क्रिकेट में लॉ ऑफ एवरेज चलता है. यानि कोई बल्लेबाज लगातार ‘इनफॉर्म’ नहीं रहता. ये बात ‘आउट ऑफ फॉर्म’ होने पर भी लागू होती है. इस लॉ ऑफ एवरेज की कसौटी पर फिलहाल शिखर धवन की बात करते हैं. फाइनल में मजबूत प्रदर्शन के लिए जरूरी है कि टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर अच्छा प्रदर्शन करे.
टॉप ऑर्डर में रोहित शर्मा और विराट कोहली सीरीज में एक-एक शतक लगा चुके हैं. रोहित शर्मा ने पहले वनडे में शानदार शतक लगाया था. हालांकि उनके शतक के बाद भी टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था क्योंकि शुरूआती तीन विकेट बहुत जल्दी आउट हो गए थे. अगले मैच में विराट कोहली ने शानदार शतक लगाया. उनके शतक और बाद में महेंद्र सिंह धोनी के अर्धशतक की बदौलत टीम इंडिया ने जीत हासिल कर सीरीज में वापसी की.
अब शुक्रवार को शिखर धवन की बारी है. शिखर धवन पिछले मैच में जबरदस्त शॉट्स लगा रहे थे. उन्होंने भले ही 32 रनों की छोटी सी पारी खेली लेकिन उस पारी में उनके बल्ले से निकले शॉट्स ने सभी को प्रभावित किया. 28 गेंद पर 32 रनों की अपनी पारी में उन्होंने 5 चौके लगाए थे. इसके बाद एक लेंथ बॉल को जल्दी खेलने की गलती करके उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया. वरना थोड़े सब्र के साथ वो बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे.
फटाफट क्रिकेट में अच्छी फ़ॉर्म में हैं शिखर
पिछले दो साल में शिखर धवन ने 43 वनडे मैचों में 47 से ज्यादा की औसत से 1889 रन बनाए हैं. इसमें 6 शतक और 8 अर्धशतक शामिल हैं. वैसे भी ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर शिखर धवन का बल्ला चलता है. इसी दौरे पर टी-20 सीरीज में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. शिखर धवन ने 3 टी-20 मैचों की दो पारियों में 58.5 की औसत 117 रन बनाए थे. उनका स्ट्राइक रेट 182.81 का था. इस दौरान उन्होंने एक अर्धशतक लगाया था.
दो पारियों में उन्होंने 16 चौके और 4 छक्के भी जड़े थे. जो उनकी आक्रामक बल्लेबाजी को दर्शाता है. इसके बाद चूंकि वो टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे इसलिए मैदान में नहीं उतरे. वनडे सीरीज के लिए उन्होंने वापसी की और दूसरे वनडे में कुछ अच्छे शॉट्स लगाए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन के आंकड़े वैसे भी अच्छे हैं. उन्होंने वनडे करियर में 17 मैच कंगारुओं के खिलाफ खेले हैं. इसमें उन्होंने 658 रन बनाए हैं. इसमें 2 शतक शामिल है. इन 17 मैचों में उनकी औसत 41 से ज्यादा की है. जाहिर है शुक्रवार को होने वाले सीरीज के आखिरी मैच में टीम इंडिया को उम्मीद होगी कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन का बल्ला चले और टीम इंडिया फाइनल सरीखे इस आखिरी मैच पर कब्जा करके सीरीज जीत ले.
शिखर को क्यों पसंद है ऑस्ट्रेलियाई पिचें
शिखर धवन नैचुरली एग्रेसिव खिलाड़ी हैं. उन्हें बल्ले पर आने वाली गेंदों पर शॉट्स खेलना अच्छा लगता है. ऑस्ट्रेलियाई पिचें उन्हें इसलिए रास आती हैं क्योंकि वो काफी समय बैकफुट पर जाकर अपने शॉट्स लगाते हैं. गेंदबाजों को कट और पुल जैसे शॉट्स खेलकर दबाव बनाने नहीं देते. इस सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई पिचों ने जिस तरह का बर्ताव किया है वो शिखर धवन को पता है. उन्हें इस बात का अंदाजा है कि अगर शुरूआत में तीन चार ओवर का समय निकाल लिया तो फिर गेंदबाज पर हावी हुआ जा सकता है. वनडे क्रिकेट में करीब 8 साल का तजुर्बा रखने वाले शिखर धवन मौजूदा टीम इंडिया के सबसे सीनियर खिलाड़ियों में से एक हैं. उन्हें पता है कि अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराकर सीरीज जीत लेती है तो इसका आने वाले समय में कितना बड़ा मनोवैज्ञानिक फायदा होगा. उन पर किसी तरह का दबाव भी नहीं है. लिहाजा शुक्रवार का दिन अगर शिखर के नाम रहा तो सीरीज भी टीम इंडिया के नाम होगी.