(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
35 के सुपर चैंपियन रॉजर फेडरर का संन्यास के सवाल पर ‘इंकार’ या ‘इकरार’
स्विटजरलैंड के सुपर चैंपियन रॉजर फेडरर को 18वां ग्रैंडस्लैम जीते अब कुछ घंटे बीत गए हैं. जश्न का दौर चल रहा है. टेनिस की दुनिया में अब चर्चा सिर्फ इस बात को लेकर है कि क्या रॉजर फेडरर अभी खेलना जारी रखेंगे? 35 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतने वाले रॉजर फेडरर ने अपने भविष्य को लेकर कुछ भी साफ भी नहीं किया है. वो अब भी खेलना चाहते हैं.
इसका इशारा उन्होंने ये कहकर दिया कि उम्मीद है कि मैं वापस यहां आ सकूंगा लेकिन ये उम्मीद ही है, गारंटी नहीं. मैंने ये भी नहीं सोचा है कि ये मेरा आखिरी ऑस्ट्रेलियन ओपन है. रॉजर फेडरर के इस खिताब पर इतनी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने करीब 5 साल बाद कोई ग्रैंडस्लैम जीता है.
साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद रॉजर फेडरर ने रफायल नदाल को 6-4, 3-6, 6-1, 3-6, 6-3 से हराया. लेकिन इस बड़ी कामयाबी से पहले बीते 5 सालों में उनके आलोचकों ने कई बार उनके प्रदर्शन पर उंगलियां भी उठाई हैं.
चुनौती भरे रहे पिछले कुछ साल
ये बात अक्सर कही जाने लगी थी कि रॉजर फेडरर अब ‘बेस्ट ऑफ द रेस्ट’ तो हैं लेकिन ‘बेस्ट ऑफ द बेस्ट’ नहीं. दरअसल, पिछले 5 साल से फेडरर ने कोई ग्रैंडस्लैम खिताब नहीं जीता था. उनकी उम्र भी लगातार बढ़ रही थी. ऐसे में लोगों को ये कहने का मौका मिल गया था कि टेनिस का एक महान युग खत्म होने की कगार पर है. ऐसे वक्त में रॉजर फेडरर ने ‘मास्टर स्ट्रोक’ लगाया.
रफायल नदाल जैसे ताकतवर खिलाड़ी को पांच सेट तक चले मुकाबले में हराकर उन्होंने ये साबित कर दिया कि अभी उनमें काफी दम-खम बचा है. इस जीत के बाद भावुक फेडरर ने ये भी कहाकि वो नदाल के खिलाफ हारकर भी खुश होते. टेनिस में ड्रॉ नहीं होता लेकिन अगर होता तो नदाव के साथ ट्रॉफी साझा करके भी उन्हें खुशी होती. उनका ये बयान रफायल नदाल को लेकर उनके सम्मान को बताने के लिए काफी है.
इन दोनों खिलाड़ियों के बीच टेनिस प्रेमियों ने कई यादगार और एतिहासिक मुकाबले पहले भी देख हैं. इस जीत के साथ ही एक बार फिर यह बहस शुरू होगी कि क्या रॉजर फेडरर टेनिस के खेल में अब तक के महानतम खिलाड़ी हैं?
टॉप दो खिलाड़ियों में नहीं रह गए थे फेडरर
ये फेडरर का 18वां ग्रैडस्लैम खिताब है, जो एक रिकॉर्ड भी है. रॉजर फेडरर ने इससे पहले 2012 में विबंलडन जीता था. रॉजर फेडरर के खाते में विबंलडन से पहले ऑस्ट्रेलियन ओपन के तौर पर जो ग्रैंडस्लैम खिताब आया था, वो उन्होंने जनवरी 2010 में इंग्लैंड के एंडी मरे को हराकर जीता था.
दरअसल, फेडरर के प्रदर्शन पर ऊंगलियां उठाने की वजह ये थी कि 2010 के बाद से ही उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही थी. ग्रैंडस्लैम मुकाबलों में वे फीके पड़ते नजर आ रहे थे. उनके लिए फाइनल में जगह बनाना मुश्किल होता जा रहा था. जाहिर है लगातार हार की वजह से फेडरर इस खेल के टॉप दो खिलाड़ियों की रेस से बाहर होते दिखाई देने लगे. दरअसल, टेनिस के खेल में हमेशा से यह रवायत रही है कि एक दौर में दो महान खिलाड़ी हुए हैं. बीते कुछ सालों के उदाहरण लिए जाएं तो बोरिस बेकर, आंद्रे आगासी, पीट सैम्प्रास, रॉजर फेडरर, रफायल नदाल या फिर नोवाक जोकोविच. अपने अपने समकालीन खिलाड़ियों के साथ इन दिग्गजों की जबरदस्त लड़ाई रही है.
पिछले कुछ साल में प्रदर्शन को पैमाना मानते हुए अगर मौजूदा टेनिस के दो बड़े खिलाड़ियों का नाम लेना हो तो इस फेहरिस्त में रॉजर फेडरर का नाम नहीं आ रहा था. नदाल और जोकोविच ने यह जगह उनसे छीन ली थी. पिछले कुछ साल में ज्यादातर ग्रैंडस्लैम के फाइनल में मुकाबला रफायल नदाल और नोवाक जोकोविच के बीच ही हो रहा था.
बड़ी जीत के साथ फैंस को दी बड़ी खबर
टेनिस कोर्ट में इन तीनों खिलाड़ियों की रफ्तार में उम्र का फर्क नजर आने लगा था. रॉजर फेडरर अभी करीब 35 साल के हैं और जोकोविच 29 के. रफायल नदाल करीब 30 साल के हैं. कोर्ट को कवर करने के लिए जिस फुर्ती की जरूरत होती है, उसका सीधा नाता उम्र से है. ‘स्किल’ के मामले में फेडरर अब भी बहुत आगे हैं, लेकिन ‘स्पीड’ के मामले में वे पिछड़ते दिखाई दे रहे थे.
तमाम खेलों में खिलाड़ियों की उम्र और उनके प्रदर्शन की तुलना करने पर तमाम बहसें हुई हैं. आगे भी होती रहेंगी, लेकिन ग्रैंडस्लैम खिताबों के बेताज बादशाह ने 35 साल की उम्र में खिताब जीतकर इस बहस को एक बार फिर चुनौती दी.
इस बात से शायद ही कोई इंकार करेगा कि फेडरर अपने दौर के सबसे बड़े खिलाडी रहे हैं. महान खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने सवा दो सौ से ज्यादा हफ्तों तक उन्होंने दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाए रखा था. लेकिन, रिकॉर्ड के शिखर पर बैठे रॉजर फेडरर जब कोर्ट में प्रदर्शन नहीं दे पा रहे थे, तो उनके फैंस को मायूसी हो रही थी. उनके फैंस को रॉजर फेडरर की हार में अब कोई खबर नहीं दिखती थी, उन्हें लगता था कि अब बड़ी खबर तो तब बनेगी जब रॉजर फेडरर कोई खिताब जीतेंगे. अपने चाहने वालों को रॉजर फेडरर ने वही बड़ी खबर बड़े खिताब के साथ दी है.