भारत लगातार प्रगति के पथ पर चल रहा है, जिसका शानदार नजारा गणतंत्र दिवस के मौके पर देखा गया. चाहे आर्थिक क्षेत्र में हो, चाहे विदेश नीति में हो या फिर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हो... भारत लगातार आगे बढ़ रहा है. डिफेंस के मामले में भी भारत तेजी से प्रगति कर रहा है. पिछले 6-7 साल में देखने को मिल रहा है कि लगातार इस क्षेत्र में काम हो रहा है. हम राफेल के कई स्क्वॉर्डन बना रहे हैं नेवी के प्रोग्राम में एयरक्राफ्ट करियर, सबमरीन और इसी तरह की चीजें बना रहे हैं.
हमने जिस तरह से प्रचंड और ध्रुव जैसे हेलिकॉप्टर तैयार किए हैं, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स की काफी डिमांड है. बाहरी देश इनकी डिमांड कर रहे हैं. खासतौर पर तेजस की डिमांड काफी ज्यादा है. म्यांमार ने बोल दिया है कि हमें एफ-16 नहीं बल्कि तेजस चाहिए. तो हम देख सकते हैं कि भारत की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है.
आज गणतंत्र दिवस पर ये सभी चीजें नजर आईं, हमने डीआरडीओ की और नारी शक्ति की झांकियां देखीं. किस तरह से हर महकमे में और हर जगह एक जोशीला माहौल है, ये हमारे लिए काफी अच्छी खबर है. पिछले दो दशकों में जमीन-आसमान का फर्क आ गया है. एक जमाना था जब हम एक राइफल नहीं बना पाते थे, अब हमारी अपनी राइफल फैक्ट्रीज, तेजस बना रहे हैं, नेवल प्रोग्राम चल रहे हैं और हर महकमे में आगे हैं. जब पूरी इंडस्ट्री ताकतवर बनती है तो डिफेंस इंडस्ट्री भी ताकतवर बनती है. हम अपनी कमियां भी दूर कर रहे हैं, साथ ही दूसरे देशों की कमियां भी दूर कर रहे हैं.
हमारी फॉरेन पॉलिसी काफी ज्यादा मजबूत हो रही है. साउथ चाइना सी में देखिए भारत की क्या स्थिति है. जापान के पीएम शिंजो आबे कह गए थे कि एशिया पैसिफिक एरिया का स्ट्रैटिजिक लीडरशिप भारत ले सकता है. अमेरिका भी इसमें भारत के साथ खड़ा है. चीन हर वक्त हमसे नेगोशिएट कर रहा है. ये यही दर्शाता है कि हम लगातार विकास कर रहे हैं. फिर चाहे सड़कें हों या फिर इंडस्ट्रीज हों, हर जगह काम हो रहा है.
हमें हर महकमे में स्वावलंबी होना होगा, हम इसमें आगे तब होंगे जब हम अपने इंजन बना पाएंगे. इस मामले में अब भी हम पीछे हैं. हम अपने इंजन नहीं बना रहे हैं, फिर चाहे वो एयरक्राफ्ट का इंजन हो, शिप का हो या फिर टैंक का हो... लेकिन अगले कुछ सालों में हम इसे भी पूरा कर सकते हैं.
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