एक्सप्लोरर

रूसी तेल पर यूरोपीय संघ का एतराज, एस जयशंकर ने दिखाया आईना, जर्मनी का साथ भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक

भारत, पिछले एक साल से रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल का आयात कर रहा है. इसको लेकर यूरोप के देशों ख़ासकर यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों में खूब चर्चा हो रही है. यूरोपीय संघ के सदस्य देशों का भारत यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस का तेल खरीद फिर उससे बने पेट्रोलियम उत्पादों को यूरोप को बेच रहा है, जो ठीक नहीं है. हालांकि, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ खुलकर भारत के पक्ष में आ गए हैं और इस मसले पर भारत को घेरने वाले देशों को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी है.

रूस-यूक्रेन युद्ध विदेश नीति का बड़ा मोड़

हर देश को अपने हितों को देखना है. भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती आई थी, जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था. अब उस लड़ाई को 400 दिन हो चुके हैं, एक साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है. वह समय बहुत क्राइसिस का था. भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी तेल चालित ही है और तेल पर हमारी बड़ी निर्भरता आयात की है. जब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे, तो भारत के लिए वह बड़ी मुश्किल की घड़ी थी. उस समय भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत स्वतंत्र तौर पर रूस से क्रूड ऑयल खरीदा.

अब तकनीकी समस्या ये है कि भारत ने क्रूड ऑयल तो खरीदा, और उसे वह परिष्कृत-संशोधित कर यूरोपीय देशों को बेच रहा है. भारत में बड़ी संख्या में रिफाइनरी है और भारत समेत चीन और अमेरिका भी रूसी तेल पर निर्भर थे. भारत के पास सबसे बड़ी चुनौती ये है कि यूरोपीय देश बोल रहे हैं कि भारत को ऐसा नहीं करना चाहिए.

हालांकि, भारत ने किसी नैतिक या कानूनी नियम को नहीं तोड़ा है. भारत जो कर रहा है, वह उस क्रूड ऑयल को बेहद परिष्कृत करता है, शोधित करता है और तब बेचता है. यह किसी कानून का उल्लंघन नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिल्कुल सही तौर पर यूरोपीय देशों को उनके ही नियमों का हवाला दिया है और आईना दिखाया है.

आप जैसे प्लास्टिक को ही लीजिए. वह भी तो ऑयल का ही एक बाइ-प्रोडक्ट है. तो क्या हम प्लास्टिक बेचना बंद कर दें, प्लास्टिक के खिलौने नहीं बनाएं? भारत किसी अंतरराष्ट्रीय संधि को नहीं तोड़ रहा है और वह जो कुछ भी कर रहा है, एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के नाते उसकी विदेश और आर्थिक नीति के तहत कर रहा है. 

यूरोप केंद्रित नहीं रही वैश्विक राजनीति

यूरोपीय यूनियन की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल दरअसल भारत पर दबाव बनाना चाह रहे हैं. असल में तो वह रूस पर निशाना साध रहे हैं. असल में यूक्रेन युद्ध तो दोनों को ही भारी पड़ रहा है. चाहे वह रूस हो या पश्चिमी देश हों. पश्चिम देख रहा है कि रूस झुकेगा नहीं और रूस को फिलहाल मजबूती देने में भारत का भी एक तरह से हाथ कहा जाएगा क्योंकि भारत ने भारी मात्रा में तेल खरीद कर रूस पर लगे प्रतिबंध को निष्प्रभावी तो कर ही दिया.

ऊपर से ईयू की खिसियाहट इस बात पर भी है कि भारत फिर उसे ही शोधित-परिष्कृत कर यूरोप को बेच रहा है. जिस तेल पर यूरोप की निगाह थी, वह अब उनसे दूर है. इसी पर बौखलाए बोरेल ने बेतुके बयान भी दिए हैं और बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल भी नहीं हुए हैं. यह दबाव बनाने का एक तरीका है. जर्मनी ने तो खुद ही इस पर चर्चा शुरू करवा दी कि भारत का यह रुख कानूनी तौर पर सही है. जर्मनी ने कहा है कि यूरोप भारत को कानूनी तौर पर बाध्य नहीं कर सकता है, हां उससे दरख़्वास्त जरूर कर सकता है. भारत के निर्णय का आदर करने की भी बात जर्मनी ने कही है. जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का बहुत ही सधा हुआ बयान है और भारत की तरफ दोस्ती का बढ़ा हुआ हाथ है. 

जयशंकर ने तो बस आईना दिखाया

भारत की विदेश नीति अब यथार्थवादी और अपने हितों की प्राथमिकता देने वाली है. विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह नीति और भी प्रखर होती जा रही है. जो देश भारत को आईना दिखाने की कोशिश करते हैं, भारत अब उनको पलटकर सच्चाई दिखाता है.

अब तक वैश्विक राजनीति को यूरोप के चश्मे से देखा गया. यूरोप की समस्या को दुनिया की समस्या देखा गया. भारत के डोकलाम में कुछ भी हो, उनको मतलब नहीं. भारत को 1971 में जो झेलना पड़ा, तब वे पाकिस्तान के साथ खड़े थे. आतंकवाद के मसले पर भारत के हित नहीं देखते, तो अब यूरोप और अमेरिका को यह साफ करना होगा कि भारत की समस्या अब उनकी समस्या है, तभी यह दोस्ती आगे रंग लाएगी. कोविड के समय भी भारत ने दुनिया के हरेक देश को मदद दी, छोटे-छोटे देशों को मदद दी, भारत हमेशा से ऐसा ही करता आया है. जब भी दुनिया में कहीं भी मुसीबत आई है, भारत वहां खड़ा रहा है. 

अब भारत को नहीं कर सकते नजरअंदाज

वैश्विक राजनीति में भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकते, ये तो बिल्कुल साफ है. भारत फिलहाल जी 20 और एससीओ का अध्यक्ष है. अभी कश्मीर में जी 20 से जुड़ी एक मीटिंग भी होनेवाली है. भारत पर कितना भी दबाव बनाया गया, लेकिन वह उभर कर निकला है. क्वाड की मीटिंग के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे, लेकिन जी 7 मीटिंग की पृष्ठभूमि में ही वह भारतीय नेतृत्व समेत बाकी नेताओं से मिलेंगे. अभी दुनिया की राजनीति में भारत का कहना मायने रखता है. दुनिया के देश जानते हैं कि भारत आक्रामक नहीं है, वह भरोसेमंद है और उसकी आर्थिक प्रगति बहुत तेजी से हो रही है. भारत को अभी नकार कर दुनिया के लिहाज से फैसले न तो लिए जा सकते हैं, न ही कार्यान्वित किए जा सकते हैं.

क्वाड हो या जी 7 या जी 20, कोई भी नया जो गठबंधन बनता है, तो भारत की प्रजातांत्रिक मजबूती को देखकर, उसकी आंतरिक स्थिति को भांपकर और आर्थिक प्रगति का अंदाजा लगाकर दुनिया के देश जानते हैं कि भारत का वैश्विक रंगमंच पर आगमन हो चुका है. अमेरिका अब कमजोर हो रहा है और चीन को काउंटर करने के लिए वह भी भारत की ओर देख रहा है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर केवल चीन के साथ संबंध रखकर आगे नहीं चला जा सकता है, यह दुनिया के देश समझ रहे हैं. दुनिया बहुत तेजी से बहुध्रुवीय हो रही है और सभी देश जब तक एक-दूसरे का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक चीनी साम्राज्यवाद के बगटुट घोड़े को थामना संभव नहीं दिखता है.

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है) 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Sun Apr 13, 6:52 pm
नई दिल्ली
26.7°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 51%   हवा: ENE 8.1 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'जिस दिन हम आ जाएंगे, उसी दिन घंटे भर में इलाज कर देंगे', वक्फ कानून पर बोले इमरान मसूद
'जिस दिन हम आ जाएंगे, उसी दिन घंटे भर में इलाज कर देंगे', वक्फ कानून पर बोले इमरान मसूद
17 अप्रैल को महागठबंधन की बैठक, 19 को बिहार पहुंचेंगे खरगे, बड़ी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस
17 अप्रैल को महागठबंधन की बैठक, 19 को बिहार पहुंचेंगे खरगे, बड़ी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस
स्टाइल आइकन हैं 'केसरी 2' एक्ट्रेस अनन्या पांडे! वेस्टर्न ही नहीं, देसी लुक में भी दिखती हैं बवाल, देखें तस्वीरें
स्टाइल आइकन हैं एक्ट्रेस अनन्या पांडे! वेस्टर्न ही नहीं, देसी लुक में भी दिखती हैं बवाल
IPL मैच के पहले ओवर में सबसे ज्यादा विकेट, जहीर खान से आगे निकला MI का गेंदबाज; रच डाला इतिहास
IPL मैच के पहले ओवर में सबसे ज्यादा विकेट, जहीर खान से आगे निकला MI का गेंदबाज
ABP Premium

वीडियोज

News @ 10 : वक्फ कानून पर सड़क पर उतरे मुस्लिम संगठन | Waqf Amendment Bill | Murshidabad violenceWaqf Amendment Bill : वक्फ पर घमासान, किसका फायदा, किसका नुकसान? Murshidabad violence | BreakingJanhit : मुर्शिदाबाद में डर, कितने हिंदू बेघर ? । Murshidabad Violence । Waqf Board । ABP NEWSMumbai Attack : नाट्यरूपांतरण से समझिए कैसे रची गई थी मुंबई हमले की साजिश ?। Tahawwur Rana

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'जिस दिन हम आ जाएंगे, उसी दिन घंटे भर में इलाज कर देंगे', वक्फ कानून पर बोले इमरान मसूद
'जिस दिन हम आ जाएंगे, उसी दिन घंटे भर में इलाज कर देंगे', वक्फ कानून पर बोले इमरान मसूद
17 अप्रैल को महागठबंधन की बैठक, 19 को बिहार पहुंचेंगे खरगे, बड़ी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस
17 अप्रैल को महागठबंधन की बैठक, 19 को बिहार पहुंचेंगे खरगे, बड़ी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रही कांग्रेस
स्टाइल आइकन हैं 'केसरी 2' एक्ट्रेस अनन्या पांडे! वेस्टर्न ही नहीं, देसी लुक में भी दिखती हैं बवाल, देखें तस्वीरें
स्टाइल आइकन हैं एक्ट्रेस अनन्या पांडे! वेस्टर्न ही नहीं, देसी लुक में भी दिखती हैं बवाल
IPL मैच के पहले ओवर में सबसे ज्यादा विकेट, जहीर खान से आगे निकला MI का गेंदबाज; रच डाला इतिहास
IPL मैच के पहले ओवर में सबसे ज्यादा विकेट, जहीर खान से आगे निकला MI का गेंदबाज
वैगनआर है या वैगन एयर? दूल्हे ने कार में लगाए पंख, यूजर्स बोले, उड़ती भी है या सिर्फ हवा देती है, देखें वीडियो
वैगनआर है या वैगन एयर? दूल्हे ने कार में लगाए पंख, यूजर्स बोले, उड़ती भी है या सिर्फ हवा देती है, देखें वीडियो
ट्रंप सरकार का एक और पैंतरा, ट्रेड वॉर में अमेरिका का नया हथियार बनेगा 'सेमीकंडक्टर टैरिफ'
ट्रंप सरकार का एक और पैंतरा, ट्रेड वॉर में अमेरिका का नया हथियार बनेगा 'सेमीकंडक्टर टैरिफ'
शादी के बाद डिप्रेशन का शिकार क्यों होने लगते हैं कपल्स? इन टिप्स से एक-दूसरे को रख सकते हैं खुश
शादी के बाद डिप्रेशन का शिकार क्यों होने लगते हैं कपल्स? यहां है जवाब
‘बड़ी बेशर्मी से फर्जी खबरें फैलाई जा रहीं’, बीजेपी ने शेयर की बंगाल में हिंसा की तस्वीरें तो भड़कीं TMC सांसद
‘बड़ी बेशर्मी से फर्जी खबरें फैलाई जा रहीं’, बीजेपी ने शेयर की बंगाल में हिंसा की तस्वीरें तो भड़कीं TMC सांसद
Embed widget