BLOG: मिशन 2019 में धोनी के बैटिंग ऑर्डर पर सोचने के लिए मिले समय का इस्तेमाल करें विराट
ये बहस कतई नई नहीं है. फिर भी इस पर चर्चा करने की जरूरत है. चर्चा करने की जरूरत इसलिए है क्योंकि जैसे-जैसे 2019 का वर्ल्ड कप मिशन करीब आ रहा है वैसे वैसे तैयारियों को आखिरी शक्ल देने की चुनौती भी सामने है. इस बात में अब कोई दोराय नहीं रह गई है कि महेंद्र सिंह धोनी 2019 का विश्व कप खेलेंगे.
ये बहस कतई नई नहीं है. फिर भी इस पर चर्चा करने की जरूरत है. चर्चा करने की जरूरत इसलिए है क्योंकि जैसे-जैसे 2019 का वर्ल्ड कप मिशन करीब आ रहा है वैसे वैसे तैयारियों को आखिरी शक्ल देने की चुनौती भी सामने है. इस बात में अब कोई दोराय नहीं रह गई है कि महेंद्र सिंह धोनी 2019 का विश्व कप खेलेंगे.
बतौर विकेटकीपर उनके रोल को लेकर कहीं से कोई दुविधा जैसी बात नहीं है लेकिन एक बल्लेबाज के तौर पर धोनी का रोल अभी थोड़ा संशय की स्थिति में है. धोनी जब कप्तान थे और अपनी बल्लेबाजी की ‘पीक’ पर थे तब भी कई बात ये बात उठी थी कि उन्हें बैटिंग ऑर्डर में ऊपर आना चाहिए और नंबर-4 पर बल्लेबाजी करनी चाहिए.
इसके बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ी तो विराट कोहली टीम के कप्तान बने. धोनी के बैटिंग ऑर्डर को लेकर विराट कोहली की रणनीति अभी तक स्पष्ट नहीं है. वो कभी धोनी को हार्दिक पांड्या से पहले बल्लेबाजी करने भेजते हैं कभी बाद में. बतौर कप्तान विराट कोहली की बल्लेबाज धोनी से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कराने की रणनीति है या फिर वो उन्हें एक ‘शीट-एंकर’ के तौर पर देखना चाहते हैं. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खत्म हुई सीरीज के बाद ये बहस एक बार फिर उठी है.
टीम मैनेजमेंट के पास है धोनी को लेकर सोचने का पर्याप्त समयभारतीय टीम को अब लगातार टी-20 मैच खेलने है. पहले टीम श्रीलंका में एक टी-20 ट्राएंगुलर सीरीज खेलने जाएगी. उसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग शुरू हो जाएगा. भारतीय टीम को अब अगला वनडे मैच 12 जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ खेलना है. करीब साढ़े चार महीने का वक्त है. इस दौरान टीम मैनेजमेंट और विराट कोहली को इस बारे में एक स्पष्ट राय बना लेनी चाहिए.
कोशिश ये होनी चाहिए कि इस बारे में धोनी से भी बात की जाए. धोनी के ‘क्रिकेटिंग-ब्रेन’ की दाद हर कोई देता है. यहां तक कि कप्तान बनने के बाद विराट कोहली ये बात कह चुके हैं कि धोनी जैसे क्रिकेटिंग-ब्रेन वाले खिलाड़ी कम ही मिलते हैं. धोनी के नंबर चार पर बल्लेबाजी करने का मतलब है कि अजिंक्य रहाणे को वो जगह छोड़नी होगी.
आंकड़े रहाणे के पक्ष में हैं लेकिन आंकड़ों में धोनी ज्यादा पीछे नहीं है. धोनी मैच के हालात के मुताबिक बल्लेबाजी करने में माहिर हैं. पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने भी हाल में एक इंटरव्यू में कहा है कि धोनी को नंबर चार पर बल्लेबाजी कराना टीम इंडिया के लिए फायदेमंद होगा. विराट कोहली को फिनिशर के रोल के लिए मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या या केदार जाधव जैसे बल्लेबाजों को तैयार करना चाहिए. अगर किसी मैच में धोनी जल्दी आउट हो भी जाते हैं तो इन नए खिलाड़ियों में से किसी को मैच फिनिश करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
नंबर चार पर क्या कहते हैं धोनी के आंकड़े
नंबर चार पर बल्लेबाजी को लेकर खूब प्रयोग हुए हैं. पिछले कुछ सालों में खास तौर पर 2015 विश्व कप के बाद से इस पोजीशन पर कई खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी की है. फिलहाल अजिंक्य रहाणे इस जगह पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. उन्होंने नंबर चार पर बल्लेबाजी करके 10 मैचों में 386 रन बनाए हैं. उनका औसत 42.8 का है.उन्होंने 4 अर्धशतक लगाए हैं. धोनी ने 2015 विश्व कप के बाद से 9 मैचों में नंबर 4 पर बल्लेबाजी की है. उनका औसत 35.5 का है. उन्होंने कुल 320 रन बनाए हैं. इसमें दो अर्धशतक शामिल हैं. नंबर चार पर युवराज सिंह का रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है, लेकिन मौजूदा फॉर्म और फिटनेस के आधार पर फिलहाल अगले विश्व कप तक उनके टीम में होने पर बड़ा संशय है. ऐसे में रहाणे और धोनी के बाद और विकल्प के तौर पर हार्दिक पांड्या, मनीष पांडे, दिनेश कार्तिक और केदार जाधव जैसे बल्लेबाज टीम इंडिया में है जरूर लेकिन इन सभी के मुकाबले धोनी की परिपक्वता कहीं ज्यादा है.
दुनिया भर की टीमें मिशन 2019 में लग गई हैं, विराट कोहली को इस बारे में सोचने का भरपूर वक्त भी मिला है. आंकड़े उनके सामने हैं. फैसला उन्हें ही करना है. टीम इंडिया के लिए बेहतर होगा कि ये फैसला विराट कोहली जल्द ले लें.