रेगिस्तान में आंधियां जब चलती है तो बिना किसी भेद के अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को तबाह कर देती है. फिलहाल ऐसा ही हाल राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का है. गहलोत ने अपनी सरकार तो बचा ली लेकिन गहलोत के बयानों के बवंडर ने पार्टी की नई पुरानी पीढी को सीधे दो फाड़ कर दिया है.


कांग्रेस में नई-पुरानी पीढ़ी की लड़ाई, खुलकर सामने आई
जयपुर में आज गहलोत ने खुलकर पार्टी की नई पीढ़ी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले खूब रगड़ाई हुई हमारी. नई पीढ़ी समझ नहीं पा रही अगर रगड़ाई होती तो अच्छा काम करते. गहलोत इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने सचिन पायलट पर सीधे हॉर्स ट्रेडिंग के आऱोप लगाए. सवाल पूछा कि आखिर नई पीढ़ी जो राहुल गांधी सोनिया गांधी की पसंद है वो अगर हॉर्स ट्रेडिंग का हिस्सा बनेगी तो भविष्य बर्बाद हो जाएगा.


बीजेपी को कठघरे में खड़ा करते हुए गहलोत ने ईडी, सीबीआई, आय़कर विभाग का दुरुपयोग कर राजस्थान सरकार के खिलाफ साजिश के आरोप भी लगाए. लेकिन गहलोत का आज का बयान ज्यादा महत्वपूर्ण इसीलिए हो जाता हैं क्योंकि काग्रेस का वो मर्ज जिन पर पर्दे के पीछे, ढ़के छुपे अंदाज़ में भले ही कांग्रेस के नेता बात करते रहे हो लेकिन खुल कर बोलने की हिम्मत कोई नही कर पाया.


सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, मिलिंद देवड़ा से लेकर खुद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी तक के नाम बार बार कांग्रेस की वंशवाद की बीमारी बताने को लिए जाते रहे. लेकिन आज गहलोत ने साफ साफ बोला कि सोने का चम्मच मुंह में लेकर पैदा हुई ये कांग्रेस की नई पीढ़ी को पार्टी की विचारधारा से कोई मतलब नहीं और यही बात कांग्रेस को डुबो रही है.


गहलोत का संदेश साफ था पार्टी को पुराने, निष्टावान, कर्मठ कार्यकर्ता को तरजीह देनी होगी. इसी पर आज संविधान की शपथ में हमने चर्चा की क्या सरकार बचाने के चक्कर में कांग्रेस की नई- पुरानी पीढी की अंदरूनी लड़ाई खुल कर सामने आई.


कांग्रेस की नई पीढ़ी हॉर्स ट्रेडिंग में फंस गई ?
आज की चर्चा के बाद मेरी राय - गहलोत का युवाओं की रगड़ाई वाला पाठ सिर्फ पायलट तक सीमित नहीं रहेगा.. आंच राहुल गांधी तक पहुंचनी तय है. गहलोत का ये बयान राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ाएगा.


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