बीजेपी नेता सोनाली फोगाट की मौत का मामला भी क्या सुशांत सिंह राजपूत की तरह मिस्ट्री तो नहीं बन जायेगा? दरअसल, दोनों ही मामलों में ड्रग्स का एंगल सामने आया है, लिहाज़ा सोनाली के परिवार वालों को अब सुशांत राजपूत की मौत का मामला याद आ गया है और उन्हें ये डर सता रहा है कि हत्या के इस मामले का हश्र भी कहीं वैसा ही न हो जाये. हालांकि गोवा पुलिस ने दावा किया है कि सोनाली फोगाट के पीए सुधीर सांगवान ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, लेकिन अदालत में इसे साबित कर पाना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि कोई भी अभियुक्त वहां ये कबूल नहीं करता है कि हत्या उसने ही की है.


लेकिन इस दावे के उलट एक ऑडियो टेप भी सामने आया है, जिसमें सुधीर सांगवान खुद को बेकसूर बताते हुए दावा कर रहा है कि ये सब कैसे हुआ, उसे भी नहीं मालूम. सोनाली की मौत के बाद सचिन नामक उनके भतीजे ने सांगवान से फोन पर बात करके मौत की हक़ीक़त जानने की कोशिश की थी, जिसे उसने रिकॉर्ड  कर लिया. इसमें सांगवान ने दावा किया है कि "रात में हम पार्टी से राजी-खुशी आये थे. सुबह मैं पांच-सात मिनट के लिए होटल के कमरे से बाहर निकला और उस बीच ये सब हो गया." जाहिर है कि सांगवान ने ये दावा करके मौत की इस गुत्थी को और उलझाने का ही काम किया है. यही वजह है कि सोनाली के परिवार को अब सुशांत सिंह राजपूत की मौत याद आने लगी है. सोनाली के जेठ कुलदीप फोगाट ने कहा कि वो नहीं चाहते कि यह मामला सुशांत सिंह राजपूत की मौत की तरह बन जाये, जहां आरोपी आजतक तक खुले में घूम रहे हैं.


उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि, " सुशांत का परिवार अभी भी मानता है कि वह मारा गया था, रिया चक्रवर्ती ने उन्हें ड्रग्स दिया था, लेकिन वो अभी तक बाहर है. मामला अभी खत्म नहीं हुआ है. उनके मुताबिक, यह मामला नशीली दवाओं के कब्जे या नशीली दवाओं के सेवन के बारे में नहीं है, बल्कि सीधे तौर पर हत्या करने का है. कुलदीप फोगाट ने आगे कहा- "हम मांग करते हैं कि सोनाली के हत्यारों को फांसी दी जाए. अगर मामला साबित नहीं होता है कि उसकी हत्या की गई है तो हम सीबीआई जांच की मांग करेंगे और हम नार्को टेस्ट की भी मांग करेंगे."


गौरतलब है कि 14 जून, 2020 को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मुंबई में बांद्रा स्थित अपने आवास में लटके पाए गए थे. उनकी मृत्यु को पहले आत्महत्या कहा गया, फिर परिवार वालों के आरोप पर हत्या के एंगल से जांच की गई. बाद में केंद्रीय एजेंसियों और चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा इसे आत्महत्या का मामला करार दे दिया गया था. दरअसल अब तक तो पुलिस भी जान गई होगी कि सोनाली की मर्डर मिस्ट्री का सबसे बड़ा राजदार सुधीर सांगवान ही है. बताते हैं कि साल 2016 में सोनाली के पति अशोक फोगाट की मौत के बाद साल 2018 में सांगवान सोनाली के संपर्क में आया और 2019 तक वह सोनाली का इतना ज्यादा करीबी बन गया था कि सांगवान की मर्ज़ी के बगैर सोनाली कोई काम नहीं करती थी. यहां तक कि परिवार के लोगों को भी सोनाली से मिलने के लिए सांगवान से पूछना पड़ता था.


राजनीति से लेकर अभिनय की दुनिया तक सोनाली का सारा एजेंडा सुधीर सांगवान ही तय करता था. सोनाली के घर, फार्महाउस में काम करने वाले सभी पुराने लोगों पर सुधीर का कंट्रोल था. सुधीर की मर्ज़ी के बिना सोनाली कोई फ़ैसला नहीं लेती थीं. सुधीर सांगवान खुद को ठेकेदार बताता था, लेकिन PA के तौर पर सोनाली के साथ काम करने पर उसे कोई एतराज़ नहीं था. सोनाली से प्रभावशाली लोगों को फ़ोन करवाने से लेकर राजनीति के गलियारों से जुड़े कार्यों के लिए बड़े लोगों के यहां दस्तक देने का काम भी सांगवान ही करवाता था.


जानकारी के मुताबिक़ सोनाली गोवा के होटलों और क्लबों में परफॉरमेंस देने के लिए क़रीब दो साल से जा रही थी. बताते हैं कि हरियाणा के दो बड़े नेताओं के अलावा दिल्ली के एक बड़े नेता का भी सोनाली को आशीर्वाद प्राप्त था. यही वजह थी कि 2019 के विधानसभा चुनाव में आदमपुर से सोनाली फोगाट को टिकट मिला. सुखविंदर की एंट्री भी सुधीर सांगवान के ज़रिए ही हुई. सूत्र बताते हैं कि सुधीर ने सोनाली से कहा कि सुखविंदर उनको परफॉर्मेंस दिलवाने का काम करेगा. गोवा और मुंबई में उसका अच्छा नेटवर्क है. हालांकि सुखविंदर चरखी दादरी के मंदोला गांव का रहने वाला है. फिलहाल सुधीर और सुखविंदर दोनों गोवा पुलिस के रिमांड पर हैं. 


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