रूस ने पूरी दुनिया को परमाणु जंग के मुहाने पर ला खड़ा कर दिया है कि क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु हथियारों को तैनात करने का फैसला लेकर विश्व में खलबली मच दी है. रूस ने अमेरिका समेत तमाम नाटो देशों को धमकी दे डाली है कि उसकी एक सब मेरिन ही पांच सौ परमाणु हमले कर सकती है. ये धमकी देकर रूस ने अपना खतरनाक इरादा जाहिर कर दिया है कि वह सिर्फ यूक्रेन पर कब्ज़ा करके खामोश नहीं रहने वाला है बल्कि वह यूरोपीय यूनियन के देशों पर भी हमला करने की गिद्ध नजरें लगाये बैठा है.
रूस के खिलाफ अमेरिका द्वारा लाये गए निंदा प्रस्ताव पर आज दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत यानी संयुक्त राष्ट्र ने अपनी महासभा की आपात बैठक बुलाई है. भारतीय समयानुसार शाम करीब साढ़े सात बजे होने वाली इस बैठक में रूस के इस विनाशकारी फैसले पर उसकी जवाबदेही तय करने पर पहले चर्चा होगी और उसके बाद इस प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. दुनिया के 193 देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे और हर देश का एक वोट होगा. यानी 50 फीसदी से एक भी ज्यादा देश ने इस प्रस्ताव के पक्ष में अगर अपना वोट दिया तो रूस के खिलाफ ये निंदा प्रस्ताव पारित हो जाएगा और उसे युद्ध छेड़ने का दोषी माना जायेगा.
लेकिन रूस को संयुक्त राष्ट्र से मिलने वाली फटकार की भी कोई परवाह होती नहीं दिखती है क्योंकि वह जिस खूंखार तरीके से यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ रहा है उसे यूएन की इस जनरल असेंबली से पारित होने वाला निंदा प्रस्ताव भी रोक नहीं पायेगा. हालांकि बहुत संभव यही है कि भारत यहां भी वोटिंग में हिस्सा न लेकर अपने तटस्थ रुख़ पर ही कायम रहेगा. क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस निंदा प्रस्ताव पर दो बार हुई वोटिंग में भारत ने खुद को इससे अलग रखा है. सुरक्षा परिषद की रविवार की देर रात हुई बैठक के बाद हुई वोटिंग में भी भारत ने हिसा न लेते हुए युद्ध की बजाय बातचीत के जरिये ही मसले को सुलझाने के अपने पुराने रुख को ही दोहराया है. भारत के अलावा चीन और यूएई ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है.
लेकिन बड़ी चिंता की बात ये है कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर पूरी तरह से कब्ज़ा करने के लिए रूसी सेना को 2 मार्च तक का टारगेट दिया है. रूस के पूर्व डिप्टी विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ चैनल 'अल जजीरा' को दिए इंटरव्यू में ये दावा किया है. इसलिये ये माना जा रहा है कि आज और कल यानी मंगलवार तक इस लड़ाई को और भी भीषण रूप दुनिया को देखने को मिल सकता है. वैसे भी युद्ध की धरती से जो रिपोर्ट्स आ रही हैं उसके मुताबिक रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन उसने कीव तक पहुंचने वाले रास्तों को चौतरफा घेर लिया है. रविवार की रात हुए एक बड़े हमले में रूसी सेना ने यूक्रेन के एक बड़े तेल डिपो को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. खबरों के मुताबिक रूस की मदद के लिए चेचन्या के 12 हजार से ज्यादा लड़ाके भी यूक्रेन में घुस गए हैं जो उसकी सेना से लड़ रहे हैं.
इस जंग के परमाणु युद्ध में बदल जाने का खतरा भांपते हुए ही अमेरिका ने रूस में रह रहे अपने सब्जी नागरिकों को जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है. अमेरिका के बाद फ्रांस ने भी अपने लोगों को रूस से जल्द बाहर निकलने के लिए कहा है. पुतिन ने जिस तेवर के साथ यूरोपीय देशों को भी धमकाया है उसके बाद उन देशों को भी खुद पर लड़ाई का खतरा मंडराता दिख रहा है. यही वजह है कि यूरोपीय यूनियन के 20 देशों ने अपने एयर स्पेस को रूस के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है. ईयू ने रूस के मित्र राष्ट्र बेलारूस के साथ अपने रिश्ते कहतम करते हुए उस पर भी कई सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं. उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी ऐलान किया है कि वह रूस के साथ अपने संबंध खत्म करने का फैसला जल्द ले सकता है. युद्ध के इस माहौल में ये रूस के लिए एक बड़ा झटका होगा.
इधर, दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध से उपजे हालातों पर रविवार को करीब दो घंटे लंबी उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द वहां से सुरक्षित निकालने के निर्देश दिये गए हैं. बताया गया है कि करीब 13 हजार छात्र अभी भी वहां फंसे हुए हैं. इस जंग के बीच ही यूक्रेन रूस से बातचीत करने के लिए राजी हो गया था लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो भी बेनतीजा रही है. इससे पहले यूक्रेन के विदेश मंत्री, डायमेट्रो कुलेबा ने कहा था कि भले ही रूस से बातचीत शुरु हो गई है लेकिन यूक्रेन ना तो सरेंडर करेगा और न ही अपनी एक इंच जमीन छोड़ेगा. साथ ही उसने ये भी चेतावनी दी है कि अगर रूस ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो दुनिया में तबाही आ जाएगी.
उनके मुताबिक पिछले चार दिनों में रूस को जंग के दौरान भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अब तक रूस के 46 एयरक्राफ्ट, 26 हेलीकॉप्टर, 146 टैंक और मिसाइल सिस्टम को तबाह किया गया है. उन्होंने दावा किया कि रूस के 4300 सैनिकों को मार गिराया गया है लेकिन साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों से गुहार लगाई है कि रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार, मिसाइल, एटीजीएम, ड्रोन और गोला-बारूद की जरुरत है,जो उन्हें जल्द देनी चाहिए. अब सवाल ये उठता है कि पुतिन संयुक्त राष्ट्र की बात मानेंगे या फिर अपनी जिद पर अड़े रहकर दुनिया को परमाणु बमों की विनाशलीला में धकेल देंगे?
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)