(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सिर्फ गेंद ही नहीं विरोधी टीम के बल्लेबाजों का सिर भी घुमाते हैं विराट के स्पिनर
शनिवार को टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का चौथा मैच खेला जाएगा. भारतीय टीम सीरीज में 3-0 की बढ़त पहले ही बना चुकी है. एक और जीत के साथ सीरीज पर उसका कब्जा हो जाएगा. आईसीसी की वनडे रैंकिंग में भी टीम इंडिया पहले पायदान पर कब्जा कर लेगी.
शनिवार को टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का चौथा मैच खेला जाएगा. भारतीय टीम सीरीज में 3-0 की बढ़त पहले ही बना चुकी है. एक और जीत के साथ सीरीज पर उसका कब्जा हो जाएगा. आईसीसी की वनडे रैंकिंग में भी टीम इंडिया पहले पायदान पर कब्जा कर लेगी.
टेस्ट रैंकिग्स में भारतीय टीम पहले से ही नंबर एक पर है. टेस्ट सीरीज में मिली हार के जख्मों पर मरहम लगाने का ये शानदार मौका है. दिलचस्प बात ये है कि दक्षिण अफ्रीका के लिए भारतीय टीम के दो गेंदबाज अबूझ पहले बने हुए हैं. ये दो गेंदबाज हैं- यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव. दोनों ‘रिस्ट स्पिनर’ हैं यानी कलाई से गेंद को घुमाते हैं लेकिन फिलहाल इस सीरीज में इन दोनों गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों का सिर घुमा रखा है. हालत ये है कि इस सीरीज के अब तक खेले गए 3 मैचों में इन दोनों गेंदबाजों ने मिलकर 21 विकेट लिए हैं. इससे बड़ी तारीफ क्या होगी कि कप्तान विराट कोहली कहते हैं कि उन्हें गेंद दो तो पता रहता है कि विकेट निकाल कर देंगे. भारतीय स्पिनर्स की कामयाबी का इतिहास नया नहीं है. क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक तमाम बड़े भारतीय स्पिनर्स के कारनामों से भरी हुई है. फर्क ये है कि इन दोनों गेंदबाजों के सामने फिलहाल बल्लेबाज बिल्कुल ही बेदम दिख रहे हैं. ये समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर चहल और यादव की गेंदबाजी में ऐसा क्या खास है?
चहल और यादव की गेंदबाजी में क्या खास है
यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा राज है-‘एक्यूरेसी’. इन दोनों गेंदबाजों का ‘टप्पा’ कमाल का है. दोनों ने अब तक खेले गए तीनों मैचों में ज्यादातर ‘गुडलेंथ’ पर गेंदबाजी की है. ऐसा लगता है कि जैसे दोनों ने ‘गुडलेंथ स्पॉट’ को पकड़ लिया है. यहां तक तो बात एक जैसी है लेकिन बड़ा फर्क ये है कि यजुवेंद्र चहल की गेंद टप्पा खाने के बाद बाहर की तरफ जाती है. इससे ठीक उलट कुलदीप यादव की गेंद अंदर की तरफ आती है. ये बड़ा फर्क है जो दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाज पकड़ नहीं पा रहे हैं. बल्लेबाजों के लिए मुसीबत तब और बढ़ जाती है जब यजुवेंद्र चहल बीच बीच में गुगली भी फेंक देते हैं. कुछ ऐसा ही कारनामा कुलदीप यादव भी करते हैं. यही वजह है कि इन दोनों गेंदबाजों के आंकड़े कमाल के हैं. कुलदीप यादव इस सीरीज में 3.08 की इकॉनमी से 3 मैचों में फेंके गए 25 ओवर में 77 रन देकर 10 विकेट चटका चुके हैं. चहल का इतने ही मैचों में इकॉनमी रेट 4.13 का है. उन्होंने 3 मैचों में 27.2 ओवर में 113 रन देकर 11 विकेट लिए हैं. विकेट के मामले में इन दोनों गेंदबाजों ने मिलकर दक्षिण अफ्रीका के 75 फीसदी विकेट अपने खाते में किए हैं.
कप्तान का भरोसा है की-फैक्टर इन दोनों ही कप्तानों पर विराट कोहली का भरोसा कमाल का है. ये विराट कोहली का भरोसा ही था कि टेस्ट सीरीज के नियमित स्पिनर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा पर उन्होंने चहल और यादव को वरीयता दी. विराट कोहली ये उम्मीद भी जता चुके हैं कि 2019 के विश्व कप में इन दोनों गेंदबाजों की जोड़ी फर्क डालेगी. दिलचस्प बात इन दोनों गेंदबाजों को लेकर विराट कोहली की रणनीति भी है. विराट कोहली हमेशा इन दोनों गेंदबाजों को विकेट लेने के लिए प्रेरित करते हैं. पिछले मैच में सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज क्रिकेटर ने कॉमेंट्री करते हुए कहाकि हो सकता है कि कोई ऐसा मैच हो जब इन दोनों गेंदबाजों की धुनाई हो जाए. हो सकता है कि इन दोनों गेंदबाजों को 10 ओवर में 65-70 रन पड़ जाएं लेकिन इससे ना तो ये दोनों गेंदबाज घबराते हैं और ना ही इनके कप्तान. ऐसा इसलिए क्योंकि बतौर कप्तान विराट कोहली को पता है कि ये दोनों गेंदबाज रन तो एकाध मैच में लुटाएंगे लेकिन मैच जिताएंगे कई बार. शनिवार को दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाज एक बार फिर इन दोनों गेंदबाजों की फिरकी का तोड़ ढूंढने के लिए संघर्ष करते दिखाई देंगे.