दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अब तक खेले गए पांच वनडे मैचों में टीम इंडिया को 4-1 की बढ़त मिल चुकी है. बात साफ है कि सीरीज का अंतिम स्कोर भारत के पक्ष में 5-1 भी हो सकता है. ऐसा ना भी हो तो भी इस सीरीज की हार लंबे समय तक दक्षिण अफ्रीका टीम को सताएगी. अव्वल तो वो अपने घर में हार रही है, दूसरे हार का अंतर इतना बड़ा है कि स्कोरबोर्ड देखकर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि दक्षिण अफ्रीका की यही टीम कुछ हफ्ते पहले तक आईसीसी रैंकिंग्स में पहले पायदान की टीम थी. जिस टीम का अपने घरेलू मैदान में अपने तेज गेंदबाजों के दम पर दबदबा था. वही टीम इतनी कमजोर दिख रही है कि उसके खिलाड़ियों का आत्मविश्वास नदारद है.


पिछले मैच में जीत के बाद कुछ खिलाड़ियों ने बड़बोलापन दिखाया था. उसे फुस्स होने में कुछ ही दिन लगे. आपको याद दिला दें कि चौथे वनडे में जीत के बाद दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज हेनरिक क्लासन ने विराट कोहली की रणनीति पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि बल्लेबाजी के दौरान वो और डेविड मिलर ये सोच रहे थे कि आखिरी ओवरों में विराट कोहली अपने तेज गेंदबाजों को गेंद सौंपेंगे, लेकिन विराट अपने स्पिनर्स के साथ ही आक्रमण करते रहे. क्लासन ने कहा था कि विराट कोहली का वो फैसला चौंकाने वाला था. अब हेनरिक क्लासन को समझ आ गया होगा कि विराट की कप्तानी बेहतर है या उनके बयान.

गेंदबाज-बल्लेबाज सभी ने किया निराश
शुरूआती मैचों में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज भी बेदम और बेरंग नजर आ रहे थे. पहले तीन वनडे मैचों में भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने मनमाफिक बल्लेबाजी की. दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज उन्हें किसी तरह की चुनौती देने में नाकाम रहे. चौथे और पांचवे वनडे में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने बेहतर प्रदर्शन किया. खास तौर पर तीस ओवर के बाद उन्होंने अपने दम-खम के भरोसे भारत को बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोका. भारतीय बल्लेबाजों ने तीन सौ पार का लक्ष्य हासिल करने के लिए गलत शॉट्स खेले और आउट भी हुए. चौथे और पांचवे दोनों वनडे में भारतीय टीम एक वक्त पर ऐसी स्थिति में थी कि स्कोरबोर्ड पर 350 रन जुड़ते दिख रहे थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने उन्हें चौथे वनडे में 289 और पांचवे वनडे में 274 रन पर ही रोक दिया.

मेजबानों की परेशानी ये है कि जब गेंदबाजों ने साथ दिया तो बल्लेबाज नहीं चले. नतीजा ये हुआ कि बारिश से प्रभावित चौथे मैच में डकवर्थ लुइस नियम के चलते मेजबानों को जीत मिली लेकिन पांचवें मैच में एक बार फिर उसे हार का सामना करना पड़ा.

भारत ने सीरीज में जो चार मैच जीते हैं उसमें हार का अंतर भी जान लीजिए. भारत ने पहला मैच 6 विकेट से जीता. दूसरे मैच में उसने 9 विकेट से जीत हासिल की. तीसरे वनडे में भारत को 124 रन से जीत मिली. चौथा वनडे सीरीज का इकलौता मैच है जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा. मंगलवार को पोर्ट एलिजाबेथ में खेले गए सीरीज के पांचवे मैच में भारत ने फिर 73 रन के बड़े अंतर से मेजबान टीम को हराया. हार का ये अंतर इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि एक टीम के तौर पर इस सीरीज में टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका में फर्क काफी बड़ा था.

नहीं चलेगा खिलाड़ियों की चोट का बहाना
इस सीरीज के दौरान दक्षिण अफ्रीका को तीन प्रमुख खिलाडियो की चोट से जूझना पड़ा. पहले एबी डीविलियर्स, फिर फाफ ड्यूप्लेसी और फिर क्विंटन डी कॉक को टीम से बाहर बैठना पड़ा. अव्वल तो खिलाड़ियों की चोट भी खेल का हिस्सा ही है. बावजूद इसके अगर दक्षिण अफ्रीका इसे हार की वजह बताता है तो वो बात भी जरा कम ही पचती है. ऐसा इसलिए क्योंकि पहले मैच में ड्यूप्लेसी के शानदार शतक के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पहले मैच के बाद वो टीम से बाहर हुए.



एबी डीविलियर्स तीसरे वनडे के बाद टीम में वापसी कर गए. बावजूद उसके वो चौथे और पांचवे वनडे में आउट ऑफ फॉर्म ही दिखे. क्विंटन डी कॉक के बाहर बैठने से इसलिए कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि चोट लगने से पहले वो आउट ऑफ फॉर्म चल रहे थे. सच्चाई ये है कि इस सीरीज का नतीजा दक्षिण अफ्रीका को इसलिए भी लंबे समय तक याद रहेगा क्योंकि उसके मुकाबले भारतीय टीम बेहतर तैयारियों के साथ मैदान में उतरी.