EVM से तौबा-तौबा...तो ही चुनाव निष्पक्ष होगा? | Maharashtra | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनाई खरी-खरी
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की विवादित टिप्पणी, गोडसे की तारीफ की
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
लापता हुए सुनील पाल का पुलिस ने खोजा पता, जानें कहां गायब हो गए थे कॉमडियन
IND vs AUS: 'विराट कोहली से डर लगता है...', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
'विराट कोहली से डर लगता है', दूसरे टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलिया ने टेके घुटने! दिग्गज ने अपने बयान से चौंकाया
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
बाबा रामदेव ने पिया गधी का दूध, जानें इसकी कीमत और क्या हैं फायदे
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से मिले कांग्रेस नेता, मांगे वोटर लिस्ट के आंकड़े! ECI ने दिया ये जवाब
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
खाते में नहीं पहुंची महतारी वंदन योजना की किस्त? तुरंत करें ये काम
संभल हिंसा: तलाशी में मिले पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
संभल हिंसा: पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे, फॉरेंसिक टीम ने खंगाली नालियां
Embed widget