हरियाणा में सोनीपत के सांदल कलां गाव में रविवार रात को एक घटना घटती है. इसमें गांव के कुछ लोग एक छोटी सी मस्जिद में घुसकर नमाज पढ़ रहे लोगों पर हमला कर देते हैं. इस घटना में कई लोग जख्मी हो जाते हैं, जिनमें बूढ़े भी शामिल हैं. एबीपी लाइव की टीम ने उस इलाके के SHO संदीप कुमार और सांदल कलां गांव के सरपंच कुलदीप से बातचीत कर घटना से जुड़ी हर बारीकी को जानने की कोशिश की. आइए जानते हैं कि एसएचओ और सरपंच ने क्या कहा.
एसएचओ संदीप कुमार ने क्या कहा इस घटना पर
हरियाणा के सोनीपत में सांदल कलां के नाम से एक गांव है. वहां के एक मस्जिद में कुछ शरारती बच्चों ने घुसकर मार पिटाई की. इसमें 8 आदमी जख्मी हुए हैं. घायलों में एक बुजुर्ग भी थे. इस घटना को अंजाम देने वाले लड़के गांव के ही हैं. सभी लड़के यंग हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम वहां पहुंची और पूरे इलाके को घेर लिया. हमने एफआईआर दर्ज कर ली. और जांच करके उनमें से 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. हिन्दू-मुस्लिम का कोई मामला नहीं था. कुछ लड़के शराब के नशे में थे. उनकी बहस हुई और उसके बाद वे मस्जिद के अंदर चले गए और मार-पीट शुरू हो गई. इस घटना को अंजाम देने वाले लोगों के मन में पहले से मुस्लिम समुदाय को लेकर कुछ नहीं था. शराब के नशे में वे लोग वहां से गुजर रहे थे और बहस के बाद मार-पीट शुरू कर दी.
ये कोई बड़ी मस्जिद नहीं है. एक छोटा सा कमरा ही है, जिसे नमाज पढ़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इससे पहले कभी भी यहां दोनों समुदाय के बीच इस तरह की संघर्ष की घटना नहीं हुई थी. हमने पूरे गांव से बात की है. गांव में अब भी पूरी शांति है. यहां पहले भी दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते थे और एक-दूसरे की सहायता करते थे.
जो घायल हुए हैं, उन लोगों ने ही हमें बताया कि इससे पहले यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था और वहां के लोग हम लोगों की हमेशा सहायता करते रहे हैं. जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है उनके ऊपर धार्मिक भावना को भड़काने का केस दर्ज किया गया है और उन लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
सांदल कलां के सरपंच कुलदीप का क्या कहना है
सारे नमाज़ी अपना नमाज़ पढ़ रहे थे. उसी दौरान गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने दारु पीकर बिना सोचे समझे फालतू में जाकर उन पर हमला कर दिया. ये मैंने सुना है, देखा नहीं है. घटना के बाद प्रशासन को सूचना दी गई और प्रशासन ने अपनी तरफ से कार्रवाई की. पुलिस की तैनाती कर गांव में शांति बनाने का काम किया गया. अभी गांव में शांति है. जो भी आरोपी थे उनको पकड़ कर अंदर कर दिया गया. पुलिस ने अपनी तरफ से अच्छे से कार्रवाई की है.
पंचायत पूरा कोशिश कर रहा है कि शांति बनी रहे और मामला ठंडा पड़ जाए. जिनका भी नुकसान हुआ है, उनको हर्जाना मिल सके. जो कट्टरता फैलाने का काम कर रहे हैं, उन बच्चों को सही रास्ते पर लाया जाए. इसमें साजिश किसी की नहीं कह सकते हैं. मेरा मानना है कि सोशल मीडिया पर जिस तरह का माहौल है, उसका भी असर इन बच्चों पर पड़ रहा है. बच्चों को शराब पिलाकर मिसगाइड किया गया है. बीच बचाव करने वाले लोगों को भी चोट लगी है. किसी के पैर में तो किसी के सिर में चोट है. एक बुजुर्ग के हाथ में चोट है.
इस तरह की घटना से भाईचारे पर बहुत बुरा असर होता है. इससे पहले इस गांव में ऐसी कोई समस्या नहीं आई थी. गांव में भाईचारा था. ये अचानक से घटना हो गई. जिन्होंने ये हरकत की है, उन लोगों के खिलाफ गांव में रोष है. इस तरह की हरकत होनी नहीं चाहिए. ये पूरे गांव के लिए शर्मिंदगी की बात है. इस तरह की हरकत जो भी करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जो नादान हैं, जिनकी उम्र कम है, उनको समझाने की कोशिश होनी चाहिए. लेकिन जो पूरी तरह से समझदार हौ और सोच समझकर ऐसी साजिश करते हैं, उनके खिलाफ प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
(ये आर्टिकल सांदल कलां इलाके के एसएचओ और सरपंच से बातचीत पर आधारित है)