Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन की जंग जिस खतरनाक रास्ते पर आगे बढ़ रही है और उसका अंजाम क्या होगा, उस खतरे को भांपते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से दूसरी बार बातचीत को बेहद अहम माना जा रहा है. हालांकि उन्होंने यूक्रेन में फंसे करीब तीन हजार भारतीय छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी को लेकर ही पुतिन से चर्चा की है, ताकि उनमें से कोई भी रूसी सेना हमले का शिकार न बन सके.


पुतिन से पीएम की बातचीत के मायने
लेकिन कूटनीति के विशेषज्ञ  मानते हैं कि इस बातचीत में पीएम मोदी ने पुतिन को ये सलाह जरूर दी होगी कि वे परमाणु हमला करने की शुरुआत करके दुनिया को विनाश का खंडहर होने से बचाएं. हालांकि ये अलग बात है कि पुतिन उनकी सलाह को मानते भी हैं कि नहीं और अगर मानते भी हैं, तो किस हद तक या फिर अपनी जिद भरी सनक पर आगे बढ़ते हुए इस युद्ध को आखिरी अंजाम तक ले जाते हैं? ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब सिर्फ रूस के पास ही है, जो ये बताना नहीं चाहता कि वह अपना आखिरी पत्ता किस दिन, किस वक्त को खोलेगा.


रूस के खतरनाक इरादों को देखते हुए ही कई सामरिक विशेषज्ञों ने ये भी सलाह देनी शुरु कर दी है कि भारत को अब रूस में रह रहे अपने नागरिकों के लिए भी एडवाइजरी जारी कर देनी चाहिए. हालांकि भारत के लिए फिलहाल ये इतना आसान नहीं है कि वो वहां रह रहे भारतीयों को अचानक़ रूस छोड़ने की सलाह दे दे. लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उससे लगता है कि नाटो देशों को इसमें कूदना पड़ेगा और तब उन सबके निशाने पर रूस ही होगा. उस सूरत में क्या तब हम इस स्थिति में होंगे कि अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाल सकें.


पीएम मोदी ने बुलाई हाई लेवल बैठक
पुतिन से बातचीत के ठीक बाद पीएम मोदी ने एक और बैठक बुलाई, जिसमें भारतीयों को सुरक्षित निकालने और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई. इससे पहले भी पीएम मोदी यूक्रेन संकट को लेकर पुतिन से बात कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने इस मसले को कूटनीति के जरिए हल करने की बात कही. इससे पहले यूक्रेन के बिगड़ते हालात देख बुधवार की शाम भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की गई . विदेश मंत्रालय ने कहा कि, रूस की तरफ से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक जल्द से जल्द खारकीव शहर को खाली करने को कहा गया है. इसीलिए भारतीय छात्रों को बॉर्डर की तरफ मूव करने के लिए कहा जा रहा है. छात्र किसी भी तरह यूक्रेन की सीमा वाले इलाकों तक पहुंचें. खारकीव शहर को हर हाल में छोड़ने को कहा गया है.आलम ये है कि वहां बसें हैं, न टैक्सी और न ट्रेन...ऐसी बमवर्षा की हालत में भारतीय छात्रों को 12 से 15 किलोमीटर तक का रास्ता पैदल ही तय करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें यूक्रेन के समय के मुताबिक उन्हें शाम 4 बजे तक बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कहा गया है.


यूक्रेन में रूस का जोरदार हमला, जबरदस्त तबाही
इस बीच भारतीय समयानुसार बुधवार की देर शाम रूस ने अब तक का सबसे बड़ा हमला करके अपना इरादा बता दिया है. यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर मारियुपोल में सैकड़ों यूक्रेनियों के मारे जाने की आशंका जताई गई है. रूसी सैनिकों ने यहां लगातार बमबारी की है. यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि इस हमले में बड़ी तादाद में लोगों के मारे जाने की आशंका है. शहर के डिप्टी मेयर सर्गेई ओरलोव ने बताया कि यहां एक लाख तीस हज़ार लोग रहते हैं. बमबारी में यह पूरी तरह बर्बाद हो गया है. लिहाज़ा, अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसमें कितनी जबरदस्त तबाही हुई होगी. उन्होंने एक न्यूज चैनल को बताया, ''हमारे लिए बमबारी के शिकार लोगों की गिनती संभव नहीं है. यहां तक कि उनके शव भी उठाने नहीं जा सकते. रूसी सैनिक हर तरह के हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे तोप, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, विमानों और रॉकेटों से हमले कर रहे हैं. वह पूरे शहर को बर्बाद करने पर तुले हैं.''


ओरलोव ने कहा कि रूसी सेना हर तरफ़ से शहर को घेर रही है. वह शहर से चंद किलोमीटर पर ही है. यूक्रेनी सेना काफ़ी बहादुर है और वह शहर की रक्षा करती रहेगी. लेकिन रूसी सेना के लड़ने का तरीक़ा समुद्री डाकुओं जैसा है. वह अपनी सेना के जरिए नहीं लड़ रही है. वे सब कुछ बर्बाद करने में लगी है. गौरतलब है कि रूस के विदेश मंत्री ने कहा है कि तीसरा विश्व युद्ध विनाशकारी और परमाणु युद्ध होगा. ये अमेरिका समेत तमाम नाटो देशों के लिए बड़ी धमकी है. लेकिन ब्रिटेन ने यूक्रेन के साथ देते हुए दावा किया है कि रूस के लिए यूक्रेन पर कब्ज़ा करना बेहद कठिन है और ये मुमकिन नहीं होगा. 


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)