एक्सप्लोरर

तमिलनाडु में बीजेपी को सियासी जमीन मजबूत करने देगी क्या AIADMK?

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण की राजनीति में मची हलचल की तस्वीर अब काफी हद तक साफ हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक की कमान अब पूरी तरह से एडप्पादी पलानीस्वामी (EPS) के हाथ में आ चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी से अपनी सहयोगी बीजेपी को आंखें दिखाते हुए साफ कर दिया है इस बार सीटों के बंटवारे का फैसला अन्नाद्रमुक ही लेगी कि कौन,कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. 

पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीर सेल्वम ,शशिकला और दिनाकरण को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है. इसलिये सवाल है कि अब इन तीनों का क्या होगा और क्या वे नई पार्टी बनाकर अन्नाद्रमुक के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे. तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं.साल 2019 के चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को जबरदस्त सफलता मिली थी. DMK+ ने राज्य की 39 सीटों में से 37 पर जीत दर्ज की थी. जबकि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को महज एक ही सीट हासिल हुई थी. इसकी बड़ी वजह थी कि पलानीस्वामी और ओ पनीर सेल्वम गुट के बीच पार्टी के कब्जे को लेकर जबरदस्त लड़ाई छिड़ी हुई थी,जिसका खामियाजा पूरी पार्टी को भुगतना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री शशिकला और दिनाकरण भी पनीरसेल्वम गुट के साथ थे जिसका नतीजा ये हुआ कि अपने मजबूत गढ़ में भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा.हालांकि उससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव मे  एआईएडीएमके को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि बीजेपी और पीएमके को 1-1 सीट मिली थी.लेकिन तब जयललिता जिंदा थीं और उनका जलवा भी बरकरार था.
 
अब पार्टी की पूरी कमान पलानीस्वामी के हाथों में आ जाने से उनकी स्थिति मजबूत हो गई है, लिहाज़ा वे अपनी शर्तों पर ही बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं.जबकि  इधर,बीजेपी का लक्ष्य है कि कर्नाटक में सत्ता हासिल हो जाने के बाद तमिलनाडु में भी पार्टी की सियासी जमीन मजबूत की जाये. इस सूरत में उसकी कोशिश होगी कि कम से कम 30 फीसदी सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव -मैदान में हों, लेकिन पलानीस्वामी के तेवरों से नहीं लगता कि वे इतनी आसानी से बीजेपी को इतनी सीटें दे ही देंगे. बीते दिनों हुई पार्टी नेताओं की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव पलानीस्वामी ने संसदीय सीटों के बंटवारे को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. उन्होंने साफ़ लहजे में कहा है कि संसदीय के लिए सीटों के बंटवारे पर अबकी बार फैसला एआईएडीएमके ही करेगी.

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी मुख्यालय में तमाम जिला सचिवों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पार्टी के सांसद, विधायक और प्रवक्ता भी शामिल हुए थे. AIADMK के प्रवक्ता डी जयकुमार ने कहा था कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर पलानीस्वामी ही बीजेपी नेताओं से चर्चा करेंगे लेकिन अंतिम फैसला हमारा ही होगा कि कौन,कितनी सीटों पर कहाँ से चुनाव लड़ेगा.उन्होंने पार्टी में आंतरिक संघर्ष की खबरों की निंदा करते हुए कहा था, “हमारी पार्टी के भीतर कोई मुद्दा नहीं है.हम सभी एकजुट हैं.हमने ओ पन्नीरसेल्वम, शशिकला या टीटीवी दिनाकरण पर चर्चा नहीं की क्योंकि वे हमारी पार्टी में नहीं हैं. पन्नीरसेल्वम हमारी पार्टी के झंडे और प्रतीक पर कैसे दावा कर सकते हैं,जबकि वह हमारी पार्टी में ही नहीं हैं.”

दरअसल, बीते दिनों ही सर्वोच्च अदालत ने पलानीस्वामी को पार्टी महासचिव के तौर पर काम जारी रखने की हरी झंडी दे दी है. इसे पालनिसामी के विरोधी ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.बता दें कि पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर विवाद है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु हाईकोर्ट की डिविजन बेंच के फैसले को बरकरार रखा है. यानी ई पलानीस्वामी AIADMK के जनरल सेक्रेटरी बने रहेंगे. हाइकोर्ट की डिविजन बेंच ने ई पलनिस्वामी के पक्ष में फैसला सुनाया था. जिसको ओ पनीर सेल्वम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि पार्टी से निष्कासित नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री शशिकला (Sasikala) ने भी 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले पार्टी के फिर से एकजुट होने को लेकर संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से हम सभी एक साथ मिलकर आम चुनाव में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे.

बता दें कि साल 2016 में जयललिता के निधन के बाद AIADMK में सत्ता को लेकर अंदरुनी विवाद छिड़ गया. जयलिलता की करीबी दोस्त शशिकला ने पार्टी की कमान अपने हाथ में ले ली और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जा बैठीं. इसके बाद पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर पार्टी के भीतर खींचतान का सिलसिला शुरू हुआ, जो आज तक जारी है. इसकी वजह से एआईडीएमके की 2019 में बुरी हार हुई. पार्टी में अंदरूनी कलह मच गई. ओपीएस ने मुख्यमंत्री के उम्मीदवार पद को छोड़ दिया. ईपीएस को 2021 विधानसभा चुनाव में सीएम पद का प्रत्याशी बनाया गया. तभी से पार्टी ईपीएस और ओपीसी कैंप में बंट कर रह गई है. 

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Mon Mar 24, 7:41 pm
नई दिल्ली
20.4°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 56%   हवा: W 3.6 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

बिजली के मीटर पर उंगली से लिखो जमजम, कम हो जाएगा बिल? वीडियो पर मुस्लिमों से मौलाना ने की ये अपील
बिजली के मीटर पर उंगली से लिखो जमजम, कम हो जाएगा बिल? वीडियो पर मुस्लिमों से मौलाना ने की ये अपील
कुणाल कामरा पर भिड़ीं NDA और इंडिया गठबंधन की पार्टियां, समर्थन और विरोध में दिए तर्क
कुणाल कामरा पर भिड़ीं NDA और इंडिया गठबंधन की पार्टियां, समर्थन और विरोध में दिए तर्क
DC vs LSG: 15 ओवर में थे 170, फिर भी 209 रन ही बना सकी लखनऊ; पूरन-मार्श के बाद सारे सूरमा फेल
15 ओवर में थे 170, फिर भी 209 रन ही बना सकी लखनऊ; पूरन-मार्श के बाद सारे सूरमा फेल
250 करोड़ के बजट में बनी अजय देवगन की ये फिल्म, ईद पर हुई थी रिलीज, फिर भी बुरी तरह रही फ्लॉप
250 करोड़ के बजट में बनी अजय की ये फिल्म, फिर भी बुरी तरह रही फ्लॉप
ABP Premium

वीडियोज

Meerut Murder Case: पति के टुकड़े..प्रेमी के साथ अय्याशी | ABP Newsमौत की धमकी से लेकर फ्लाइट बैन तक Kunal Kamra का 'कॉमेडी' कांड !  Janhit Full Show'Kunal Kamra: विवादों का 'किंग' जिसके मुंह से हर बार फिसल जाती है आग! '। Bharat Ki BaatSandeep Chaudhary : सोच इतनी तंग...व्यंग्य नहीं पसंद ? । Kunal Kamra । Eknath Shinde

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बिजली के मीटर पर उंगली से लिखो जमजम, कम हो जाएगा बिल? वीडियो पर मुस्लिमों से मौलाना ने की ये अपील
बिजली के मीटर पर उंगली से लिखो जमजम, कम हो जाएगा बिल? वीडियो पर मुस्लिमों से मौलाना ने की ये अपील
कुणाल कामरा पर भिड़ीं NDA और इंडिया गठबंधन की पार्टियां, समर्थन और विरोध में दिए तर्क
कुणाल कामरा पर भिड़ीं NDA और इंडिया गठबंधन की पार्टियां, समर्थन और विरोध में दिए तर्क
DC vs LSG: 15 ओवर में थे 170, फिर भी 209 रन ही बना सकी लखनऊ; पूरन-मार्श के बाद सारे सूरमा फेल
15 ओवर में थे 170, फिर भी 209 रन ही बना सकी लखनऊ; पूरन-मार्श के बाद सारे सूरमा फेल
250 करोड़ के बजट में बनी अजय देवगन की ये फिल्म, ईद पर हुई थी रिलीज, फिर भी बुरी तरह रही फ्लॉप
250 करोड़ के बजट में बनी अजय की ये फिल्म, फिर भी बुरी तरह रही फ्लॉप
डोसे के साथ खूब खाते होंगे सांभर, क्या पता है इसकी कहानी? 'छावा' से जुड़ा है इतिहास
डोसे के साथ खूब खाते होंगे सांभर, क्या पता है इसकी कहानी? 'छावा' से जुड़ा है इतिहास
तबादले के बाद भी जमे हुए 10 पुलिस अधिकारियों को हेडक्वाटर ने किया कार्य मुक्त, नया आदेश जारी
तबादले के बाद भी जमे हुए 10 पुलिस अधिकारियों को हेडक्वाटर ने किया कार्य मुक्त, नया आदेश जारी
पिछले 10 सालों में कितना बढ़ा देश पर विदेशी कर्ज, सरकार ने दिए चौंकाने वाले आंकड़े
पिछले 10 सालों में कितना बढ़ा देश पर विदेशी कर्ज, सरकार ने दिए चौंकाने वाले आंकड़े
सुबह उठते ही खाली पेट चाय-कॉपी पीना कितना सही, इससे सेहत को कितना होता है नुकसान?
सुबह उठते ही खाली पेट चाय-कॉपी पीना कितना सही, इससे सेहत को कितना होता है नुकसान?
Embed widget